कार्बन डाईऑक्साइड और मैग्नेसाइट
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
कार्बन डाईऑक्साइड और मैग्नेसाइट के बीच अंतर
कार्बन डाईऑक्साइड vs. मैग्नेसाइट
कार्बन डाइआक्साइड (Carbon dioxide) (रासायनिक सूत्र CO2) एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है जो पृथ्वी पर जीवन के लिये अत्यावश्यक है। धरती पर यह प्राकृतिक रूप से पायी जाती है। धरती के वायुमण्डल में यह गैस आयतन के हिसाब से लगभग 0.03 प्रतिशत होती है। कार्बन डाईऑक्साइड कार्बन डाइआक्साइड का निर्माण आक्सीजन के दो परमाणु तथा कार्बन के एक परमाणु से मिलकर हुआ है। सामान्य तापमान तथा दबाव पर यह गैसीय अवस्था में रहती है। वायुमंडल में यह गैस 0.03% 0.04% तक पाई जाती है, परन्तु मौसम में परिवर्तन के साथ वायु में इसकी सान्द्रता भी थोड़ी परिवर्तित होती रहती है। यह एक ग्रीनहाउस गैस है, क्योंकि सूर्य से आने वाली किरणों को तो यह पृथ्वी के धरातल पर पहुंचने देती है परन्तु पृथ्वी की गर्मी जब वापस अंतरिक्ष में जाना चाहती है तो यह उसे रोकती है। पृथ्वी के सभी सजीव अपनी श्वसन की क्रिया में कार्बन डाइआक्साइड का त्याग करते है। जबकि हरे पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करते समय इस गैस को ग्रहण करके कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं। इस प्रकार कार्बन डाइआक्साइड कार्बन चक्र का प्रमुख अवयव है। कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ हाइड्रोजन भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड प्रमुख हैं। सभी जैव अणु जैसे कार्बोहाइड्रेट, अमीनो अम्ल, प्रोटीन, आरएनए तथा डीएनए कार्बनिक यौगिक ही हैं। कार्बन और हाइड्रोजन के यौगिको को हाइड्रोकार्बन कहते हैं। मेथेन (CH4) सबसे छोटे अणुसूत्र का हाइड्रोकार्बन है। ईथेन (C2H6), प्रोपेन (C3H8) आदि इसके बाद आते हैं, जिनमें क्रमश: एक एक कार्बन जुड़ता जाता है। हाइड्रोकार्बन तीन श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं: ईथेन श्रेणी, एथिलीन श्रेणी और ऐसीटिलीन श्रेणी। ईथेन श्रेणी के हाइड्रोकार्बन संतृप्त हैं, अर्थात् इनमें हाइड्रोजन की मात्रा और बढ़ाई नहीं जा सकती। एथिलीन में दो कार्बनों के बीच में एक द्विबंध (. मैग्नेसाइट (Magnesite) मैग्नीशियम कार्बोनेट है। क्षारीय तापरोधक खनिजों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यह खनिज सफेद होता है और उसका आपेक्षिक घनत्व 2.9 se 3.1 है। मैग्नेसाइट के निक्षेप प्रधानत: तमिलनाडु के सेलम; मैसूर तथा उत्तरप्रदेश के अल्मोडा जिले में स्थित हैं। कुछ लघु निक्षेप कुर्ग (राजस्थान) तथा बिहार में भी प्राप्त हुए हैं। सेलम तथा मैसूर के निक्षेपों में अनुमानत: 100 फुट की गहराई तक प्राय: 10 करोड़ टन खनिज विद्यमान हैं। अल्मोड़ा के निक्षेप भी पर्याप्त विस्तृत हैं, किंतु इन निक्षेपों के संबंध में अनेक बातों का अभी ज्ञात नहीं हो सका है। सलेम का मैग्नेसाइट निक्षेप उच्च कोटि का होता है। यातायात के साधनों के अभाव के कारण इनपर कोई विशेष कार्य न किया जा सके, किंतु भविष्य में ये पर्याप्त लाभदायक सिद्ध होगें, इसमें भी कोई संदेह नहीं। इसका उपयोग ऊष्मा प्रतिरोधक ईंटों के निर्माण, इस्पात और विद्युत् भटिठयों में आस्तर देने में और सीमेंट बनाने में होता है। इसके लवणों का व्यवहार औषधियों, कागज और लुगदी के निर्माण, उनके धोने और पेंट बनाने में होता है। .
कार्बन डाईऑक्साइड और मैग्नेसाइट के बीच समानता
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संदर्भ
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