कण्ठ्य व्यंजन और स्पर्श व्यंजन
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
कण्ठ्य व्यंजन और स्पर्श व्यंजन के बीच अंतर
कण्ठ्य व्यंजन vs. स्पर्श व्यंजन
कंठ्य अक्षर वो अक्षर हैं जो सीधे ही कंठ से निकलते हैं। यानि कि उनके उच्चारण में जीभ को मुख के किसी भी भाग को छूना नहीं पड़ता। जैसे कि:" क" "ख" "ग" "घ" "ड•" वैसे तो इस श्रेणी के बिन्दु वाले अक्षर भी कंठ्य अक्षर होते हैं पर वो "अलिजिह्वीय श्रेणी" में शामिल हैं। उनका उच्चारण थोड़ा भिन्न होता है जो साधारण सुनने में आया है। * श्रेणी:उच्चारण के ढंग. स्वनविज्ञान में स्पर्श व्यंजन (plosive consonant या stop consonant) ऐसा व्यंजन होता है जिसमें व्यंजन उच्चारित करते हुए मुख के किन्हीं दो भागों का स्पर्श कराने से वायु-प्रवाह पूरी तरह से रोक दिया जाए। उदाहरण के लिए 'ब' और 'प' में होंठ जोड़कर, 'क' और 'ग' में गले में वायु-बहाव रोककर, 'त' और 'द' में जिह्वा को दांतों से छुआ कर, तथा 'ट' और 'ड' में जिह्वा को तालू से छू कर यह व्यंजन उच्चारित करे जाते हैं। .
कण्ठ्य व्यंजन और स्पर्श व्यंजन के बीच समानता
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कण्ठ्य व्यंजन और स्पर्श व्यंजन के बीच तुलना
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संदर्भ
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