कवि और महाश्रमण
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
कवि और महाश्रमण के बीच अंतर
कवि vs. महाश्रमण
कवि वह है जो भावों को रसाभिषिक्त अभिव्यक्ति देता है और सामान्य अथवा स्पष्ट के परे गहन यथार्थ का वर्णन करता है। इसीलिये वैदिक काल में ऋषय: मन्त्रदृष्टार: कवय: क्रान्तदर्शिन: अर्थात् ऋषि को मन्त्रदृष्टा और कवि को क्रान्तदर्शी कहा गया है। "जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि" इस लोकोक्ति को एक दोहे के माध्यम से अभिव्यक्ति दी गयी है: "जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ, कवि पहुँचे तत्काल। दिन में कवि का काम क्या, निशि में करे कमाल।।" ('क्रान्त' कृत मुक्तकी से साभार) . आचार्य महाश्रमण (जन्म 13 मई 1962) जैन श्वेतांबर तेरापंथ के ग्याहरवें संत अथवा आचार्य हैं। महाश्रमण पुज्य संत, योगी, आध्यात्मिक नेता, दार्शनिक, लेखक, वक्ता और कवि हैं। .
कवि और महाश्रमण के बीच समानता
कवि और महाश्रमण आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या कवि और महाश्रमण लगती में
- यह आम कवि और महाश्रमण में है क्या
- कवि और महाश्रमण के बीच समानता
कवि और महाश्रमण के बीच तुलना
कवि 19 संबंध है और महाश्रमण 13 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (19 + 13)।
संदर्भ
यह लेख कवि और महाश्रमण के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: