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कवि और दलपतराम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कवि और दलपतराम के बीच अंतर

कवि vs. दलपतराम

कवि वह है जो भावों को रसाभिषिक्त अभिव्यक्ति देता है और सामान्य अथवा स्पष्ट के परे गहन यथार्थ का वर्णन करता है। इसीलिये वैदिक काल में ऋषय: मन्त्रदृष्टार: कवय: क्रान्तदर्शिन: अर्थात् ऋषि को मन्त्रदृष्टा और कवि को क्रान्तदर्शी कहा गया है। "जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि" इस लोकोक्ति को एक दोहे के माध्यम से अभिव्यक्ति दी गयी है: "जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ, कवि पहुँचे तत्काल। दिन में कवि का काम क्या, निशि में करे कमाल।।" ('क्रान्त' कृत मुक्तकी से साभार) . दलपतराम दह्याभाई त्रिवेदी (દલપતરામ ડાહ્યાભાઈ ત્રવાડી) (1820-1898) गुजराती के प्रसिद्ध कवि थे। उनके पुत्र नानालाल दलपतराम कवि भी एक कवि थे। श्रेणी:गुजराती साहित्यकार.

कवि और दलपतराम के बीच समानता

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संदर्भ

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