औद्योगिक क्रांति और पूँजी
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
औद्योगिक क्रांति और पूँजी के बीच अंतर
औद्योगिक क्रांति vs. पूँजी
'''वाष्प इंजन''' औद्योगिक क्रांति का प्रतीक था। अट्ठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तथा उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में कुछ पश्चिमी देशों के तकनीकी, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक स्थिति में काफी बड़ा बदलाव आया। इसे ही औद्योगिक क्रान्ति (Industrial Revolution) के नाम से जाना जाता है। यह सिलसिला ब्रिटेन से आरम्भ होकर पूरे विश्व में फैल गया। "औद्योगिक क्रांति" शब्द का इस संदर्भ में उपयोग सबसे पहले आरनोल्ड टायनबी ने अपनी पुस्तक "लेक्चर्स ऑन दि इंड्स्ट्रियल रिवोल्यूशन इन इंग्लैंड" में सन् 1844 में किया। औद्योगिक क्रान्ति का सूत्रपात वस्त्र उद्योग के मशीनीकरण के साथ आरम्भ हुआ। इसके साथ ही लोहा बनाने की तकनीकें आयीं और शोधित कोयले का अधिकाधिक उपयोग होने लगा। कोयले को जलाकर बने वाष्प की शक्ति का उपयोग होने लगा। शक्ति-चालित मशीनों (विशेषकर वस्त्र उद्योग में) के आने से उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि हुई। उन्नीसवी सदी के प्रथम् दो दशकों में पूरी तरह से धातु से बने औजारों का विकास हुआ। इसके परिणामस्वरूप दूसरे उद्योगों में काम आने वाली मशीनों के निर्माण को गति मिली। उन्नीसवी शताब्दी में यह पूरे पश्चिमी यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका में फैल गयी। अलग-अलग इतिहासकार औद्योगिक क्रान्ति की समयावधि अलग-अलग मानते नजर आते हैं जबकि कुछ इतिहासकार इसे क्रान्ति मानने को ही तैयार नहीं हैं। अनेक विचारकों का मत है कि गुलाम देशों के स्रोतों के शोषण और लूट के बिना औद्योगिक क्रान्ति सम्भव नही हुई होती, क्योंकि औद्योगिक विकास के लिये पूंजी अति आवश्यक चीज है और वह उस समय भारत आदि गुलाम देशों के संसाधनों के शोषण से प्राप्त की गयी थी। . पूँजी (Capital) साधारणतया उस धनराशि को कहते हैं जिससे कोई व्यापार चलाया जाए। किंतु कंपनी अधिनियम के अंतर्गत इसका अभिप्राय अंशपूँजी से हैं; न कि उधार राशि से, जिसे कभी कभी उधार पूँजी भी कहते हैं। प्रत्येक कंपनी के लिए यह अनिवार्य है कि वह अपने सीमानियम में अंशपूँजी, जिसे रजिस्टर्ड, प्राधिकृत अथवा अंकित पूँजी कहते हैं, तथा उसके निश्चित मूल्य के अंशों में विभाजन का उल्लेख करे। प्राधिकृत पूँजी के कुछ भाग को निर्गमित (इशू) किया जा सकता है और शेष को आवश्यकतानुसार निर्गमित किया जा सकता है। निर्गमित भाग के अंशों के अंकित मूल्य को निर्गमित पूँजी कहते हैं। जनता जिन अंशों के क्रय के लिए प्रार्थनापात्र दे उनके अंकित मूल्य को प्रार्थित पूँजी (Subscribed captial) तथा अंशधारियों द्वारा जितनी राशि का भुगतान किया जाए उसे दत्तपूँजी (Paid captial) कहते हैं। कंपनी चाहे तो नए अंश निर्गमित करके अंशूपूँजी में वृद्धि कर सकती है, सभी या कुछ पूर्णदत्त अंशों को स्कंधों में परिवर्तित कर सकती है सभी या कुछ अंशों को कम कीमत के छोटे अंशों में परिवर्तित कर सकती है अथवा जिन अंशों का निर्गमन न हुआ हो उन्हें निरस्त कर सकती है। ये सब परिवर्तन तभी संभव हैं जब अंतिर्नियमों (आर्टिकल्स ऑव असोसिएशन) में इनकी व्यवस्था हो। अधिकतर कंपनियों में निम्न प्रकार के अंश होते हैं: 1.
औद्योगिक क्रांति और पूँजी के बीच समानता
औद्योगिक क्रांति और पूँजी आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या औद्योगिक क्रांति और पूँजी लगती में
- यह आम औद्योगिक क्रांति और पूँजी में है क्या
- औद्योगिक क्रांति और पूँजी के बीच समानता
औद्योगिक क्रांति और पूँजी के बीच तुलना
औद्योगिक क्रांति 67 संबंध है और पूँजी 3 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (67 + 3)।
संदर्भ
यह लेख औद्योगिक क्रांति और पूँजी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: