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कानजी और टोक्यो

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कानजी और टोक्यो के बीच अंतर

कानजी vs. टोक्यो

कानजी (漢字 Category:Articles containing Japanese-language text; जापानी उच्चारण: kandʑi  सुनो Category:Articles with hAudio microformats ), जापान द्वारा अपनाए गए शब्द-चिह्निक चीनी अक्षरों (हानज़ी) जिन्हें आधुनिक जापानी लेखन पद्धति में हिरागाना और काताकाना के साथ उपयोग किया जाता है। जापानी शब्द कानजी के चीनी अक्षरों का शाब्दिक अर्थ है "हान अक्षर" और चीनी शब्द हानज़ी के समान अक्षरों से लिखा जाता है। . टोक्यो (जापानी: 東京, उच्चारणः तोउक्योउ) जापान की राजधानी और सबसे बड़ा नगर है। यह जापान के होन्शू द्वीप पर बसा हुआ है और इसकी जनसंख्या लगभग ८६ लाख है, जबकि टोक्यो क्षेत्र में १.२८ करोड़ और उपनगरीय क्षेत्रों को मिलाकर यहाँ अनुमानित ३.७ करोड़ लोग रहते हैं जो इसे दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला महानगरीय क्षेत्र बनाता है। टोक्यो लगभग ८० किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है और यह क्षेत्रफल की दृष्टि से भी विश्व का सबसे बड़ा नगरीय क्षेत्र है। टोक्यो को अक्सर एक शहर के रूप में जाना जाता हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर यह "महानगरीय प्रान्त" के रूप में जाना जाता हैं। टोक्यो महानगरीय प्रशासन, टोक्यो के 23 विशेष वार्डों (प्रत्येक वार्ड़ एक अलग शहर के रूप में शासित) का संचालन करती हैं। महानगरीय सरकार, प्रान्त के पश्चिमी भाग और दो बाहरी द्वीप श्रृंखलाएं के 39 नगरपालिका का भी प्रशासन करती हैं। विशेष वार्ड की आबादी 90 लाख मिलाकर, प्रान्त की कुल जनसंख्या 130 लाख से अधिक हैं। यह प्रान्त दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले महानगरीय क्षेत्र का हिस्सा है, जिसमें 37.8 मिलियन लोग और विश्व के सबसे बड़े शहरी ढांचे की अर्थव्यवस्था शामिल हैं। शहर की 51 कंपनी, फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनियों में आती हैं, जोकि दुनिया के किसी भी शहर की सबसे बड़ी संख्या हैं। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र विकास सूचकांक में टोक्यो का तीसरा स्थान हैं। यह शहर फ़ुजी टीवी, टोक्यो एमएक्स, टीवी टोक्यो, टीवी असाही, निप्पॉन टेलीविजन, एनएचके और टोक्यो ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम जैसे विभिन्न टेलीविजन नेटवर्कों का घर भी हैं। ग्लोबल इकनॉमिक पावर इंडेक्स में टोक्यो पहले स्थान पर और ग्लोबल सिटीज इंडेक्स में चौथा स्थान पर हैं। जीएडब्ल्युसी की 2008 की सूची में इसे वैश्विक शहर बताया गया और 2014 में ट्रिपएडवियर्स के विश्व शहर सर्वेक्षण, टोक्यो को सबसे "सर्वश्रेष्ठ समग्र अनुभव" के रूप में सूचीबद्ध किया गया। मर्सर कंसल्टेंसी फर्म और अर्थशास्त्री इंटेलिजेंस यूनिट के क्रय शक्ति के आधार पर, 2015 में टोक्यो को 11वें सबसे महंगे शहर के रूप में स्थान दिया गया था। 2015 में, टोक्यो को मोनोकले पत्रिका द्वारा दुनिया में सर्वाधिक जीवंत शहर कहा गया।.

कानजी और टोक्यो के बीच समानता

कानजी और टोक्यो आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चीनी भाषा, द्वितीय विश्वयुद्ध, जापानी भाषा, ओसाका

चीनी भाषा

चीनी भाषा (अंग्रेजी: Chinese; 汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य भाषा और राजभाषा है। यह संसार में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह चीन एवं पूर्वी एशिया के कुछ देशों में बोली जाती है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और वास्तव में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में एक 'मन्दारिन' नामक भाषा है। इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं और ये चीनी भावचित्र में लिखी जाती है (परम्परागत चीनी लिपि या सरलीकृत चीनी लिपि में)। चीनी एक सुरभेदी भाषा है। .

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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जापानी भाषा

जापानी भाषा (जापानी: 日本語 नीहोंगो) जापान देश की मुख्यभाषा और राजभाषा है। द्वितीय महायुद्ध से पहले कोरिया, फार्मोसा और सखालीन में भी जापानी बोली जाती थी। अब भी कोरिया और फार्मोसा में जापानी जाननेवालों की संख्या पर्याप्त है, परंतु धीरे धीरे उनकी संख्या कम होती जा रही है। भाषाविद इसे 'अश्लिष्ट-योगात्मक भाषा' मानते हैं। जापानी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में नहीं आती। भाषाविद इसे ख़ुद की जापानी भाषा-परिवार में रखते हैं (कुछ इसे जापानी-कोरियाई भाषा-परिवार में मानते हैं)। ये दो लिपियों के मिश्रण में लिखी जाती हैं: कांजी लिपि (चीन की चित्र-लिपि) और काना लिपि (अक्षरी लिपि जो स्वयं चीनी लिपिपर आधारित है)। इस भाषा में आदर-सूचक शब्दों का एक बड़ा तंत्र है और बोलने में "पिच-सिस्टम" ज़रूरी होता है। इसमें कई शब्द चीनी भाषा से लिये गये हैं। जापानी भाषा किस भाषा कुल में सम्मिलित है इस संबंध में अब तक कोई निश्चित मत स्थापित नहीं हो सका है। परंतु यह स्पष्ट है कि जापानी और कोरियाई भाषाओं में घनिष्ठ संबंध है और आजकल अनेक विद्वानों का मत है कि कोरियाई भाषा अलटाइक भाषाकुल में संमिलित की जानी चाहिए। जापानी भाषा में भी उच्चारण और व्याकरण संबंधी अनेक विशेषताएँ है जो अन्य अलटाइ भाषाओं के समान हैं परंतु ये विशेषताएँ अब तक इतनी काफी नहीं समझी जाती रहीं जिनमें हम निश्चित रूप से कह सकें कि जापानी भाषा अलटाइक भाषाकुल में ऐ एक है। हाइकु इसकी प्रमुख काव्य विधा है। .

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ओसाका

ओसाका (大阪府) जापान का एक शहर है। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

कानजी और टोक्यो के बीच तुलना

कानजी 32 संबंध है और टोक्यो 58 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 4.44% है = 4 / (32 + 58)।

संदर्भ

यह लेख कानजी और टोक्यो के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: