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एमिली डिकिंसन और एलेन गिन्सबर्ग

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

एमिली डिकिंसन और एलेन गिन्सबर्ग के बीच अंतर

एमिली डिकिंसन vs. एलेन गिन्सबर्ग

एमिली डिकिंसन (Emily Dickinson; १८३०-१८८६) सुप्रसिद्ध अमेरिकी कवयित्री हैं। एमिली डिकिंसन का जन्म मेसाचुसेट्स के एमहर्स्ट नामक स्थान में हुआ। उनके पिता वकील और एहमर्स्ट कॉलेज के कोषाध्यक्ष थे। एमिली को एकांत प्रिय थी, इसलिए उनकी शिक्षा, सभी सुविधाएँ होते हुए भी, अधिक व्यापक न हो सकी। वह घर छोड़कर कहीं भी जाना पसंद नहीं करती थीं। उनके जीवनकाल में उनकी तीन चार कविताएँ ही प्रकाशित हुई। साहित्यिकों से उनका परिचय बहुत ही कम था। उनका जीवन मानो शून्य में बीता था। उनकी मृत्यु के बाद उनकी कविताओं की पांडुलिपियाँ उनकी बहन को मिलीं। दुर्भाग्यवश कुछ रचनाएँ उन्होंने नष्ट भी कर दीं। शेष १८९० में प्रकाशित हुईं और तत्काल ही उनकी प्रसिद्धि फैल गई। उनकी कविताएँ जीवन, प्रेम, प्रकृति, मृत्यु आदि विषयों पर लिखी गई हैं। उनकी कला परंपरावादियों को चौंकानेवाली है। वे छंद, लय, तुक आदि के प्रयोग में काफी स्वतंत्रता से लिखती थीं। उनकी अनुभूतियाँ बहुत तीखी थीं। उनके एक साहित्यिक मित्र, हिगिंसन लिखते हैं। ये कविताएँ भूमि से जड़ों सहित उखाड़ी हुई लगती हैं। वे इन रचनाओं की तुलना ब्लेक की रहस्यवादी कविताओं से करते हैं। जीवन और प्रकृति के व्यापारों के प्रति इन छंदों में गहरी, सूक्ष्म और मौलिक अंतदृष्टि हमें मिलती है। हिगिंसन लिखते हैं, 'जब कोई विचार कौंधकर हमें चकित कर दे, व्याकरण की सीख देना अशिष्टता लगती है। एमिली डिकिंसन की तुलना एमर्सन से की गई है। वे एमर्सन के रहस्यवादी व्यक्तिवाद से प्रभावित हुई थीं। ऐसा अनुमान किया जाता है कि उनका प्रेम पिता के ईषालु और संदेही स्वभाव के कारण असफल रह गया और इसीलिए वे अधिकाधिक आत्मकेंद्रित होती गईं। उनकी गणना एमर्सन के साथ १९वीं शताब्दी के दो सर्वश्रेष्ठ अमरीकन कवियों में होती है। पाप और पुण्य, जीवन और मृत्यु के प्रश्न उन्हें व्याकुल करते रहते थे। वे प्यूरिटन हठधर्मी से कतराती थीं और इस मत की स्रष्टा की कल्पना अस्वीकार करती थीं। उनकी सुप्रसिद्ध कविता, 'अकेला श्वान', में विक्टोरियन युग के ईश्वर का उपहास है। अपनी रहस्यवादी कविताओं में वे अधिक आस्तिकता प्रकट करती हैं। . इर्विन एलेन गिन्सबर्ग (Irwin Allen Ginsberg; 3 जून 1926 – 5 अप्रैल 1997), अमेरिका के बीटनिक आंदोलन के प्रख्यात कवि हैं। इनके द्वारा लिखित लंबी कविता हाउल (१९५६) को बीट आंदोलन की महाकविता कहा जाता है। इस कविता को पूंजीवाद और नियन्त्रणवाद के खिलाफ अमेरिकी की नयी पीढ़ी की आवाज माना जाता है जिस समय अमेरिकी समाज को साम्यवादी भय ने जकड़ लिया था। प्रकाशित होते ही इसकी हजारों प्रतियां बिक गयीं और गिंसबर्ग रातों रात नयी पीढ़ी के मसीहा बन गये, जिस पीढ़ी को आज बीटनिक पीढ़ी कहा जाता है। आज तक इस काव्यग्रन्थ की लाखों प्रतियां बिक चुकी हैं। गिंसबर्ग द्वारा निवेदित हाउल की वीसीडी, सीडी और डीवीडी भी खूब बिकी हैं और आज तक उनकी यह पुस्तक और डीवीडी बिक रही हैं। अपनी इस कविता के लिये उन्होने एक नयी लेखन प्रणाली अपनायी जो सांस लेने और सांस छोड़ने के समय पर आधारित थी। यद्यपि उनके पिता एक गीतकार थे, पर गिंसबर्ग ने अपने पिता द्वारा दिखाये गये मार्ग पर चलना उचित नहीं समझा क्योंकि उन्हें महसूस हुआ कि अमेरिकी समाज बदल चुका है। गिंसबर्ग की माता नायोमी गिंसबर्ग का मानसिक सन्तुलन ठीक नहीं था और इसका प्रभाव किशोर गिंसबर्ग पर भी रहा। हाउल प्रकाशित होने के बाद उन्होने अपनी मां के याद मे कैडिश नाम की एक लंबी कविता हाउल के ही अनुरूप लिखी थी। ख्याति मिलने के बाद उन्हें बहुत सारे देशों में कविता पढ़ने के लिये आमंत्रित किया गया और वह भारत भी आये। भारत आकर वह दो साल तक यहीं रहे। बनारस, पटना, कोलकाता, चाइबासा आदि जगहों पर इन्होने कई दिन बिताये एवं यह स्थानीय कवियों से काफी घुलमिल गये। वह हिन्दु और बौद्ध साधुओं से भी मिले। अमेरिका लौटने के बाद गिंसबर्ग ने बौद्धधर्म अपना लिया। भारत से लौटने के बाद जो कवितायें इन्होने लिखीं उन पर भारतीय प्रभाव साफ झलकता है, यहां तक की उनकी किताबों-दस्तावेजों में दिये गये प्रतीक चिह्न असल में अकबर के मकबरे में अंकित तीन मछलियों का चित्र है। .

एमिली डिकिंसन और एलेन गिन्सबर्ग के बीच समानता

एमिली डिकिंसन और एलेन गिन्सबर्ग आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): कवि

कवि

कवि वह है जो भावों को रसाभिषिक्त अभिव्यक्ति देता है और सामान्य अथवा स्पष्ट के परे गहन यथार्थ का वर्णन करता है। इसीलिये वैदिक काल में ऋषय: मन्त्रदृष्टार: कवय: क्रान्तदर्शिन: अर्थात् ऋषि को मन्त्रदृष्टा और कवि को क्रान्तदर्शी कहा गया है। "जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि" इस लोकोक्ति को एक दोहे के माध्यम से अभिव्यक्ति दी गयी है: "जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ, कवि पहुँचे तत्काल। दिन में कवि का काम क्या, निशि में करे कमाल।।" ('क्रान्त' कृत मुक्तकी से साभार) .

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एमिली डिकिंसन और एलेन गिन्सबर्ग के बीच तुलना

एमिली डिकिंसन 3 संबंध है और एलेन गिन्सबर्ग 16 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.26% है = 1 / (3 + 16)।

संदर्भ

यह लेख एमिली डिकिंसन और एलेन गिन्सबर्ग के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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