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कारा सागर

सूची कारा सागर

कारा सागर की अवस्थिति दर्शाता मानचित्र आर्कटिक महासागर का एक भाग, कारा सागर (रूसी: море Карское) साइबेरिया के उत्तर में स्थित है। पश्चिम में इसे बेरिंट सागर से कारा जलडमरूमध्य और नोवाया ज़ेमल्या तथा पूर्व में, लाप्टेव सागर से इसे सेवेर्नाया ज़ेमल्या अलग करते हैं। कारा सागर की भौगोलिक उत्तरी सीमा का निर्धारण कोलसाट अंतरीप, ग्राहम बेल द्वीप, फ्रांज जोसेफ भूमि से लेकर आर्कटिक अंतरीप (आर्कटिक केप) जो कि सेवेर्नाया ज़ेमल्या का सबसे उत्तरी सिरा है, से गुजरती रेखा के द्वारा होता है। कारा सागर की लंबाई 1450 किलोमीटर, चौड़ाई लगभग 970 किलोमीटर, क्षेत्रफल 880000 किमी² तथा औसत गहराई लगभग 110 मीटर (360 फीट) है। कारा सागर, बेरिंट सागर जो कि अन्ध महासागर की अपेक्षाकृत गर्म जलधाराओं को ग्रहण करता है, की तुलना में अधिक ठंडा है और वर्ष में नौ महीने से अधिक समय तक जमा रहता है। कारा सागर में ओब, येनिसेय, प्यासिना और टैमिरा नदियां विसर्जित होती हैं और इनके मीठे पानी के कारण इसकी लवणता बदलती रहती है। इसके मुख्य बंदरगाह नोवी और डिकसोन हैं और यह मछली पकड़ने का प्रमुख स्थल है, बावजूद इसके की वर्ष के सिर्फ दो महीने ही इस गतिविधि के लिए उपयुक्त होते हैं, क्योंकि बाकी समय यह जमा रहता है। पश्चिम साइबेरियाई तेल बेसिन के विस्तार के तौर पर यहाँ पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के भंडारों को खोजा गया है पर अभी तक इनका दोहन शुरु नहीं हुआ है। आर्किटिक महासागर को दुनिया का ‘एसी’ कहा जाता है, ये महासागर दुनिया की हिफाजत करता है। लेकिन आर्किटिक महासागर की बर्फ की मोटी चादर के नीचे दबी है एक न्‍यूक्लियर पनडुब्‍बी। इस पनडुब्‍बी में परमाणु बम के बराबर रेडियो एक्टिव पदार्थ है और ये पदार्थ समुद्र के पानी में घुलता जा रहा है। यकीन मानिए ये खतरा किसी एटम बम से कम नहीं है। .

15 संबंधों: नोवाया ज़ेमल्या, प्राकृतिक गैस, फ़्रांज़ योसेफ़ द्वीपसमूह, बेरिंट सागर, येनिसेय नदी, रूसी भाषा, लापतेव सागर, शिलारस, साइबेरिया, सेवेर्नाया ज़ेमल्या, ओब नदी, कारा जलडमरूमध्य, कोलसाट अंतरीप, अटलांटिक महासागर, उत्तरध्रुवीय महासागर

नोवाया ज़ेमल्या

नोवाया ज़ेमल्या नोवाया ज़ेमल्या की उत्तरी यूरोप के सापेक्ष स्थिति नोवाया ज़ेमल्या (रूसी: Новая Земля; अंग्रेजी: Novaya Zemlya; नॉर्वेजियन: Gåselandet (हंस भूमि)), रूस के उत्तर और यूरोप के पूर्वोत्तर में आर्कटिक महासागर में स्थित एक द्वीपसमूह है, जिस पर स्थित झेलानिया अंतरीप यूरोप का सुदूरतम बिन्दु है। द्वीपसमूह का प्रशासन अर्खांगेल्स्क ओब्लास्ट के द्वारा नोवाया ज़ेमल्या द्वीप क्षेत्र के नाम से चलाया जाता है। इसका कुल क्षेत्रफल 90,650 किमी² है। नोवाया ज़ेमल्या दो प्रमुख द्वीपों सेवेर्नी (उत्तरी) और यूझनी (दक्षिणी) से मिलकर बना है जिन्हें संकीर्ण मटोच्किन जलडमरूमध्य पृथक करता है। नोवाया ज़ेमल्या कारा सागर को बेरिंट सागर से अलग करता हैं। द्वीपसमूह की जनसंख्या 2716 (2002 जनगणना) है, जिसमे से 2622 लोग, नोवाया ज़ेमल्या जिले के बेलुश्या गुबा नामक शहरी क्षेत्र में रहते हैं। यहाँ के मूल निवासी नेनेट लोग हैं जिनकी संख्या लगभग 100 है, जीवन निर्वाह के लिए मछली पकड़ने, जानवर पकड़ने, ध्रुवीय भालू और सील के शिकार जैसे व्यवसायों में लगे हैं। शीत युद्ध के वर्षों के दौरान नोवाया ज़ेमल्या एक संवेदनशील सैन्य क्षेत्र था, सोवियत वायु सेना ने द्वीप के दक्षिणी हिस्से में स्थित रोगाशेवो में अपना सैन्य अड्डा स्थापित किया था। इस अड्डे को मुख्य रूप से ना सिर्फ इंटरसेप्टर विमान प्रचालन के लिए इस्तेमाल किया जाता था बल्कि यह पास ही स्थित परमाणु परीक्षण क्षेत्र को सैन्य सहायता भी प्रदान करता था। यह आज तक के सबसे शक्तिशाली परमाणु विस्फोट ज़ार बोम्बा का भी परीक्षण स्थल था जिसका विस्फोट 1961 में किया गया था। .

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प्राकृतिक गैस

प्राकृतिक गैस का विश्व के विभिन्न देशों में उत्पादन प्राकृतिक गैस (Natural gas) कई गैसों का मिश्रण है जिसमें मुख्यतः मिथेन होती है तथा ०-२०% तक अन्य उच्च हाइड्रोकार्बन (जैसे इथेन) गैसें होती हैं। प्राकृतिक गैस ईंधन का प्रमुख स्रोत है। यह अन्य जीवाश्म ईंधनों के साथ पायी जाती है। यह करोडों वर्ष पुर्व धरती के अन्दर जमें हुये मरे हुये जीवो के सडे गले पदार्थ से बनती है। यह गैसिय अवस्था मे पाइ जाती है। सामान्यत यह मेथेन, एथेन, प्रोपेन, ब्युटेन, पेन्टेन का मिष्रण है, जिसमे मिथेन ८० से ९० % तक पायि जाति है। इसके अतिरिक्त कुच असुध्धिया भी पायी जाती है, जैसे सल्फर, जल वास्प, आदि होते है। .

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फ़्रांज़ योसेफ़ द्वीपसमूह

फ़्रांज़ योसेफ़ भूमि या फ़्रांज़ योसेफ़ द्वीपसमूह (रूसी: Земля Франца-Иосифа, ज़ेमल्या फ़्रांत्स्का-योसिफ़ा), रूस के सुदूर उत्तर में स्थित एक द्वीपसमूह है। यह आर्कटिक महासागर में नोवाया ज़ेमल्या के उत्तर और स्वालबार्ड के पूर्व में स्थित है और अर्खांगेल्स्क ओब्लास्ट के प्रशासन के अधीन आता है। फ़्रांज़ योसेफ़ भूमि के 191 बर्फ से ढके द्वीपों का कुल क्षेत्रफल 16134 किमी² (6,229 मील²) है। यहां की कोई मूल निवासी जनसंख्या नहीं है, लेकिन रूसियों द्वारा कई बस्तियों का निर्माण किया गया है। इन बस्तियों के नागरिक भोजन के लिए पूरी तरह से वालरस और सील के मांस पर निर्भर हैं। 80.0° और 81.9° अक्षांशों के बीच स्थित यह यूरेशिया का सबसे उत्तरी द्वीपसमूह है और इसका भी सबसे उत्तरी बिंदु रुडोल्फ द्वीप पर स्थित फ्लिजेली अंतरीप है। द्वीपसमूह की उत्तरी ध्रुव से दूरी केवल 900 से 1110 किमी (560-690 क़ानूनी मील) है और इसका सबसे उत्तरी द्वीप कनाडा के एलिसमेयर द्वीप और ग्रीनलैंड को छोड़कर विश्व के अन्य किसी भी द्वीप की तुलना में उत्तरी ध्रुव के सबसे नज़दीक हैं। संभवतः यह द्वीपसमूह सबसे पहले नार्वे के सील शिकारियों निल्स फ्रेडरिक रॉनबेक और ऐडीयार्वी द्वारा 1865 में खोजा गया था और प्राप्त अभिलेखों के अनुसार, वो स्वालबार्ड से पूर्व की ओर रवाना हुए और अंतत: एक नयी भूमि तक पहुँच गये। इसका कोई दर्ज इतिहास नहीं है कि वो इन टापुओं पर उतरे थे या नहीं, जल्दी ही लोग इन नए द्वीपों को भूल गए। इन द्वीपों की आधिकारिक खोज 1873 में ध्रुवीय अंवेषक, जूलियस वॉन पेयर और कार्ल वेप्रेक्ट के नेतृत्व वाले ऑस्ट्रिया-हंगरी उत्तरी ध्रुव अभियान द्वारा की गयी। ऑस्ट्रिया–हंगरी के सम्राट फ़्रांज़ योसेफ़ प्रथम के सम्मान में इस द्वीपसमूह को उनके नाम पर ही फ़्रांज़ योसेफ़ नाम दिया गया। चूँकि इस अभियान के प्रायोजक आधिकारिक ना होकर निजी थे, इसलिए यह द्वीपसमूह कभी भी ऑस्ट्रिया का हिस्सा नहीं बन सके। 1926 में इस द्वीपसमूह का नियंत्रण सोवियत संघ ने अपने हाथों में ले लिया और कुछ व्यक्तियों को अनुसंधान और सैन्य उद्देश्यों के लिए यहाँ पर बसाया गया। सिर्फ गर्मी के कुछ हफ्तों में ही यहां जहाज से पहुंचा जा सकता है। .

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बेरिंट सागर

बेरिंट सागर की अवस्थिति बेरिंट सागर (अंग्रेजी: Barents Sea, नार्वेजियाई: Barentshavet, रूसी: море Баренцево), आर्कटिक महासागर का एक भाग है, तथा नार्वे और रूस के उत्तर में स्थित है। मध्य युग में इसे मरमन सागर के नाम से जाना जाता था, सागर का वर्तमान नाम डच नाविक विलेम बेरिंट के नाम पर रखा गया है। इस सागर की औसत गहराई 230 मी और अधिकतम गहराई 450 मी है। नोवाया ज़ेमल्या बेरिंट सागर को कारा सागर से पृथक करती है। बेरिंट सागर क्षेत्र में जीवाश्म ईंधन ऊर्जा संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। .

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येनिसेय नदी

येनिसेय नदी का जलसम्भर, समेत बायकल झील के येनिसेय नदी (रूसी: Енисе́й, अंग्रेज़ी: Yenisei) उत्तरी एशिया के साइबेरिया क्षेत्र की एक महान नदी है जो आर्कटिक महासागर में विलय होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा नदी-मंडल है। यह नदी मंगोलिया के सायन पर्वतों से शुरू होकर रूस में दाख़िल होती है और फिर उत्तर की तरफ़ हज़ारों किलोमीटर बहकर आर्कटिक महासागर के कारा सागर में बह जाती है। कुल मिलाकर यह ५,५३९ किमी लम्बी है। इसकी औसत गहराई १४ मीटर (४५ फ़ुट) है और सबसे ज़्यादा गहराई २४ मीटर (८० फ़ुट) है। कुल मिलाकर येनिसेय नदी के जलसम्भर का क्षेत्रफल २५,८०,००० वर्ग किमी है। अपने कुल पानी के बहाव के हिसाब से यह नदी विश्व की छठी सब से बड़ी नदी है।, Trevor Day, Richard Garratt, Infobase Publishing, 2006, ISBN 978-0-8160-5328-5,...

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रूसी भाषा

विश्व में रूसी भाषा का प्रसार रूसी भाषा (русский язык,रूस्किय् यज़ीक्) - पूर्वी स्लाविक भाषाओं में सर्वाधिक प्रचलित भाषा है। रूसी यूरोप की एक प्रमुख भाषा तो है ही, विश्व की प्रमुख भाषाओं में भी इस का विशेष स्थान है, हालाँकि भौगोलिक दृष्टि से रूसी बोलने वालों की अधिकतर संख्या यूरोप की बजाय एशिया में निवास करती है। रूसी भाषा रूसी संघ की आधिकारिक भाषा है। इसके अतिरिक्त बेलारूस, कज़ाकिस्तान, क़िर्गिस्तान, उक्राइनी स्वायत्त जनतंत्र क्रीमिया, जॉर्जियाई अस्वीकृत जनतंत्र अब्ख़ाज़िया और दक्षिणी ओसेतिया, मल्दावियाई अस्वीकृत जनतंत्र ट्रांसनीस्ट्रिया (नीस्टर का क्षेत्र) और स्वायत्त जनतंत्र गगऊज़िया नामक देशों और जनतंत्रों में रूसी भाषा सहायक आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार की गई है। रूसी भूतपूर्व सोवियत संघ के सभी १५ सोवियत समाजवादी जनतंत्रों की राजकीय भाषा थी। सन् 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद भी इन सभी आधुनिक स्वतंत्र देशों में अपनी-अपनी राष्ट्रीय भाषाओं के साथ-साथ परस्पर आपसी व्यवहार के लिए सम्पर्क भाषा के रूप में रूसी भाषा का प्रयोग किया जाता है। इन १५ देशों में रहने वाले निवासियों में से भी अधिकांश की मातृभाषा रूसी ही है। विश्व के विभिन्न देशों में (इसराइल, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमरीका, कनाडा, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया इत्यादि) जहाँ कहीं भी भूतपूर्व सोवियत संघ या रूस के प्रवासी बसे हुए हैं, वहाँ कई जगहों पर रूसी पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं, रूसी भाषा में रेडियो और दूरदर्शन काम करते हैं तथा स्कूलों में रूसी सिखाई जाती है। कुछ वर्ष पहले तक पूर्वी यूरोपियाई देशों के स्कूलों में रूसी भाषा विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाई जाती थी। कुल मिला कर विश्व में रूसी भाषा बोलने वालों की संख्या ३०-३५ करोड़ है, जिस में से 16 करोड़ लोग इसे अपनी मातृभाषा मानते हैं। इसके आधार पर रूसी संसार की भाषाओं में पाँचवे स्थान पर है और वह संयुक्त राष्ट्र (UN) की ५ आधिकारिक भाषाओं में से एक है। .

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लापतेव सागर

लाप्टेव सागर (रूसी: море Лаптевых), आर्कटिक महासागर का एक उथला सीमांत समुद्र है। यह साइबेरिया के पूर्वी तट, तैमिर प्रायद्वीप, सेवेर्नाया ज़ेमल्या और नया साइबेरियाई द्वीप समूह के बीच स्थित है। इसकी उत्तरी सीमा आर्कटिक केप से निर्देशांक 79°N और 139°E से गुजरती है और एनिसिय अंतरीप पर अंत होती है। कारा सागर इसके पश्चिम में जबकि पूर्वी साइबेरियाई सागर इसके पूर्व मे स्थित है। इस समुद्र का नाम दो रूसी अन्वेषकों दिमित्री लाप्टेव और खरितोन लाप्टेव के नाम पर रखा गया है, इससे पहले इसे कई अन्य नामों से जाना जाता था और अंतिम प्रचलित नाम नॉर्देंस्क्जोल्ड सागर (रूसी: море Норденшельда) था जिसे स्वीडिश अंवेषक एडॉल्फ एरिक नॉर्देंस्कियोल्ड के नाम पर रखा गया था। इस समुद्र की विशेषताओं में इसकी भीषण जलवायु परिस्थितियां प्रमुख है क्योंकि इसका तापमान वर्ष में नौ महीनों से ज्यादा समय तक 0° सेल्सियस (32° फेरेनहाइट) या उससे नीचे रहता है और अगस्त से सितंबर के बीच के समय को छोड़कर यह जमा रहता है। इसकी अन्य विशेषताओं में इसके पानी की कम लवणता, वनस्पति, जीवों और मानव जनसंख्या की दुर्लभता और इसकी कम गहराई (ज्यादातर स्थानों पर 50 मीटर से कम) है। लाप्टेव सागर के तटों पर हजारों सालों से यूकाग़िर, इवेनी और इवेंकी नामक मूल निवासी रहते आये हैं, जिनका प्राथमिक व्यवसाय मछली पकड़ना, शिकार और रेंडियर पालन है। इस क्षेत्र का रूसी अंवेषण 17 वीं शताब्दी में शुरू हुया। रूसियों ने इसकी शुरुआत दक्षिण से की जहाँ कई बड़ी नदियाँ समुद्र में विसर्जित होती थीं इन नदियों में प्रमुख थीं, लेना नदी, खटांगा नदी, अनाबर नदी, ओलेंयोक नदी और ओमोलोय नदी। समुद्र में कई द्वीप समूह उपस्थित हैं, जिनमें से कई पर मैमथ नामक प्राचीन विशाल हाथी के अच्छी तरह से संरक्षित अवशेष मिलते हैं। क्षेत्र में मुख्य मानवीय गतिविधियों में उत्तरी सागर मार्ग के भीतर खनन और नौगमन शामिल हैं, मछली पकड़ना और शिकार स्थानीय स्तर पर किया जाता है और इसका कोई व्यावसायिक महत्व नहीं है। इलाके की सबसे बड़ी बसावत और बंदरगाह टिक्सी है। .

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शिलारस

बिना साफ़ किया शिलारस (कच्चा शिलारस) शिलारस (पेट्रोलियम) एक अत्यधिक उपयोगी पदार्थ हैं, जिसका उपयोग देनिक जीवन में बहुत अधिक होता हैं। शिलारस वास्तव में उदप्रांगारों का मिश्रण होता है। इसका निर्माण भी कोयले की तरह वनस्पतियों के पृथ्वी के नीचे दबने तथा कालांतर में उनके ऊपर उच्च दाब तथा ताप के आपतन के कारण हुआ। प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले शिलारस को अपरिष्कृत तेल (Crude Oil) कहते हैं जो काले रंग का गाढ़ा द्रव होता है। इसके प्रभाजी आसवन (फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन) से केरोसिन, पेट्रोल, डीज़ल, प्राकृतिक गैस, वेसलीन,तारकोल ल्यूब्रिकेंट तेल इत्यादि प्राप्त होते हैं। दरअसल जब तेल के भंडार पृथ्वी पर कहीं ढूंढे जाते हैं, तब यह गाढ़े काले रंग का होता है। जिसे क्रूड ऑयल कहा जाता है और इसमें उदप्रांगारों की बहुलता होती है। उदप्रांगारों की खासियत यह होती है कि इनमें मौजूद हाइड्रोजन और प्रांगार के अणु एक दूसरे से विभिन्न श्रृंखलाओं में बंधे होते हैं। ये श्रृंखलाएं तरह-तरह की होती हैं। यही श्रृंखलाएं विभिन्न प्रकार के तेल उत्पादों का स्रोत होती हैं। इनकी सबसे छोटी श्रृंखला मिथेन नामक प्रोडक्ट का आधार बनती है। इनमें लंबी श्रृंखलाओं वाले उदप्रांगारों ठोस जैसे कि मोम या टार नामक उत्पाद का निर्माण करते हैं। सछिद्र चट्टान (4) में शिलारस स्थित है। जब पृथ्वी से तेल खोद कर निकाला जाता है उस वक्त अपरिष्कृत तेल (क्रूड ऑयल) ठोस रूप में होता है। इससे तेल के विभिन्न रूप पाने के लिए अपरिष्कृत तेल में मौजूद उदप्रांगार के विभिन्न चेन को अलग करना पड़ता है। उदप्रांगार के विभिन्न चेनों को अलग करने की प्रक्रिया रासायनिक क्रांस जोड़ने उदप्रांगार कहलाती है। जिसे हम शोधन प्रक्रिया के नाम से जानते हैं। यह शोधन प्रक्रिया शोधन कारखानें (रिफाइनरीज) में होती है। एक तरह से यह शोधन बेहद आसान भी होता है और मुश्किल भी। यह सरल तब होता है जब क्रूड ऑयल में पाए जाने वाले उदप्रांगारों के बारे में पता हो और मुश्किल तब जब इसकी जानकारी नहीं होती है। दरअसल हर प्रकार के उदप्रांगारों का क्वथनांक के, अलग-अलग होता है इस तरह आसवन की प्रक्रिया से उन्हें आसानी से अलग किया जा सकता है। तेल शोधक कारखाना की पूरी प्रक्रिया में यह एक महत्वपूर्ण चरण होता है। दरअसल अपरिष्कृत तेल को अलग-अलग तापमान पर गर्म करके वाष्प एकत्रित करके तथा उसे दोबारा संघनित करके उदप्रांगार की अलग-अलग चेन निकाल ली जाती हैं। तेल शोधक कारखाना (ऑयल रिफाइनरी) में शोधन का यह सबसे सामान्य और पुराना तरीका है। उबलते तापमान का उपयोग करने वाली इस विधि को प्रभाजी आसवन कहते हैं। आसवन का एक तरीका यह भी होता है कि उदप्रांगार की एक लंबी चेन को जैसे का तैसा निकाल लेने के बजाए उसे छोटी-छोटी चेन्स में तोड़कर निकाल लिया जाता है। इस प्रक्रिया को रासायनिक प्रसंस्करण कहते हैं। तो बच्चे अब आप समझ गए होंगे कि पेट्रोल और कैरोसिन के अलावा दूसरे ईंधन कैसे बनते हैं। इस सारी प्रक्रिया में तेल शोधक कारखाना की अहम भूमिका हो .

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साइबेरिया

साइबेरिया का नक़्शा (गाढ़े लाल रंग में साइबेरिया नाम का संघी राज्य है, लेकिन लाल और नारंगी रंग वाले सारे इलाक़े साइबेरिया का हिस्सा माने जाते हैं गर्मी के मौसम में दक्षिणी साइबेरिया में जगह-जगह पर झीलें और हरियाली नज़र आती है याकुत्स्क शहर में 17वी शताब्दी में बना एक रूसी सैनिक-गृह साइबेरिया (रूसी: Сибирь, सिबिर) एक विशाल और विस्तृत भूक्षेत्र है जिसमें लगभग समूचा उत्तर एशिया समाया हुआ है। यह रूस का मध्य और पूर्वी भाग है। सन् 1991 तक यह सोवियत संघ का भाग हुआ करता था। साइबेरिया का क्षेत्रफल 131 लाख वर्ग किमी है। तुलना के लिए पूरे भारत का क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किमी है, यानि साइबेरिया भारत से क़रीब चार गुना है। फिर भी साइबेरिया का मौसम और भूस्थिति इतनी सख़्त है के यहाँ केवल 4 करोड़ लोग रहते हैं, जो 2011 में केवल उड़ीसा राज्य की आबादी थी। यूरेशिया का अधिकतर स्टॅप (मैदानी घासवाला) इलाक़ा साइबेरिया में आता है। साइबेरिया पश्चिम में यूराल पहाड़ों से शुरू होकर पूर्व में प्रशांत महासागर तक और उत्तर में उत्तरध्रुवीय महासागर (आर्कटिक महासागर) तक फैला हुआ है। दक्षिण में इसकी सीमाएँ क़ाज़ाक़स्तान, मंगोलिया और चीन से लगती हैं। .

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सेवेर्नाया ज़ेमल्या

सेवेर्नाया ज़ेमल्या, रूस सेवेर्नाया ज़ेमल्या की अवस्थिति सेवेर्नाया ज़ेमल्या (रूसी: Северная Земля, उत्तरी भूमि); रूसी आर्कटिक महासागर में स्थित एक द्वीपसमूह है। यह द्वीपसमूह के आसपास स्थित है। यह साइबेरिया की मुख्यभूमि के तैमिर प्रायद्वीप के तट से दूर और विल्कित्सकी जलडमरूमध्य के पार स्थित है। यह द्वीपसमूह आर्कटिक महासागर, के दो सीमांत समुद्रों, पश्चिम में कारा सागर और पूर्व में लाप्टेव सागर को अलग करती है। सेवेर्नाया ज़ेमल्या को पहले पहल 1913 में खोजा गया था और 1933 में इसे विश्व मानचित्र में शामिल किया गया, इस प्रकार यह पृथ्वी पर ढूँढा गया अंतिम द्वीपसमूह था। राजनीतिक रूप से यह, रूस के क्रास्नायार्स्क क्रै क्षेत्र का हिस्सा है। यह एक निर्जन द्वीपसमूह है सिवाए इसके कि यहाँ एक आर्कटिक अड्डा स्थित है। .

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ओब नदी

ओब-इरतिश नदियों का जलसम्भर क्षेत्र रूस के बारनाउल शहर के पास ओब नदी ओब नदी या ओबी नदी (रूसी: Обь, अंग्रेज़ी: Ob) उत्तरी एशिया के पश्चिमी साइबेरिया क्षेत्र की एक नदी है और दुनिया की सातवी सबसे लम्बी नदी है। येनिसेय नदी और लेना नदी के साथ यह आर्कटिक सागर में बहने वाली तीसरी महान साइबेरियाई नदी मानी जाती है। ओब की खाड़ी दुनिया की सबसे लम्बी एस्चुएरी मानी जाती है (वह क्षेत्र जहाँ नदी डेल्टा बनाने की बजाए समुद्री ज्वारभाटा के कारण सीधे समुद्र में विलय हो)। .

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कारा जलडमरूमध्य

कारा जलडमरूमध्य को दर्शाता मानचित्र कारा जलडमरूमध्य, (रूसी: Пролив Карские Ворота; प्रोलिव कार्स्किये वोरोटा) नोवाया ज़ेमल्या के दक्षिणी छोर और वाइगाच द्वीप के उत्तरी सिरे के बीच एक 56 किमी (35 मील) चौड़ा जलांतराल है। यह जलडमरूमध्य रूस के उत्तर में कारा सागर को बेरिंट सागर से जोड़ता है। उत्तरी सागर मार्ग के प्रारंभिक अन्वेषण के दौरान कारा जलडमरूमध्य एक महत्वपूर्ण जलमार्ग था। .

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कोलसाट अंतरीप

कोलसाट अंतरीप या कोलज़ाट अंतरीप (रूसी: Мыс Кользат), रूस की फ्रांज जोसेफ भूमि के ग्राहम बेल द्वीप, के पूर्वी किनारे पर स्थित एक अंतरीप है। यह फ्रांज जोसेफ द्वीपसमूह की सबसे पूर्वी सीमा भी है। यह 81°14′N, 65°10′E, के निर्देशांकों पर स्थित है। यह स्थान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कारा सागर के पश्चिमोत्तरतम किनारे का निर्धारण करता है। आर्कटिक महासागर के स्थायी ध्रुवीय बर्फ क्षेत्र के करीब होने के कारण, कोलसाट अंतरीप वर्ष भर बर्फ से जमा रहता है। .

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अटलांटिक महासागर

ग्लोब पर अंध महासागर की स्थिति अन्ध महासागर या अटलांटिक महासागर उस विशाल जलराशि का नाम है जो यूरोप तथा अफ्रीका महाद्वीपों को नई दुनिया के महाद्वीपों से पृथक करती है। क्षेत्रफल और विस्तार में दुनिया का दूसरे नंबर का महासागर है जिसने पृथ्वी का १/५ क्षेत्र घेर रखा है। इस महासागर का नाम ग्रीक संस्कृति से लिया गया है जिसमें इसे नक्शे का समुद्र भी बोला जाता है। इस महासागर का आकार लगभग अंग्रेजी अक्षर 8 के समान है। लंबाई की अपेक्षा इसकी चौड़ाई बहुत कम है। आर्कटिक सागर, जो बेरिंग जलडमरूमध्य से उत्तरी ध्रुव होता हुआ स्पिट्सबर्जेन और ग्रीनलैंड तक फैला है, मुख्यतः अंधमहासागर का ही अंग है। इस प्रकार उत्तर में बेरिंग जल-डमरूमध्य से लेकर दक्षिण में कोट्सलैंड तक इसकी लंबाई १२,८१० मील है। इसी प्रकार दक्षिण में दक्षिणी जार्जिया के दक्षिण स्थित वैडल सागर भी इसी महासागर का अंग है। इसका क्षेत्रफल इसके अंतर्गत समुद्रों सहित ४,१०,८१,०४० वर्ग मील है। अंतर्गत समुद्रों को छोड़कर इसका क्षेत्रफल ३,१८,१४,६४० वर्ग मील है। विशालतम महासागर न होते हुए भी इसके अधीन विश्व का सबसे बड़ा जलप्रवाह क्षेत्र है। उत्तरी अंधमहासागर के पृष्ठतल की लवणता अन्य समुद्रों की तुलना में पर्याप्त अधिक है। इसकी अधिकतम मात्रा ३.७ प्रतिशत है जो २०°- ३०° उत्तर अक्षांशों के बीच विद्यमान है। अन्य भागों में लवणता अपेक्षाकृत कम है। .

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उत्तरध्रुवीय महासागर

उत्तरीध्रुवीय महासागर पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित उत्तरीध्रुवीय महासागर या आर्कटिक महासागर, जिसका विस्तार अधिकतर आर्कटिक उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र में है। विश्व के पांच प्रमुख समुद्री प्रभागों (पांच महासागरों) में से यह सबसे छोटा और उथला महासागर है। अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (IHO) इसको एक महासागर स्वीकार करता है जबकि, कुछ महासागरविज्ञानी इसे आर्कटिक भूमध्य सागर या केवल आर्कटिक सागर कहते हैं और इसे अन्ध महासागर के भूमध्य सागरों में से एक मानते हैं। लगभग पूरी तरह से यूरेशिया और उत्तरी अमेरिका से घिरा, आर्कटिक महासागर आंशिक रूप से साल भर में समुद्री बर्फ के ढका रहता है (और सर्दियों में लगभग पूर्ण रूप से).

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