ओमान और पहलवी साम्राज्य के बीच समानता
ओमान और पहलवी साम्राज्य आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पार्थिया, सासानी साम्राज्य, हख़ामनी साम्राज्य।
पार्थिया
पार्थी घुड़सवार पार्थ या पार्थिया (फ़ारसी:, पार्त; अंग्रेज़ी: Parthia) उत्तर-पूर्वी ईरान और उस के समीप के क्षेत्र का ऐतिहासिक नाम है। यहाँ कभी पार्थी लोग अपना साम्राज्य चलाया करते थे जो २४७ ईसापूर्व से २२४ ईसवी तक चला। इस साम्राज्य को अशकानी साम्राज्य (फ़ारसी:, अशकानियाँ; अंग्रेज़ी: Arsacid Empire) के नाम से भी जाना जाता है। पार्थी लोग एक ईरानी भाषा बोलने वाली जाति थी।, Malcolm A. R. Colledge, BRILL, 1986, ISBN 978-90-04-07115-5,...
ओमान और पार्थिया · पहलवी साम्राज्य और पार्थिया ·
सासानी साम्राज्य
सासानी साम्राज्य (गहरा हरा रंग); मध्यम हरे रंग में दिखाया गया क्षेत्र में पूर्वी रोमनों से युद्धरत सासानी (तीसरी सदी - 648) ईरान के इतिहास में सबसे प्रभावशाली शासकों में से एक हैं। इनका स्थान ईरान में हख़ामनी वंश के बाद सबसे सशक्त शासक वंशों में गिना जाता है। इनका उदय ईरान के दक्षिण में फ़ार्स में हुआ था - ये वही राज्य है जिसे हख़ामनी शासकों का मूल स्थान माना जाता है। अप्रैल 224 में एक अर्सासिद परिवार के लोग सशक्त हो गए। पर उनको क़ुज़ेस्तान में लड़े एक युद्ध में हरा कर अर्दाशिर नाम के एक व्यक्ति ने अपनी प्रभुता स्थापित की। उन्होंने अपने को हख़ामनी वंश (एकेमेनिड) के मूल का बताया। इसके बाद बने वंश को सासानी कहते हैं क्योंकि उनका पूर्ववर्ती सासान था। .
ओमान और सासानी साम्राज्य · पहलवी साम्राज्य और सासानी साम्राज्य ·
हख़ामनी साम्राज्य
अजमीढ़ साम्राज्य अपने चरम पर - ईसापूर्व सन् 500 के आसपास हख़ामनी वंश या अजमीढ़ साम्राज्य(अंग्रेज़ी तथा ग्रीक में एकेमेनिड, अजमीढ़ साम्राज्य (ईसापूर्व 550 - ईसापूर्व 330) प्राचीन ईरान (फ़ारस) का एक शासक वंश था। यह प्राचीन ईरान के ज्ञात इतिहास का पहला शासक वंश था जिसने आज के लगभग सम्पूर्ण ईरान पर अपनी प्रभुसत्ता हासिल की थी और इसके अलावा अपने चरमकाल में तो यह पश्मिम में यूनान से लेकर पूर्व में सिंधु नदी तक और उत्तर में कैस्पियन सागर से लेकर दक्षिण में अरब सागर तक फैल गया था। इतना बड़ा साम्राज्य इसके बाद बस सासानी शासक ही स्थापित कर पाए थे। इस वंश का पतन सिकन्दर के आक्रमण से सन ३३० ईसापूर्व में हुआ था, जिसके बाद इसके प्रदेशों पर यूनानी (मेसीडोन) प्रभुत्व स्थापित हो गया था। पश्चिम में इस साम्राज्य को मिस्र एवम बेबीलोन पर अधिकार, यूनान के साथ युद्ध तथा यहूदियों के मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए याद किया जाता है। कुरोश तथा दारुश को इतिहास में महान की संज्ञा से भी संबोधित किया जाता है। इस वंश को आधुनिक फ़ारसी भाषा बोलने वाले ईरानियों की संस्कृति का आधार कहा जाता है। इस्लाम के पूर्व प्राचीन ईरान के इस साम्राज्य को ईरानी अपने गौरवशाली अतीत की तरह देखते हैं, जो अरबों द्वारा ईरान पर शासन और प्रभाव स्थापित करने से पूर्व था। आज भी ईरानी अपने नाम इस काल के शासकों के नाम पर रखते हैं जो मुस्लिम नाम नहीं माने जाते हैं। ज़रदोश्त के प्रभाव से पारसी धर्म के शाही रूप का प्रतीक भी इसी वंश को माना जाता है। तीसरी सदी में स्थापित सासानी वंश के शासकों ने अपना मूल हख़ामनी वंश को ही बताया था। .
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ओमान और पहलवी साम्राज्य के बीच तुलना
ओमान 34 संबंध है और पहलवी साम्राज्य 27 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 4.92% है = 3 / (34 + 27)।
संदर्भ
यह लेख ओमान और पहलवी साम्राज्य के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: