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कीट और विवर्तन ग्रेटिंग

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कीट और विवर्तन ग्रेटिंग के बीच अंतर

कीट vs. विवर्तन ग्रेटिंग

एक टिड्डा कीट अर्थोपोडा संघ का एक प्रमुख वर्ग है। इसके 10 लाख से अधिक जातियों का नामकरण हो चुका है। पृथ्वी पर पाये जाने वाले सजीवों में आधे से अधिक कीट हैं। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि कीट वर्ग के 3 करोड़ प्राणी ऐसे हैं जिनको चिन्हित ही नहीं किया गया है अतः इस ग्रह पर जीवन के विभिन्न रूपों में कीट वर्ग का योगदान 90% है। ये पृथ्वी पर सभी वातावरणों में पाए जाते हैं। सिर्फ समुद्रों में इनकी संख्या कुछ कम है। आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण कीट हैं: एपिस (मधुमक्खी) व बांबिक्स (रेशम कीट), लैसिफर (लाख कीट); रोग वाहक कीट, एनाफलीज, क्यूलेक्स तथा एडीज (मच्छर); यूथपीड़क टिड्डी (लोकस्टा); तथा जीवीत जीवाश्म लिमूलस (राज कर्कट किंग क्रेब) आदि। . एक ट्रान्समिशन विवर्तन ग्रेटिंग का सूक्ष्मदर्शी द्वारा लिया गया चित्र; इसका उपयोग चन्द्र एक्स-किरण उपग्रह टेलीस्कोप में किया गया था। इसमें दिख रहे तीन ऊर्ध्व 'छड़ें' ग्रेटिंग को सहारा देने के लिये हैं। एक बहुत बड़ी परावर्तक विवर्तन ग्रेटिंग प्रकाशिकी में, विवर्तन ग्रेटिंग (diffraction grating) एक प्रकाशिक अवयव (optical component) है जो आपतित प्रकाश को कई भागों में तोड़कर इस प्रकार विवर्तित कर देता है कि हमे अलग अलग दिशाओं में जाती हुई कई प्रकाश पुंज (बीम) प्राप्त हो जाते हैं। इन पुंजों की की दिशा आपतित प्रकाश की तरंगदैर्घ्य तथा ग्रेटिंग के बीच की दूरी पर निर्भर करती है। अपने इसी गुण के कारण विवर्तन ग्रेटिंग का उपयोग प्रायः मोनोक्रोमेटर्स तथा स्पेक्ट्रोमीटर में किया जाता है। श्रेणी:प्रकाशिकी.

कीट और विवर्तन ग्रेटिंग के बीच समानता

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संदर्भ

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