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कामगार वर्ग और बेकारी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कामगार वर्ग और बेकारी के बीच अंतर

कामगार वर्ग vs. बेकारी

कामगार वर्ग (या श्रमिक वर्ग) एक ऐसा शब्द है, जिसका उपयोग सामाजिक विज्ञानों और साधारण बातचीत में वैसे लोगों के वर्णन के लिए होता है, जो निम्न स्तरीय कार्यों (दक्षता, शिक्षा और निम्न आय द्वारा मापदंड पर) में लगे होते हैं और अक्सर इस अर्थ का विस्तार बेरोजगारी या औसत से नीचे आय वाले लोगों तक भी होता है। कामगार वर्ग मुख्यत: औद्योगीकृत अर्थव्यवस्थाओं और गैर-औद्योगीकृत अर्थव्यवस्थाओं वाले शहरी क्षेत्रों में पाये जाते हैं। 1973 में वोल्फसबर्ग, पश्चिमी जर्मनी में वोक्सवैगन विधानसभा लाइन में श्रमिक सामाजिक वर्ग के वर्णन में कई तरह के शब्दों का उपयोग किया जाता है, मगर कामगार वर्ग को विभिन्न तरीकों से परिभाषित और प्रयुक्त किया जाता है। जब इसका प्रयोग गैर-अकादमिक रूप में होता है तो यह आमतौर पर समाज के एक खंड को संदर्भित करने के लिए होता है, जो शारीरिक श्रम पर आश्रित है, खासतौर पर जिन्हें घंटे के आधार पर मजदूरी दी जाती है। शैक्षिक वार्तालाप में इसका प्रयोग विवादास्पद रहा है, विशेष रूप से उत्तर-औद्योगीकृत समाजों में मानव श्रम में गिरावट के बाद. CIA द्वारा जारी बेरोजगारी की दर का मानचित्र (२००९ में) जब देश में कार्य करनेवाली जनशक्ति अधिक होती है किंतु काम करने के लिए राजी होते हुए भी बहुतों को प्रचलित मजदूरी पर कार्य नहीं मिलता, तो उस विशेष अवस्था को 'बेरोजगारी' (Unemployment) की संज्ञा दी जाती है। ऐसे व्यक्तियों का जो मानसिक एवं शारीरिक दृष्टि से कार्य करने के योग्य और इच्छुक हैं परंतु जिन्हें प्रचलित मजदूरी पर कार्य नहीं मिलता, उन्हें 'बेकार' कहा जाता है। .

कामगार वर्ग और बेकारी के बीच समानता

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कामगार वर्ग और बेकारी के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख कामगार वर्ग और बेकारी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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