ऊष्मीय ऊर्जा और द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्यता
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ऊष्मीय ऊर्जा और द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्यता के बीच अंतर
ऊष्मीय ऊर्जा vs. द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्यता
ऊष्मीय ऊर्जा के कारण निकलती रोशनी के साथ-साथ ऊष्मा भी निकल रही है। ऊष्मीय ऊर्जा एक प्रकार की आंतरिक ऊर्जा होती है। जो किसी भी स्थान पर अपने तापमान के द्वारा प्रभाव डालती है। औसतन गतिज ऊर्जा से इधर उधर घूमते कण इसी के द्वारा स्वतंत्र रूप से घूमते रहते हैं। यह हर कण में उपस्थित ऊष्मीय ऊर्जा को दर्शाता है। . भौतिकी में, द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्यता (mass–energy equivalence) के सिद्धान्त के अनुसार यदि किसी वस्तु में कुछ द्रव्यमान है तो उसमें उसके तुल्य एक ऊर्जा होती है और यदि उसमें कुछ ऊर्जा है तो उसके तुल्य एक द्रव्यमान होता है। द्रव्यमान और ऊर्जा, अलबर्ट आइंस्टीण के निम्नलिखित सूत्र से एक दूसरे से सम्बन्धित हैं- E.
ऊष्मीय ऊर्जा और द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्यता के बीच समानता
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ऊष्मीय ऊर्जा और द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्यता के बीच तुलना
ऊष्मीय ऊर्जा 2 संबंध है और द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्यता 3 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (2 + 3)।
संदर्भ
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