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कवि और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कवि और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बीच अंतर

कवि vs. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय

कवि वह है जो भावों को रसाभिषिक्त अभिव्यक्ति देता है और सामान्य अथवा स्पष्ट के परे गहन यथार्थ का वर्णन करता है। इसीलिये वैदिक काल में ऋषय: मन्त्रदृष्टार: कवय: क्रान्तदर्शिन: अर्थात् ऋषि को मन्त्रदृष्टा और कवि को क्रान्तदर्शी कहा गया है। "जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि" इस लोकोक्ति को एक दोहे के माध्यम से अभिव्यक्ति दी गयी है: "जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ, कवि पहुँचे तत्काल। दिन में कवि का काम क्या, निशि में करे कमाल।।" ('क्रान्त' कृत मुक्तकी से साभार) . माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का नाम भारत के विख्यात पत्रकार,कवि और स्वतंत्रता सेनानी, श्री माखनलाल चतुर्वेदी के नाम पर रखा गया है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित विश्वविद्यालय के निर्माण के पीछे मुख्य उद्देश्य देश में मास मीडिया के क्षेत्र में बेहतर शिक्षण और प्रशिक्षण। मध्यप्रदेश विधानसभा की धारा १५ के तहत १९९० में विश्वविद्यालय की नींव पड़ी। जिसे यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने भी सहमति प्रदान की है। .

कवि और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बीच समानता

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कवि और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बीच तुलना

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संदर्भ

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