कर्पूरमंजरी और महेन्द्रपाल प्रथम के बीच समानता
कर्पूरमंजरी और महेन्द्रपाल प्रथम आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): राजशेखर।
राजशेखर
राजशेखर (विक्रमाब्द 930- 977 तक) काव्यशास्त्र के पण्डित थे। वे गुर्जरवंशीय नरेश महेन्द्रपाल प्रथम एवं उनके बेटे महिपाल के गुरू एवं मंत्री थे। उनके पूर्वज भी प्रख्यात पण्डित एवं साहित्यमनीषी रहे थे। काव्यमीमांसा उनकी प्रसिद्ध रचना है। समूचे संस्कृत साहित्य में कुन्तक और राजशेखर ये दो ऐसे आचार्य हैं जो परंपरागत संस्कृत पंडितों के मानस में उतने महत्त्वपूर्ण नहीं हैं जितने रसवादी या अलंकारवादी अथवा ध्वनिवादी हैं। राजशेखर लीक से हट कर अपनी बात कहते हैं और कुन्तक विपरीत धारा में बहने का साहस रखने वाले आचार्य हैं। .
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कर्पूरमंजरी और महेन्द्रपाल प्रथम के बीच तुलना
कर्पूरमंजरी 8 संबंध है और महेन्द्रपाल प्रथम 12 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.00% है = 1 / (8 + 12)।
संदर्भ
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