कल्प (वेदांग) और कल्पसूत्र के बीच समानता
कल्प (वेदांग) और कल्पसूत्र आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): कल्पसूत्र (जैन)।
कल्पसूत्र (जैन)
1375-1400 की इस कल्पसूत्र पाण्डुलिपि में महावीर के जन्म का चित्रण है। कल्पसूत्र नामक जैनग्रंथों में तीर्थंकरों (पार्श्वनाथ, महावीर स्वामी आदि) का जीवनचरित वर्णित है। भद्रबाहु इसके रचयिता माने जाते हैं। पारंपरिक रूप से मान्यता है कि इस ग्रन्थ की रचना महावर स्वामी के निर्वाण के १५० वर्ष बाद हुई। आठ दिवसीय पर्यूषण पर्व के समय जैन साधु एवं साध्वी कल्पसूत्र का पाठ एवं व्याख्या करते हैं। इस ग्रन्थ का बहुत अधिक आध्यात्मिक महत्व है इसलिये केवल साधु एवं साध्वी ही इसका वाचन करते हैं और सामान्य लोग इसे हृदयंगम करते हैं। .
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कल्प (वेदांग) और कल्पसूत्र के बीच तुलना
कल्प (वेदांग) 28 संबंध है और कल्पसूत्र 2 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 3.33% है = 1 / (28 + 2)।
संदर्भ
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