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कठोरता और फेल्सपार

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कठोरता और फेल्सपार के बीच अंतर

कठोरता vs. फेल्सपार

विकर्स का कठोरतामापी एलास्टोमर पदार्थों के बल-विकृति ग्राफ में हिस्टेरिसिस पायी जाती है (प्रतिबल बढ़ाने पर और घटाने पर ग्राफ अलग-अलग मार्ग से जाता है)। इसे एलास्टिक हिस्टेरिस कहते हैं। प्रतिक्षेप कठोरता (रिबाउण्ड हार्डनेस) का मापन इसी सिद्धान्त पर आधारित है। प्रत्यास्थ पदार्थों में यह हिस्टेरिसिस् नहीं पायी जाती। कठोरता (Hardness) किसी ठोस का वह गुण है जिससे पता चलता है कि उस पर बल लगाने पर उसे स्थायी रूप से विकृत करने की कितनी सम्भावना है। सामान्यतः अधिक कठोर ठोस वह होता है जिसमें अन्तराणविक बल अधिक मजबूत होगा। कठोर पदार्थों के कुछ उदाहरण: सिरामिक (ceramics), कंक्रीट (concrete), कुछ धातुएँ तथा अतिकठोर पदार्थ। 'कठोरता' को मापने के अलग-अलग तरीके हैं. फेल्सपार क्रिस्टल (18×21×8.5 cm) २००५ में फेल्सपार का वैश्विक उत्पादन फेल्सपार (Feldspar) शैलनिर्माणकारी खनिजों का सबसे महत्वपूर्ण वर्ग है। संघटन की दृष्टि से ये खनिज पोटैशियम, सोडियम, कैल्सियम, तथा बेरियम के ऐलुमिनोसिलिकेट हैं। धरती के गर्भ का लगभग ६०% भाग फेल्सपार से बना है। इस वर्ग के मुख्य खनिज निम्नलिखित हैं, जिनमें प्रथम के क्रिस्टल एकनताक्ष तथा शेष के त्रिनताक्ष होते हैं: ऐल्बाइट-ऐनॉर्थाइट संघटक एक खनिज माला का निर्माण करते हैं, जिसे प्लैजिओक्लेस (plagioclase) माला कहते हैं। इस माला के खनिज हैं: ऑलिगोक्लेस (oligoclase), ऐडेज़िन (andesine) लैब्राडोराइट (labrodorite) तथा बाइटोनाइट (bytownite)। इन खनिजों में ऐल्बाइट और ऐनॉर्थाइट संघटकों की भिन्न भिन्न मात्राएँ रहती हैं, उदाहरणार्थ लेब्रैडोराइट खनिज में ऐल्बाइट संघटक की प्रतिशत मात्रा 30 से 50 तथा ऐनॉर्थाइट संघटक की प्रतिशत मात्रा तदनुसार 70 से 50 तक हो सकती है। फेल्सपार खनिज भिन्न भिन्न रंगों में मिलते हैं। ऑर्थोक्लेज़ साधारणत: सफेद या गुलाबी होता है, माइक्रोक्लीन सफेद या हरा तथा प्लैजिओक्लेस सफेद या भूरे रंग के होते हैं तथा इनपर धारियाँ पड़ी रहती हैं। इनकी चमक काचोपम या मोतीसम होती है तथा इनमें दो दिशाओं में विदलन सतह विद्यमान रहती है। इनकी कठोरता 6 से 6.5 तथा आपेक्षिक घनत्व 2.6 से 2.8 तक है। फेल्सपार वर्ग के भिन्न भिन्न खनिजों की उपस्थिति पर ही शैलों का विभाजन किया जाता है। क्वार्ट्ज़ ऑर्थोक्लेज़, ऐल्बाइटयुक्त शैलें अम्लीय तथा ऐनॉर्थाइट युक्त शिलाएँ क्षारीय शैलें कहलाती हैं। ऑर्थोक्लेज, माइक्रोक्लीन और ऐल्बाइट के बहुत से आर्थिक उपयोग भी हैं। इनके संपूर्ण उत्पादन की दो तिहाई मात्रा काच तथा चीनी मिट्टी के उद्योगों में काम आती है। उच्च श्रेणी का पोटाश फेल्सपार विद्युत-अवरोधी पदार्थ तथा बनावटी दाँत बनाने के काम आता है। यद्यपि फेल्सपार सभी शैलों के विद्यमान रहते हैं, तथापि इनके आर्थिक महत्व के निक्षेप पैगमैटाइट शैलों तथा धारियों में मिलते हैं। .

कठोरता और फेल्सपार के बीच समानता

कठोरता और फेल्सपार आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): खनिज

खनिज

विभिन्न प्रकार के खनिज खनिज ऐसे भौतिक पदार्थ हैं जो खान से खोद कर निकाले जाते हैं। कुछ उपयोगी खनिज पदार्थों के नाम हैं - लोहा, अभ्रक, कोयला, बॉक्साइट (जिससे अलुमिनियम बनता है), नमक (पाकिस्तान व भारत के अनेक क्षेत्रों में खान से नमक निकाला जाता है!), जस्ता, चूना पत्थर इत्यादि। .

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कठोरता और फेल्सपार के बीच तुलना

कठोरता 7 संबंध है और फेल्सपार 9 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 6.25% है = 1 / (7 + 9)।

संदर्भ

यह लेख कठोरता और फेल्सपार के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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