कनिष्क और कुजुल कडफिसेस के बीच समानता
कनिष्क और कुजुल कडफिसेस आम में 6 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): युएझ़ी लोग, यूनानी वर्णमाला, रबातक शिलालेख, विम कडफिसेस, कुषाण राजवंश, अफ़ग़ानिस्तान।
युएझ़ी लोग
समय के साथ मध्य एशिया में युएझ़ी लोगों का विस्तार, १७६ ईसापूर्व से ३० ईसवी तक यूइची (Yue-Tche) या युएझ़ी, युएज़ी या रुझ़ी (अंग्रेज़ी: Yuezhi, चीनी: 月支, 'झ़' के उच्चारण पर ध्यान दें, यह 'झ' से भिन्न है) प्राचीन काल में मध्य एशिया में बसने वाली एक जाति थी। माना जाता है कि यह एक हिन्द-यूरोपीय लोग थे जो शायद तुषारी लोगों से सम्बंधित रहें हों। शुरू में यह तारिम द्रोणी के पूर्व के शुष्क घास के मैदानी स्तेपी इलाक़े के वासी थे, जो आधुनिक काल में चीन के शिंजियांग और गांसू प्रान्तों में पड़ता है। समय के साथ वे मध्य एशिया के अन्य इलाक़ों, बैक्ट्रिया और भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी क्षेत्रों में फैल गए। संभव है कि भारत के कुशान साम्राज्य की स्थापना में भी उनका हाथ रहा हो।, Madathil Mammen Ninan, 2008, ISBN 978-1-4382-2820-4,...
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यूनानी वर्णमाला
यूनानी वर्णमाला (Greek alphabet) चौबीस अक्षरों की वर्ण व्यवस्था है जिनके प्रयोग से यूनानी भाषा को आठवीं सदी ईसा-पूर्व से लिखा जा रहा है। प्रत्येक स्वर एवं व्यंजन लिए पृथक चिन्ह वाली यह पहली एवं प्राचीनतम वर्णमाला है। यह वर्णमाला फ़ोनीशियाई वर्णमाला से उत्पन्न हुई थी और यूरोप की कई वर्ण-व्यवस्थाएँ इसी से जन्मी हैं। अंग्रेज़ी लिखने के लिये प्रयुक्त रोमन लिपि तथा रूसी भाषा लिखने के लिए प्रयोग की जाने वाली सीरिलिक वर्णमाला दोनों यूनानी लिपि से जन्मी हैं। दूसरी शताब्दी ईसापूर्व के बाद गणितज्ञों ने यूनानी अक्षरों को अंक दर्शाने के लिए भी प्रयोग करना शुरू कर दिया। यूनानी वर्णों का प्रयोग विज्ञान के कई क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे भौतिकी में तत्वों के नाम, सितारों के नाम, बिरादरी एवं साथी सम्प्रदाय के नाम, ऊष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों के नाम के लिए। .
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रबातक शिलालेख
रबातक शिलालेख के अनुसार भारतीय उपमहाद्वीप में कनिष्क का साम्राज्य रबातक शिलालेख अफ़ग़ानिस्तान के बग़लान प्रान्त में सुर्ख़ कोतल के पास स्थित रबातक (Rabatak) नामक पुरातन स्थल पर एक शिला पर बाख़्तरी भाषा और यूनानी लिपि में कुषाण वंश के प्रसिद्ध सम्राट कनिष्क के वंश के बारे में एक २३ पंक्तियों का लेख है। यह इतिहासकारों को सन् १९९३ में मिला था और इस से कनिष्क के पूर्वजों के बारे में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी मिलती है। इसमें कनिष्क ने कहा है कि वह एक नाना नमक देवी का वंशज है और उसने अपने साम्राज्य में यूनानी भाषा को हटाकर आर्य भाषा चला दी है। उसने इसमें अपने पड़-दादा कुजुल कडफिसेस, दादा सद्दाशकन, पिता विम कडफिसेस और स्वयं अपना ज़िक्र किया है।, Upinder Singh, Pearson Education India, 2008, ISBN 978-81-317-1120-0,...
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विम कडफिसेस
विम कडफिसेस (बाख़्त्री में Οοημο Καδφισης) लगभग 90-100 सी.ई. में कुषाण वंश का शासक था। रबातक शिलालेख के अनुसार वह विम ताकतू का पुत्र तथा कनिष्क का पिता था। उसे कडफिसेस द्वितीय भी कहा जाता है। .
