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कर्पूरमंजरी और महेन्द्रपाल प्रथम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कर्पूरमंजरी और महेन्द्रपाल प्रथम के बीच अंतर

कर्पूरमंजरी vs. महेन्द्रपाल प्रथम

कर्पूरमंजरी संस्कृत के प्रसिद्ध नाटककार एवं काव्यमीमांसक राजशेखर द्वारा रचित प्राकृत का नाटक (सट्टक) है। प्राकृत भाषा की विशुद्ध साहित्यिक रचनाओं में इस कृति का विशिष्ट स्थान है। . महेन्द्रपाल प्रथम (885-910 ई०), मिहिर भोज का पुत्र और गुर्जर-प्रतिहार वंश का सातवाँ शासक था। उसकी माँ का नाम चन्द्रभट्टारिकादेवी था। महेन्द्रपाल प्रथम का उल्लेख काठियावाड़, पंजाब और मध्य प्रदेश के विभिन्न शिलालेख में महिंद्रापाल, महेन्द्रयुधा, महिशपालदेव नाम से किया गया है। और राजशेखर के नाटक में निर्भयराजा और निर्भयानरेंद्र नाम से भी उल्लेख किया गया है। .

कर्पूरमंजरी और महेन्द्रपाल प्रथम के बीच समानता

कर्पूरमंजरी और महेन्द्रपाल प्रथम आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): राजशेखर

राजशेखर

राजशेखर (विक्रमाब्द 930- 977 तक) काव्यशास्त्र के पण्डित थे। वे गुर्जरवंशीय नरेश महेन्द्रपाल प्रथम एवं उनके बेटे महिपाल के गुरू एवं मंत्री थे। उनके पूर्वज भी प्रख्यात पण्डित एवं साहित्यमनीषी रहे थे। काव्यमीमांसा उनकी प्रसिद्ध रचना है। समूचे संस्कृत साहित्य में कुन्तक और राजशेखर ये दो ऐसे आचार्य हैं जो परंपरागत संस्कृत पंडितों के मानस में उतने महत्त्वपूर्ण नहीं हैं जितने रसवादी या अलंकारवादी अथवा ध्वनिवादी हैं। राजशेखर लीक से हट कर अपनी बात कहते हैं और कुन्तक विपरीत धारा में बहने का साहस रखने वाले आचार्य हैं। .

कर्पूरमंजरी और राजशेखर · महेन्द्रपाल प्रथम और राजशेखर · और देखें »

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कर्पूरमंजरी और महेन्द्रपाल प्रथम के बीच तुलना

कर्पूरमंजरी 8 संबंध है और महेन्द्रपाल प्रथम 12 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.00% है = 1 / (8 + 12)।

संदर्भ

यह लेख कर्पूरमंजरी और महेन्द्रपाल प्रथम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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