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कक्षीय राशियाँ और बुध (ग्रह)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

कक्षीय राशियाँ और बुध (ग्रह) के बीच अंतर

कक्षीय राशियाँ vs. बुध (ग्रह)

खगोलशास्त्र और भौतिकी में कक्षीय राशियाँ (Orbital elements) वह प्राचल (पैरामीटर) होते हैं जिन्हें निर्धारित करने से किसी वस्तु की किसी और वस्तु के इर्द-गिर्द करने वाली कक्षा (ऑरबिट) पूरी तरह निर्धारित हो जाती है। किसी भी कक्षा को कई प्राचल के साथ समझा जा सकता है लेकिन कुछ विधियाँ (जिसमें प्रत्येक में छह प्राचल प्रयोग होते हैं) खगोलशास्त्रियों द्वारा आम प्रयोग होती हैं। . बुध (Mercury), सौरमंडल के आठ ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य से निकटतम है। इसका परिक्रमण काल लगभग 88 दिन है। पृथ्वी से देखने पर, यह अपनी कक्षा के ईर्दगिर्द 116 दिवसो में घूमता नजर आता है जो कि ग्रहों में सबसे तेज है। गर्मी बनाए रखने के लिहाज से इसका वायुमंडल चुंकि करीब करीब नगण्य है, बुध का भूपटल सभी ग्रहों की तुलना में तापमान का सर्वाधिक उतार-चढाव महसूस करता है, जो कि 100 K (−173 °C; −280 °F) रात्रि से लेकर भूमध्य रेखीय क्षेत्रों में दिन के समय 700 K (427 °C; 800 °F) तक है। वहीं ध्रुवों के तापमान स्थायी रूप से 180 K (−93 °C; −136 °F) के नीचे है। बुध के अक्ष का झुकाव सौरमंडल के अन्य किसी भी ग्रह से सबसे कम है (एक डीग्री का करीब), परंतु कक्षीय विकेन्द्रता सर्वाधिक है। बुध ग्रह पर की तुलना में सूर्य से करीब 1.5 गुना ज्यादा दूर होता है। बुध की धरती क्रेटरों से अटी पडी है तथा बिलकुल हमारे चन्द्रमा जैसी नजर आती है, जो इंगित करता है कि यह भूवैज्ञानिक रूप से अरबो वर्षों तक मृतप्राय रहा है। बुध को पृथ्वी जैसे अन्य ग्रहों के समान मौसमों का कोई भी अनुभव नहीं है। यह जकडा हुआ है इसलिए इसके घूर्णन की राह सौरमंडल में अद्वितीय है। किसी स्थिर खडे सितारे के सापेक्ष देखने पर, यह हर दो कक्षीय प्रदक्षिणा के दरम्यान अपनी धूरी के ईर्दगिर्द ठीक तीन बार घूम लेता है। सूर्य की ओर से, किसी ऐसे फ्रेम ऑफ रिफरेंस में जो कक्षीय गति से घूमता है, देखने पर यह हरेक दो बुध वर्षों में मात्र एक बार घूमता नजर आता है। इस कारण बुध ग्रह पर कोई पर्यवेक्षक एक दिवस हरेक दो वर्षों का देखेगा। बुध की कक्षा चुंकि पृथ्वी की कक्षा (शुक्र के भी) के भीतर स्थित है, यह पृथ्वी के आसमान में सुबह में या शाम को दिखाई दे सकता है, परंतु अर्धरात्रि को नहीं। पृथ्वी के सापेक्ष अपनी कक्षा पर सफर करते हुए यह शुक्र और हमारे चन्द्रमा की तरह कलाओं के सभी रुपों का प्रदर्शन करता है। हालांकि बुध ग्रह बहुत उज्जवल वस्तु जैसा दिख सकता है जब इसे पृथ्वी से देख जाए, सूर्य से इसकी निकटता शुक्र की तुलना में इसे देखना और अधिक कठिन बनाता है। .

कक्षीय राशियाँ और बुध (ग्रह) के बीच समानता

कक्षीय राशियाँ और बुध (ग्रह) आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): सौर मण्डल, कक्षा (भौतिकी), कक्षीय विकेन्द्रता, कक्षीय अवधि, अर्ध दीर्घ अक्ष

सौर मण्डल

सौर मंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। किसी तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन खगोलीय वस्तुओं के समूह को ग्रहीय मण्डल कहा जाता है जो अन्य तारे न हों, जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु और खगोलीय धूल। हमारे सूरज और उसके ग्रहीय मण्डल को मिलाकर हमारा सौर मण्डल बनता है। इन पिंडों में आठ ग्रह, उनके 166 ज्ञात उपग्रह, पाँच बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं। इन छोटे पिंडों में क्षुद्रग्रह, बर्फ़ीला काइपर घेरा के पिंड, धूमकेतु, उल्कायें और ग्रहों के बीच की धूल शामिल हैं। सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें स्थलीय ग्रह कहा जाता है, मुख्यतया पत्थर और धातु से बने हैं। और इसमें क्षुद्रग्रह घेरा, चार विशाल गैस से बने बाहरी गैस दानव ग्रह, काइपर घेरा और बिखरा चक्र शामिल हैं। काल्पनिक और्ट बादल भी सनदी क्षेत्रों से लगभग एक हजार गुना दूरी से परे मौजूद हो सकता है। सूर्य से होने वाला प्लाज़्मा का प्रवाह (सौर हवा) सौर मंडल को भेदता है। यह तारे के बीच के माध्यम में एक बुलबुला बनाता है जिसे हेलिओमंडल कहते हैं, जो इससे बाहर फैल कर बिखरी हुई तश्तरी के बीच तक जाता है। .

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कक्षा (भौतिकी)

दिक् में एक बिंदु के इर्द-गिर्द अपनी अलग-अलग कक्षाओं में परिक्रमा करती दो अलग आकारों की वस्तुएँ भौतिकी में कक्षा या ऑर्बिट दिक् (स्पेस) में स्थित एक बिंदु के इर्द-गिर्द एक मार्ग को कहते हैं जिसपर चलकर कोई वस्तु उस बिंदु की परिक्रमा करती है। खगोलशास्त्र में अक्सर उस बिंदु पर कोई बड़ा तारा या ग्रह स्थित होता है जिसके इर्द-गिर्द कोई छोटा ग्रह या उपग्रह अपनी कक्षा में उसकी परिक्रमा करता है। यदि खगोलीय वस्तुओं की कक्षाओं को देखा जाए तो कई भिन्न तरह की कक्षाएँ देखी जाती हैं - कुछ गोलाकार हैं, कुछ अण्डाकार हैं और कुछ इन से अधिक पेचीदा हैं। श्रेणी:भौतिकी श्रेणी:खगोलशास्त्र श्रेणी:हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना * श्रेणी:ज्योतिष पक्ष.

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कक्षीय विकेन्द्रता

एक अण्डाकार केपलर कक्षा (लाल) एक ०.७ की विकेन्द्रता के साथ, एक परवलयिक केपलर कक्षा (हरा) और एक अतिपरवलयिक केपलर कक्षा (नीला) १.३ की विकेन्द्रता के साथ. किसी खगोलीय पिंड की कक्षीय विकेन्द्रता (Orbital eccentricity) वह राशि है जिसके द्वारा उसकी कक्षा एक पूर्ण वृत्त से विचलित हो जाती है। जहां शून्य एक पूर्ण वृत्त है और १.० एक परवलय है। इसे अंग्रेजी अक्षर e से प्रदर्शित किया जाता है। विकेन्द्रता निम्न मान ले सकती है.

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कक्षीय अवधि

किसी पिण्ड की कक्षीय अवधि अथवा परिक्रमण काल या संयुति काल उसके द्वारा किसी दूसरे निकाय का एक पूरा चक्कर लगाने में लिया गया समय है। .

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अर्ध दीर्घ अक्ष

एक दीर्घवृत्त का अर्द्ध-मुख्य अक्ष मुख्य अक्ष (major axis) एक दीर्घवृत्त का सबसे लंबा व्यास है, एक रेखा जो केंद्र और दोनों नाभियों से होकर गुजरती है, इसके छोर आकार के सर्वाधिक दूरी के बिंदु है। मुख्य अक्ष का आधा अर्द्ध-मुख्य अक्ष (semi-major axis) है और इस तरह नाभि से होकर केंद्र से दीर्घवृत्त के किनारे तक जाती है; अनिवार्य रूप से, यह कक्षा के सबसे दूरस्थ बिन्दुओं से ली गई, कक्षा की त्रिज्या की एक माप है। वृत्त के विशेष मामले में, अर्द्ध-मुख्य अक्ष एक त्रिज्या है। एक तरह से सोचे तो अर्द्ध-मुख्य अक्ष एक दीर्घवृत्त की सबसे लम्बी त्रिज्या है। .

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कक्षीय राशियाँ और बुध (ग्रह) के बीच तुलना

कक्षीय राशियाँ 24 संबंध है और बुध (ग्रह) 62 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 5.81% है = 5 / (24 + 62)।

संदर्भ

यह लेख कक्षीय राशियाँ और बुध (ग्रह) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: