2 संबंधों: सहसंयोजी आबंध, वसीय अम्ल।
सहसंयोजी आबंध
संयोजी बंधन का आरंभिक सिद्धान्त H2 का अणु सहसंयोजी बंधन द्वारा बनता है। इसमें दो हाइड्रोजन परमाणु दो एलेक्ट्रानों का साझा करते हैं। सहसंयोजी आबंध (covalent bond) वह रासायनिक आबंध है जिसमें परमाणुओं के बीच एलेक्ट्रान-युग्मों का सहभाजन (शेयरिंग) होता है। सहसंयोजी आबंधन में अनेक प्रकार की पारस्परिक क्रियाएँ (interaction) होते हैं जिनमें से σ-आबन्धन, π-आबन्धन, धातु-धातु आबन्धन आदि प्रमुख हैं। श्रेणी:रासायनिक बंध.
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वसीय अम्ल
वसीय अम्ल कार्बन परमाणुओं की लम्बी श्रृंखला द्वारा गठित कार्बनिक अम्ल हैं, जिनके एक सिरे पर कार्बोक्सिलिक मूलक (-COOH) होता है। यह संतृप्त तथा असंतृप्त दोनों ही प्रकार का होता है। जिस वसीय अम्ल के सभी बंध एकल होते हैं उसे संतृप्त तथा जिसमें एकल के अतिरिक्त द्विबंध या त्रिबंध होते हैं उसे असंतृप्त की श्रेणी में रखते हैं। श्रेणी:कार्बनिक यौगिक श्रेणी:जिन्स रसायन.