कभी खुशी कभी ग़म और रानी मुखर्जी की फ़िल्में के बीच समानता
कभी खुशी कभी ग़म और रानी मुखर्जी की फ़िल्में आम में 8 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार, यश राज फ़िल्म्स, रानी मुखर्जी, शाहरुख़ ख़ान, कभी अलविदा ना कहना, करण जौहर।
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे पुरानी और प्रमुख घटनाओं में से एक रही है। इसकी शुरुआत सबसे पहले 1954 में हुई जब राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की भी स्थापना हुई थी। पुरस्कार जनता के मत एवं ज्यूरी के सदस्यों के मत दोनों के आधार पर दी हर साल दी जाती है। .
कभी खुशी कभी ग़म और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार · फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और रानी मुखर्जी की फ़िल्में ·
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह हिन्दी फ़िल्म में बेहतर अभिनय के लिये सहायक अभिनेत्री को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। .
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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह हिन्दी फ़िल्म में बेहतर अभिनय के लिये अभिनेत्री फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। .
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यश राज फ़िल्म्स
यश राज फ़िल्म्स का लोगो यश राज फ़िल्म्स भारतीय निर्माता - निर्देशक यश चोपड़ा द्वारा स्थापित कंपनी है जो की एक हिंदी फिल्म निर्देशक और निर्माता है। वोह पहले अपने भाई के फिल्म कंपनी बर फिल्म्स में काम करते थे और बाद में उन्होंने सन १९७० में अपनी खुद की कम्पनी चालू की। इनके द्वारा बनाई गयी फिल्मे सन २००४ व २००५ में तीन अच्छी पर्दर्शन करने वाली फिल्मे दे चुकी है। यश राज फिल्म्स विकिपीडिया, मुक्त विश्वकोश से यश राज फिल्म्स प्रकार निजी 1970 स्थापित संस्थापक यश चोपड़ा मुख्यालय मुंबई, भारत प्रमुख लोगों आदित्य चोपड़ा (अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक) उदय चोपड़ा (निदेशक) पामेला चोपड़ा (निदेशक) रानी मुखर्जी (निदेशक) आशिष सिंह (उपराष्ट्रपति - उत्पादन) रोहन मल्होत्रा (उपराष्ट्रपति - वितरण) अवतार पानसेर (उपाध्यक्ष - अंतर्राष्ट्रीय संचालन) मानन मेहता (उपाध्यक्ष - विपणन और मर्केंडाइजिंग) अक्षय विधहानी (उपाध्यक्ष - वित्त और वाईआरएफ स्टूडियोज) विजय कुमार (उपराष्ट्रपति - होम वीडियो और लाइसेंसिंग) आशीष पाटिल (उपाध्यक्ष - वाई फिल्म्स) आनंद गुरनानी (उपाध्यक्ष - डिजिटल) उत्पाद सिनेमा स्टूडियो उत्पादन वितरण विपणन संगीत घरेलू वीडियो प्रतिभा प्रबंधन VFX उत्पादन के बाद ब्रांड पार्टनरशिप लाइसेंसिंग मर्केंडाइजिंग विशेष प्रभाव डिजिटल सहायक YRF स्टूडियोज वाईआरएफ उत्पादन वाईआरएफ वितरण वाईआरएफ विपणन वाईआरएफ संगीत वाईआरएफ होम वीडियो वाई फिल्म्स वाईआरएफ टेलीविजन वाईआरएफ मनोरंजन yFX VFX स्टूडियो वाईआरएफ प्रतिभा वाईआरएफ लाइसेंसिंग वाईआरएफ मर्चेंडाइजिंग वाईआरएफ ब्रांड पार्टनरशिप वाईआरएफ डिजिटल वाईआरएफ यूएसए वाईआरएफ यू.के.
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रानी मुखर्जी
रानी मुखर्जी हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। 2005 में वे बॉलीवुड के शीर्ष 10 शक्तिशाली लोगों में सिर्फ एक महिला थी। रानी ही एक ऐसी अभिनेत्री है जिसे फिल्मफेयर ने 3 साल लगातार (2004-2006) बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्री घोषित किया। रानी समाज सेवा के कामों में बहुत सक्रिय रहती हैं और उन्होंने बहुत सारी संस्थाओं के लिये चंदा इकठ्ठा किया है। उन्होंने 2 विश्व टूर में हिस्सा लिया है जहाँ बॉलीवुड के और सितारों के साथ उन्होंने स्टेज शो में दर्शकों के सामने प्रदर्शन किया। अपने पहले टूर में वे आमिर खान, ऐश्वर्या राय बच्चन, अक्षय खन्ना और ट्विंकल खन्ना के साथ थीं और दूसरे में शाहरुख़ खान, सैफ अली ख़ान, प्रीती ज़िंटा, अर्जुन रामपाल और प्रियंका चोपड़ा के साथ दिखीं| 2005 में उन्हें बॉलीवुड की तरफ से पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के साथ खाने पर न्योता दिया गया। 2006 में उन्हें बाकी बॉलीवुड अभिनेत्रियों के साथ ऑस्ट्रेलिया के कोम्मनवेल्थ खेलों में भारतीय परंपरा का प्रदर्शन किया। .
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शाहरुख़ ख़ान
शाहरुख़ ख़ान (उच्चारण; जन्म 2 नवम्बर 1965), जिन्हें अक्सर शाहरुख खान के रूप में श्रेय दिया जाता है और अनौपचारिक रूप में एसआरके नाम से सन्दर्भित किया जाता, एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता है। अक्सर मीडिया में इन्हें "बॉलीवुड का बादशाह", "किंग खान", "रोमांस किंग" और किंग ऑफ़ बॉलीवुड नामों से पुकारा जाता है। खान ने रोमैंटिक नाटकों से लेकर ऐक्शन थ्रिलर जैसी शैलियों में 75 हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया है। फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिये उन्होंने तीस नामांकनों में से चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते हैं। वे और दिलीप कुमार ही ऐसे दो अभिनेता हैं जिन्होंने साथ फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आठ बार जीता है। 2005 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया। अर्थशास्त्र में उपाधी ग्रहण करने के बाद इन्होने अपने करियर की शुरुआत १९८० में रंगमंचों व कई टेलिविज़न धारावाहिकों से की और १९९२ में व्यापारिक दृष्टी से सफल फ़िल्म दीवाना से फ़िल्म क्षेत्र में कदम रखा। इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके पश्च्यात उन्होंने कई फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं अदा की जिनमे डर (१९९३), बाज़ीगर (१९९३) और अंजाम (१९९४) शामिल है। वे कई प्रकार की भूमिकाओं में दिखे व भिन्न-भिन्न प्रकार की फ़िल्मों में कार्य किया जिनमे रोमांस फ़िल्में, हास्य फ़िल्में, खेल फ़िल्में व ऐतिहासिक ड्रामा शामिल है। उनके द्वारा अभिनीत ग्यारह फ़िल्मों ने विश्वभर में १ बिलियन का व्यवसाय किया है। खान की कुछ फ़िल्में जैसे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (१९९५), कुछ कुछ होता है (१९९८), ''देवदास'' (२००२), ''चक दे! इंडिया'' (२००७), ओम शांति ओम (२००७), रब ने बना दी जोड़ी (२००८) और रा.वन (२०११) अबतक की सबसे बड़ी हीट फ़िल्मों में रही है और कभी खुशी कभी ग़म (२००१), कल हो ना हो (२००३), वीर ज़ारा (२००६)। वेल्थ रिसर्च फर्म वैल्थ एक्स के मुताबिक किंग खान पहले सबसे अमीर भारतीय अभिनेता बन गए हैं। फर्म ने अभिनेता की कुल संपत्ति 3660 करोड़ रूपए आंकी थी लेकिन अब 4000 करोङ बताई जाती है। .
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कभी अलविदा ना कहना
कभी अलविदा ना कहना 2006 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन करण जौहर ने किया और धर्मा प्रोडक्शन्स बैनर के तहत इसे निर्मित किया गया। इसमें प्रमुख भूमिकाओं में शाहरुख खान, रानी मुखर्जी, अभिषेक बच्चन और प्रीति जिंटा हैं जबकि सहायक भूमिका को अमिताभ बच्चन और किरन खेर द्वारा निभाया गया है। कहानी अधिकतर न्यूयॉर्क शहर में गुजरती है और व्यभिचार के विषयों की पड़ताल करती है। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में सफलता थी। यह रिलीज के समय विदेशों में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई। .
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करण जौहर
करण जौहर करण जौहर (जन्म: 25 मई, 1975) हिन्दी एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्देशक, उत्पादक, चलचित्र लेखक, कॉस्ट़्यूम दिज़ाइनर, अभिनेता और टिवि होस्ट है। वह हिरू जौहर और यश जौहर के पुत्र है। वह धर्मा प्रोडक्शन्स कम्पनी के मुखिया भी है। वह भारत और विश्व के सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले फिल्मो का उत्पादन करने के लिये प्रसिद्ध है। इनमे से चार फिल्मे, जिनमे शाहरुख खान अभिनेता के पात्र मे मौजूद है, विदेशी फिल्म उद्योग मे भारत के सबसे ज़्यादा कमाने वाले उत्पादन मे से है। इन फिल्मो कि कामयाबी के कारण, करण जोहर को भारतीय सिनेमा का पश्चिम अनुभूति मे बदलाव लाने के लिए श्रेय दिया गया है। आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' नामक फिल्म मे अभिनेता के पात्र मे करण जोहर ने फिल्मो मे शुरुआत किया था। उन्होंने बाद मे बेहद सफल रोमानी कॉमेडी, कुछ कुछ होता है के साथ अपने निर्देशन जीविका की शुरुआत की। इस फिल्म से उसे सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिये और सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिये फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। उनकी दूसरी फिल्मे परिवारिक नाटक, कभी खुशी कभी ग़म (२००१) और रोमांटिक नाटक, कभी अलविदा ना कहना (२००६) थे। कभी अलविदा ना कहना (2006) व्यभिचार के विषय के साथ जुडा हुआ एक फिल्म था। दोनों ही फिल्मों ने भारत और विदेशों में प्रमुख वित्तीय सफलताए प्राप्त की। इस प्रकार जौहर ने बॉलीवुड के सबसे सफल फिल्म निर्माताओं के तालिका में खुद को स्थापित कर लिया। उनकी चौथी फिल्म माइ नेम इज़ ख़ान (२०१०) को सकारात्मक समीक्षा मिली और उस फिल्म ने दुनिया भर मे २०० करोड़ रुपये कमाए। इन सब के कारण्, वह खुद को भारतीय सिनेमा में सबसे सफल निर्देशक और निर्माता के रूप में स्थापित किया है। यही सूचना के कारण उन्होने अपनी पहली फिल्म कुछ कुछ होता है बनाई। करण जौहर एक कुशल निर्देशक के रूप मे जाने जाते है। .
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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या कभी खुशी कभी ग़म और रानी मुखर्जी की फ़िल्में लगती में
- यह आम कभी खुशी कभी ग़म और रानी मुखर्जी की फ़िल्में में है क्या
- कभी खुशी कभी ग़म और रानी मुखर्जी की फ़िल्में के बीच समानता
कभी खुशी कभी ग़म और रानी मुखर्जी की फ़िल्में के बीच तुलना
कभी खुशी कभी ग़म 42 संबंध है और रानी मुखर्जी की फ़िल्में 85 है। वे आम 8 में है, समानता सूचकांक 6.30% है = 8 / (42 + 85)।
संदर्भ
यह लेख कभी खुशी कभी ग़म और रानी मुखर्जी की फ़िल्में के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: