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कर्पूरमंजरी और नाटक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कर्पूरमंजरी और नाटक के बीच अंतर

कर्पूरमंजरी vs. नाटक

कर्पूरमंजरी संस्कृत के प्रसिद्ध नाटककार एवं काव्यमीमांसक राजशेखर द्वारा रचित प्राकृत का नाटक (सट्टक) है। प्राकृत भाषा की विशुद्ध साहित्यिक रचनाओं में इस कृति का विशिष्ट स्थान है। . नाटक, काव्य का एक रूप है। जो रचना श्रवण द्वारा ही नहीं अपितु दृष्टि द्वारा भी दर्शकों के हृदय में रसानुभूति कराती है उसे नाटक या दृश्य-काव्य कहते हैं। नाटक में श्रव्य काव्य से अधिक रमणीयता होती है। श्रव्य काव्य होने के कारण यह लोक चेतना से अपेक्षाकृत अधिक घनिष्ठ रूप से संबद्ध है। नाट्यशास्त्र में लोक चेतना को नाटक के लेखन और मंचन की मूल प्रेरणा माना गया है। .

कर्पूरमंजरी और नाटक के बीच समानता

कर्पूरमंजरी और नाटक आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): साहित्य दर्पण

साहित्य दर्पण

साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में लिखा गया साहित्य विषयक ग्रन्थ है जिसके लेखक पण्डित विश्वनाथ हैं। विश्वनाथ का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है। मम्मट के काव्यप्रकाश के समान ही साहित्यदर्पण भी साहित्यालोचना का एक प्रमुख ग्रन्थ है। काव्य के श्रव्य एवं दृश्य दोनों प्रभेदों के संबंध में इस ग्रन्थ में विचारों की विस्तृत अभिव्यक्ति हुई है। इसक विभाजन 10 परिच्छेदों में है। .

कर्पूरमंजरी और साहित्य दर्पण · नाटक और साहित्य दर्पण · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

कर्पूरमंजरी और नाटक के बीच तुलना

कर्पूरमंजरी 8 संबंध है और नाटक 27 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.86% है = 1 / (8 + 27)।

संदर्भ

यह लेख कर्पूरमंजरी और नाटक के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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