हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

कालक्रम विज्ञान और १२ (संख्या)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कालक्रम विज्ञान और १२ (संख्या) के बीच अंतर

कालक्रम विज्ञान vs. १२ (संख्या)

कालानुक्रमिकी या कालक्रम विज्ञान (Chronology) वह विज्ञान है जिसके द्वारा हम ऐतिहासिक घटनाओं का कालनिर्माण कर सकते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि सब घटनाओं को किसी एक ही संवत्सर में प्रदर्शित किया जाए। केवल ऐसा करने पर ही सब घटनाओं का क्रम और उनके बीच का व्यतीत काल हम ज्ञात कर सकते हैं। यह संवत्सर कोई भी हो सकता है—प्राचीन या अर्वाचीन। इस काम के लिए आजकल अधिकतर ईसवी सन्‌ का उपयोग किया जाता है। हमारे यहाँ इस काम के लिए गतकलि वर्ष प्रयुक्त होता था और यूरोप में, प्राचीन काल में और कभी-कभी आजकल भी, जूलियन पीरिअड व्यवहृत होता है। जगत्‌ के विविध देशों और विविध कालों में अलग-अलग संवत्‌ (era) प्रचलित थे। इतना ही नहीं, भारत जैसे विशाल देश में आजकल और भूतकाल में भी बहुत से संवत्‌ प्रचलित थे। इन सब संवतों के प्रचार का आरंभ भिन्न-भिन्न काल में हुआ और उनके वर्षों का आरंभ भी विभिन्न ऋतुओं में होता था। इसके अतिरिक्त वर्ष, मास और दिनों की गणना का प्रकार भी भिन्न था। सामान्यत: वर्ष का मान ऋतुचक्र के तुल्य रखने का प्रयत्न किया जाता था, परंतु इस्लामी संवत्‌ हिज़री के अनुसार वह केवल बारह चांद्र मासों, अर्थात्‌ ३५४ दिनों का, वर्ष होता था, जो ऋतुचक्र के तुल्य नहीं है। कुछ वर्ष चांद्र और सौर के मिश्रण होते थे, जैसा आजकल भारत के अनेक प्रांतों में प्रचलित है। इसमें १२ चांद्र मासों (३५४ दिनों) का एक वर्ष होता है, परंतु दो या तीन वर्षों में एक अधिमास बढ़ाकर वर्ष के मध्य (औसत) मान को ऋतुचक्र के तुल्य बनाया जाता है। प्रत्येक ऋतु-चक्र-तुल्य वर्ष को सौर वर्ष भी कहते हैं, क्योंकि उसका मान सूर्य से संबद्ध होता है। ऊपर हमने चांद्रमास का जो उल्लेख किया है उसको वस्तुत: सौर चांद्रमास कहना चाहिए, क्योंकि उसका आधार सूर्य और चंद्रमा के साथ मिश्र रूप में है। पूर्णिमा तक अथवा अमावस्या से अमावास्या तक इस चांद्रमास का मान होता है। जैसे वर्षमान की कल्पना ऋतुओं पर और मास की कल्पना चंद्रमा की कलाओं पर आश्रित है, उसी प्रकार दिन की गणना की कल्पना सूर्योदय, सूर्यास्त, मध्याह्न अथवा मध्यरात्रि से हुई। सामान्यत: एक मध्याह्न से आगामी मध्याह्न के माध्य (औसत) काल को एक दिन कहते हैं। जहाँ चांद्र मास प्रचलित है, जैसे भारत के विभिन्न प्रदेशों में, तिथियों से गणना की जाती है, जिनका संबंध प्रधानत: चंद्रमा की कलाओं के साथ है। इस प्रकार हम देखते हैं कि जगत्‌ के विविध प्रदेशों में अलग-अलग संवतों से गणना होती है, वर्ष का प्रारंभ भी भिन्न-भिन्न ऋतुओं में होता है और मासगणना तथा दिनगणना भी विविध प्रकार की होती है। अब यदि किसी प्राचीन शिलालेख में हमने पढ़ा कि वह दिन अमुक संवत्‌ के अमुक मास का अमुक दिन था तो प्रश्न उठता है कि वह ठीक कौन सा दिन था। बहुधा इसका उत्तर पाना कठिन होता है, क्योंकि उस संवत्‌ का आरंभ कब हुआ, उसका वर्षमान क्या था और उसके मास तथा दिन किस प्रकार गिने जाते थे, इन सब बातों का ज्ञान प्राप्त किए बिना हम उस दिन का कालनिर्णय नहीं कर सकते। इसलिए पहले यह आवश्यक है कि जगत्‌ के भिन्न-भिन्न संवतों का प्रारंभ, अर्थात्‌ उनके प्रथम वर्ष का आरंभ किसी एक ही प्रमाणित किए हुए संवतों में बताया जाए। जगत्‌ में प्राचीन काल से आज तक बहुत से संवत्सर चलते आए हैं। उन सबका निर्देश एक विस्तृत लेख का विषय है। अत: परिशिष्ट में भारत के प्राचीन एवं अर्वाचीन कुछेक मुख्य संवतों के प्रारंभ का काल ही देंगे। आजकल अधिकांश घटनाओं का काल ईसवी सन्‌ में देने की प्रणाली है। ईसवी सन्‌ के पूर्व की घटनाओं का निर्देश करने के लिए हम "ई.पू.' (ईसा पूर्व) अक्षरों का व्यवहार करते हैं। इतिहासवेत्ताओं की परिपाटी है कि १ ई. सन्‌ के पूर्व के वर्ष को १ ई.पू. १२ ((उच्चारण: बारह) एक प्राकृतिक संख्या है। इससे पूर्व ११ और इसके पश्चात् १३ आता है अर्थात् ग्यारह ११ से एक अधिक होता है एवं १३ में से एक कम करने पर बारह प्राप्त होता है। इसे शब्दों में बारह से लिखा जाता है। छः और पुनः छः का योग बारह होता है। .

कालक्रम विज्ञान और १२ (संख्या) के बीच समानता

कालक्रम विज्ञान और १२ (संख्या) आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

कालक्रम विज्ञान और १२ (संख्या) के बीच तुलना

कालक्रम विज्ञान 2 संबंध है और १२ (संख्या) 22 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (2 + 22)।

संदर्भ

यह लेख कालक्रम विज्ञान और १२ (संख्या) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: