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काकलीय व्यंजन और स्वर-रज्जु

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

काकलीय व्यंजन और स्वर-रज्जु के बीच अंतर

काकलीय व्यंजन vs. स्वर-रज्जु

स्वनविज्ञान में काकलीय व्यंजन (Glottal consonant) ऐसा व्यंजन होता है जिनका उच्चारण प्रमुख रूप से कण्ठद्वार के प्रयोग द्वारा किया जाता है। इनमें 'ह' शामिल है। कुछ भाषावैज्ञानिक काकलीय व्यंजनों को असली व्यंजन मानते ही नहीं क्योंकि उन्हें केवल कण्ठद्वार का खोल बदलकर बिना किसी उच्चारण अंग का प्रयोग करे उत्पन्न करा जाता है, लेकिन हिन्दी समेत विश्व की कई भाषाओं यह व्यंजनों की ही भांति प्रयोग होते हैं। . स्वर-रज्जु, जिन्हें आवाज़ के तार या वोकल कार्ड भी कहा जाता है, मनुष्यों और कुछ अन्य जीवों में गले के भीतर स्थित स्वरग्रंथि (लैरिंक्स) के अन्दर मौजूद श्लेष्मा-झिल्लियाँ (म्यूकस मेम्ब्रेन) होतीं हैं जिनके कंपकपाने से ये जीव बोल पाते हैं। .

काकलीय व्यंजन और स्वर-रज्जु के बीच समानता

काकलीय व्यंजन और स्वर-रज्जु आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

काकलीय व्यंजन और स्वर-रज्जु के बीच तुलना

काकलीय व्यंजन 6 संबंध है और स्वर-रज्जु 1 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (6 + 1)।

संदर्भ

यह लेख काकलीय व्यंजन और स्वर-रज्जु के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: