कांच और धातु संसूचक
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
कांच और धातु संसूचक के बीच अंतर
कांच vs. धातु संसूचक
स्वच्छ पारदर्शी कांच का बना प्रकाश बल्ब काच, काँच या कांच (glass) एक अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है। कांच आमतौर भंगुर और अक्सर प्रकाशीय रूप से पारदर्शी होते हैं। काच अथव शीशा अकार्बनिक पदार्थों से बना हुआ वह पारदर्शक अथवा अपारदर्शक पदार्थ है जिससे शीशी बोतल आदि बनती हैं। काच का आविष्कार संसार के लिए बहुत बड़ी घटना थी और आज की वैज्ञानिक उन्नति में काच का बहुत अधिक महत्व है। किन्तु विज्ञान की दृष्टि से 'कांच' की परिभाषा बहुत व्यापक है। इस दृष्टि से उन सभी ठोसों को कांच कहते हैं जो द्रव अवस्था से ठण्डा होकर ठोस अवस्था में आने पर क्रिस्टलीय संरचना नहीं प्राप्त करते। सबसे आम काच सोडा-लाइम काच है जो शताब्दियों से खिड़कियाँ और गिलास आदि बनाने के काम में आ रहा है। सोडा-लाइम कांच में लगभग 75% सिलिका (SiO2), सोडियम आक्साइड (Na2O) और चूना (CaO) और अनेकों अन्य चीजें कम मात्रा में मिली होती हैं। काँच यानी SiO2 जो कि रेत का अभिन्न अंग है। रेत और कुछ अन्य सामग्री को एक भट्टी में लगभग 1500 डिग्री सैल्सियस पर पिघलाया जाता है और फिर इस पिघले काँच को उन खाँचों में बूंद-बूंद करके उंडेला जाता है जिससे मनचाही चीज़ बनाई जा सके। मान लीजिए, बोतल बनाई जा रही है तो खाँचे में पिघला काँच डालने के बाद बोतल की सतह पर और काम किया जाता है और उसे फिर एक भट्टी से गुज़ारा जाता है। . अमरीकी सैनिक ईराक में धातु संसूचक के प्रयोग से हथियार आदि ढूंढते हुए धातु संसूचक से जमीन पर खोज करते हुए धातु संसूचक (अंग्रेज़ी:मेटल डिटेक्टर) का प्रयोग धातु से जुड़े सामानों का पता लगाने में किया जाता है। इसके अलावा लैंड माइंस का पता लगाने, हथियारों, बम, विस्फोटक आदि का पता लगाने जैसे कई कामों में भी किया जाता है।। हिन्दुस्तान लाइव।१६ नवंबर, २००९ एक सरलतम धातु संसूचक में एक विद्युत दोलक होता है जो प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न करता है। यह धारा एक तार की कुंडली में से प्रवाहित होकर अलग चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। इसमें एक कुंडली का प्रयोग चुंबकीय क्षेत्र को मापने के लिए किया जाता है। चुंबकीय पदार्थ के होने पर चुंबकीय क्षेत्र में होने वाले परिवर्तन के आधार पर इसको मापा जाता है। इसमें लगे माइक्रोप्रोसेसर धातु की प्रकार का पता लगाते हैं। धातु संसूचक वैद्युत चुंबकत्व के सिद्धांत पर काम करते हैं। अलग-अलग कार्यो के प्रयोग के अनुसार धातु संसूचकों की संवेदनशीलता अलग होती है। उन्नीसवीं शताब्दी में वैज्ञानिक ऐसे यंत्र की खोज करने में लगे थे जिससे धातुओं को खोजा जा सके। आरंभ में धातुओं की खोज के लिए जो उपकरण बनाए गए, उनकी क्षमता सीमित थी और वह ऊर्जा का प्रयोग अधिक करते थे। ऐसे में वे हर जगह कारगर नहीं होते थे। १८८१ में ग्राहम बेल ने इस प्रकार के यंत्र की मूल खोज की थी।। समय लाइव। २ मार्च २००९। रमेश चंद्र १९३७ में जेरार्ड फिशर ने इस प्रकार की युक्ति का विकास कर धातु वेक्षक या संसूचक का अन्वेषण किया जिसमें यदि रेडियो किसी धातु को खोजने में खराब हो जाए तो उसे उसकी रेडियो आवृत्ति के आधार पर खोज सकने की क्षमता थी। वह सफल हुए और उन्होंने इसका पेटेंट करवा लिया। .
कांच और धातु संसूचक के बीच समानता
कांच और धातु संसूचक आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या कांच और धातु संसूचक लगती में
- यह आम कांच और धातु संसूचक में है क्या
- कांच और धातु संसूचक के बीच समानता
कांच और धातु संसूचक के बीच तुलना
कांच 14 संबंध है और धातु संसूचक 21 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (14 + 21)।
संदर्भ
यह लेख कांच और धातु संसूचक के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: