कार्तीय निर्देशांक पद्धति और रैखिक बीजगणित
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
कार्तीय निर्देशांक पद्धति और रैखिक बीजगणित के बीच अंतर
कार्तीय निर्देशांक पद्धति vs. रैखिक बीजगणित
Fig. 1 - कार्तीय निर्देशांक पद्धति. चार बिन्दु प्रकट हैं: (2,3) हरे मै, (-3,1) लाल मै, (-1.5,-2.5) नीले मै और (0,0), मूल बिन्दु, पीले में. गणित में कार्तीय निर्देशांक पद्धति (cartesian coordinate system), समतल मे किसी बिन्दु की स्थिति को दो अंको के द्वारा अद्वितीय रूप से दर्शाने के लिए प्रयुक्त होती है। इन दो अंको को उस बिन्दु के क्रमशः X-निर्देशांक व Y-निर्देशांक कहा जाता है। इसके लिये दो लंबवत रेखाएं निर्धारित की जाती हैं जिन्हे X-अक्ष और Y-अक्ष कहते हैं। इनके कटान बिन्दु को मूल बिन्दु (origin) कहते हैं। जिस बिन्दु की स्थिति दर्शानी होती है, उस बिन्दु से इन अक्षों पर लम्ब डाले जाते हैं। इस बिन्दु से Y-अक्ष की दूरी को उस बिन्दु का X-निर्देशांक या भुज कहते हैं। इसी प्रकार इस बिन्दु की X-अक्ष से दूरी को उस बिन्दु का Y-निर्देशांक या कोटि कहते है। उदाहरण के लिये यदि किसी बिन्दु की Y-अक्ष से (लम्बवत) दूरी a तथा X-अक्ष से दूरी b हो तो क्रमित-युग्म (a,b) को उस बिन्दु का कार्तीय निर्देशांक कहते हैं। . रैखिक बीजगणित (Linear algebra) गणित की एक शाखा है जो सदिश आकाश (वेक्टर स्पेस) तथा उन आकाशों के बीच रैखिक प्रतिचित्रण से सम्बन्धित है। रैखिक बीजगणित का आरम्भ अनेकों अज्ञात राशियों वाले युगपत समीकरणों के हल से हुआ। ऐसे समीकरण प्रायः मैट्रिक्स और सदिशों का उपयोग करके निरूपित किए जाते हैं। शुद्ध गणित और अनुप्रयुक्त गणित- दोनों में ही रैखिक बीजगणित की केन्द्रीय भूमिका है। कैलकुलस और रैखिक गणित के सम्मिलित प्रयोग से रैखिक अवकल समीकरण हल किए जाते हैं। रैखिक बीजगणित की तकनीकें (विधियाँ) वैश्लेषिक ज्यामिति, इंजीनियरी, भौतिकी, प्राकृतिक विज्ञान, संगणक विज्ञान, कम्प्यूतर एनिमेशन और सामाजिक विज्ञान (मुखयतः अर्थशास्त्र) में प्रयुक्त होती हैं। रैखिक बीजगणित के सिद्धान्त और विधियाँ अत्यन्त विकसित हैं। इसी लिए अरैखिक गणितीय मॉडलों को भी कभी-कभी सन्निकट रैखिक मॉडलों से निरूपित कर दिया जाता है जिससे उन्हें हल करने में सुविधा हो जाती है। श्रेणी:रैखिक बीजगणित.
कार्तीय निर्देशांक पद्धति और रैखिक बीजगणित के बीच समानता
कार्तीय निर्देशांक पद्धति और रैखिक बीजगणित आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): गणित।
पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। .
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कार्तीय निर्देशांक पद्धति और रैखिक बीजगणित के बीच तुलना
कार्तीय निर्देशांक पद्धति 2 संबंध है और रैखिक बीजगणित 12 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 7.14% है = 1 / (2 + 12)।
संदर्भ
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