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कुषाण राजवंश
कुषाण प्राचीन भारत के राजवंशों में से एक था। कुछ इतिहासकार इस वंश को चीन से आए युएझ़ी लोगों के मूल का मानते हैं। कुछ विद्वानो इनका सम्बन्ध रबातक शिलालेख पर अन्कित शब्द गुसुर के जरिये गुर्जरो से भी बताते हैं। सर्वाधिक प्रमाणिकता के आधार पर कुषाण वन्श को चीन से आया हुआ माना गया है। लगभग दूसरी शताब्दी ईपू के मध्य में सीमांत चीन में युएझ़ी नामक कबीलों की एक जाति हुआ करती थी जो कि खानाबदोशों की तरह जीवन व्यतीत किया करती थी। इसका सामना ह्युगनु कबीलों से हुआ जिसने इन्हें इनके क्षेत्र से खदेड़ दिया। ह्युगनु के राजा ने ह्यूची के राजा की हत्या कर दी। ह्यूची राजा की रानी के नेतृत्व में ह्यूची वहां से ये पश्चिम दिशा में नये चरागाहों की तलाश में चले। रास्ते में ईली नदी के तट पर इनका सामना व्ह्सुन नामक कबीलों से हुआ। व्ह्सुन इनके भारी संख्या के सामने टिक न सके और परास्त हुए। ह्यूची ने उनके चरागाहों पर अपना अधिकार कर लिया। यहां से ह्यूची दो भागों में बंट गये, ह्यूची का जो भाग यहां रुक गया वो लघु ह्यूची कहलाया और जो भाग यहां से और पश्चिम दिशा में बढा वो महान ह्यूची कहलाया। महान ह्यूची का सामना शकों से भी हुआ। शकों को इन्होंने परास्त कर दिया और वे नये निवासों की तलाश में उत्तर के दर्रों से भारत आ गये। ह्यूची पश्चिम दिशा में चलते हुए अकसास नदी की घाटी में पहुँचे और वहां के शान्तिप्रिय निवासिओं पर अपना अधिकार कर लिया। सम्भवतः इनका अधिकार बैक्ट्रिया पर भी रहा होगा। इस क्ष्रेत्र में वे लगभग १० वर्ष ईपू तक शान्ति से रहे। चीनी लेखक फान-ये ने लिखा है कि यहां पर महान ह्यूची ५ हिस्सों में विभक्त हो गये - स्यूमी, कुई-शुआंग, सुआग्म,,। बाद में कुई-शुआंग ने क्यु-तिसी-क्यो के नेतृत्व में अन्य चार भागों पर विजय पा लिया और क्यु-तिसी-क्यो को राजा बना दिया गया। क्यु-तिसी-क्यो ने करीब ८० साल तक शासन किया। उसके बाद उसके पुत्र येन-काओ-ट्चेन ने शासन सम्भाला। उसने भारतीय प्रान्त तक्षशिला पर विजय प्राप्त किया। चीनी साहित्य में ऐसा विवरण मिलता है कि, येन-काओ-ट्चेन ने ह्येन-चाओ (चीनी भाषा में जिसका अभिप्राय है - बड़ी नदी के किनारे का प्रदेश जो सम्भवतः तक्षशिला ही रहा होगा)। यहां से कुई-शुआंग की क्षमता बहुत बढ़ गयी और कालान्तर में उन्हें कुषाण कहा गया। .
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अफ़ग़ानिस्तान
अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी गणराज्य दक्षिणी मध्य एशिया में अवस्थित देश है, जो चारो ओर से जमीन से घिरा हुआ है। प्रायः इसकी गिनती मध्य एशिया के देशों में होती है पर देश में लगातार चल रहे संघर्षों ने इसे कभी मध्य पूर्व तो कभी दक्षिण एशिया से जोड़ दिया है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, कज़ाकस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है। अफ़ग़ानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का8 एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3000 से 2,000 ई.पू.
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या कनिष्क और कुजुल कडफिसेस लगती में
- यह आम कनिष्क और कुजुल कडफिसेस में है क्या
- कनिष्क और कुजुल कडफिसेस के बीच समानता
कनिष्क और कुजुल कडफिसेस के बीच तुलना
कनिष्क 48 संबंध है और कुजुल कडफिसेस 9 है। वे आम 6 में है, समानता सूचकांक 10.53% है = 6 / (48 + 9)।
संदर्भ
यह लेख कनिष्क और कुजुल कडफिसेस के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: