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एयरबस ए३८० और जेट विमान

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

एयरबस ए३८० और जेट विमान के बीच अंतर

एयरबस ए३८० vs. जेट विमान

एयरबस ए३८० एयरबस ए३८० (Airbus A380) एयरबस द्वारा निर्मित एक वायुयान है। यह दो डेकर वाला, चौड़ा, चार इंजन युक्त विमान है। यह विश्व का सबसे बड़ा यात्री विमान है। ए३८० विमान की पहली उड़ान ५ अप्रैल २००५ को हुई थी। २००७ में यह व्यावसायिक उड़ान भी भरने लगा। . अमेरीकी वायु सेना के लडाकू जेट विमान जेट विमान जेट इंजन से चलने वाला एक प्रकार का वायुयान है। यह विमान प्रोपेलर (पंखे) चालित विमानों से ज्यादा तेज और ज्यादा ऊँचाई तक उड़ सकते हैं। अपनी इन्हीं क्षमताओं के कारण आधुनिक युग में इनका बहुत प्रचार प्रसार हुआ। सैन्य विमान मुख्यतः जेट चालित ही होते है क्योंकि ये तेज गति से उड़ कर एवं तीव्र कोण पर शत्रु पर आक्रमण करने की क्षमता रखते हैं। इनके इंजन की कार्यक्षमता प्रोपेलर इंजन से बेहतर होती है इसीलिए जेट विमानों को लम्बी दूरी तक उड़ान भरने के लिए उपयुक्त माना गया है और आज इन्हें यात्री एवं माल को लम्बी दूरी तक ढोने के लिए सर्वोत्तम साधन माना जाता है। जेट विमान के एक कक्ष में कुछ ईंधन रखा जाता है। जब विमान चलना प्रारम्भ करता है तो विमान के सिरे पर बने छिद्र से बाहर की वायु इंजन में प्रवेश करती है। वायु के आक्सीजन के साथ मिलकर ईँधन अत्यधिक दबाव पर जलता है। जलने से उत्पन्न गैस का दाब बहुत अधिक होता है। यह गैस वायु के साथ मिलकर पीछे की ओर के जेट से तीव्र वेग से बाहर निकलती है। यद्यपि गैस का द्रव्यमान बहुत कम होता है किन्तु तीव्र वेग के कारण संवेग और प्रतिक्रिया बल बहुत अधिक होता है। इसलिए जेट विमान आगे की ओर तीव्र वेग से गतिमान होता है। चूँकि जेट विमान में वायु बाहर से ली जाती है, इसलिए वायु शून्य स्थान में जेट विमान नहीं उड़ सकता। विश्व का सर्वप्रथम जेट वायु यान बनाने का श्रेय रोमानिया के हेनरी कोंडा को जाता है। सन १९१० में बने इस वायु यान को कोंडा-१९१० के नाम से जाना जाता है। कोंडा-१९१० एक मिश्र जेट यान था जिसके अन्दर प्रत्यागामी इंजन लगा था जो जेट इंजन तक पहुँचने वाली वायु का सम्पीडन करता था। इस जटिल कार्यप्रणाली के कारण इस यान का आगे विकास नहीं हुआ और हेनरी कोंडा ने इसे कुछ प्रयोग करने के बाद इस तकनीक को त्याग दिया। १९२९ में ब्रिटिश वायु सेना के अभियंता फ्रैंक व्हित्तल ने विश्व के पहले टर्बो जेट वायु यान की परिकल्पना की और अपने शोध को प्रकाशित किया परन्तु विश्व का पहला टर्बो जेट वायु यान जर्मनी की वायु सेना ने सन १९३९ में बनवाया। इस यान का नाम था हेंकेल हे १७८ लेकिन यह यान सिर्फ परीक्षण क्षेत्र तक ही सीमित रह गया और इसे कभी भी युद्घ क्षेत्र में उपयोग में नहीं लाया गया। द्वितीय विश्व युद्घ और उसके बाद के शीतयुद्ध के समय जेट वायु यान तकनीक का तेजी से विकास हुआ और विश्व की सभी प्रमुख वायु सेनाओं ने जेट यानों को अपना लिया। अमेरिका में बना यान एसआर-७१ ब्लैकबर्ड विश्व का सबसे तेज गति से उड़ने वाला लड़ाकू जेट वायु यान है। यह यान ध्वनि की गति से ३.४ गुना ज्यादा गति से उड़ सकता है। व्यावसायिक विमानों में रूस में बना तुपोलेव तू-१४४ सबसे तेज विमान है जो ध्वनि की गति से २.३५ गुना अधिक गति से उड़ सकता है। .

एयरबस ए३८० और जेट विमान के बीच समानता

एयरबस ए३८० और जेट विमान आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): वायुयान

वायुयान

एक बोईंग ७८७ ड्रीमलाइनर विमान हवा में उड़ान भरता हुआ वायुयान ऐसे यान को कहते है जो धरती के वातावरण या किसी अन्य वातावरण में उड सकता है। किन्तु राकेट, वायुयान नहीं है क्योंकि उडने के लिये इसके चारो तरफ हवा का होना आवश्यक नहीं है। .

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एयरबस ए३८० और जेट विमान के बीच तुलना

एयरबस ए३८० 2 संबंध है और जेट विमान 17 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.26% है = 1 / (2 + 17)।

संदर्भ

यह लेख एयरबस ए३८० और जेट विमान के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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