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ऊष्मा इंजन और पिस्टन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ऊष्मा इंजन और पिस्टन के बीच अंतर

ऊष्मा इंजन vs. पिस्टन

एक ऊष्मा इंजन का चित्र: यह इंजन TH ताप वाले गरम स्रोत से QH ऊर्जा लेती है और इसमें से W ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा के रूप में बदलकर शेष QC ऊष्मा को TC ताप वाले सिंक को स्थानातरित कर देती है। जो इंजन है ऊष्मा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलते हैं उन्हें ऊष्मा इंजन (थर्मल इंजन) कहते हैं। ये इंजन ऊष्मा के उच्च ताप से निम्न ताप पर प्रवाहित होने के गुण का उपयोग करके बनाए जाते हैं। इसके विपरीत वे इंजन जो यांत्रिक ऊर्जा की सहायता से ऊष्मा को अधिक ताप से कम ताप पर ले जाते हैं उन्हें 'ऊष्मा पम्प' या 'प्रशीतक' (रेफ्रिजिरेटर) कहते हैं। उच्च ताप से निम्न ताप पर ऊष्मा किसी तरल के सहारे स्थानान्तरित होती है। ऊष्मा मशीनें प्रायः किसी ऊष्मा चक्र में काम करती हैं। इसीलिए इन्हें सम्बन्धित ऊष्मागतिकीय चक्र (थर्मोडाइनेमिक सायकिल) के नाम से जाता जाता है। उदाहरण के लिए कर्ना चक्र पर काम करने वाला ऊष्मा इंजन 'कर्ना इंजन' कहलाता है। ऊष्मा इंजन अन्य इंजनों से इस मामले में भिन्न हैं कि इनकी अधिकतम दक्षता कर्ना के प्रमेय से निर्धारित होती है जो अपेक्षाकृत बहुत कम होती है। किन्तु फिर भी ऊष्मा इंजन सर्वाधिक प्रचलित इंजन है क्योंकि लगभग सभी प्रकार की उर्जाओं को ऊष्मा में बहुत आसानी से बदला जा सकता है और ऊष्मा इंजन द्वारा इस ऊष्मा को यांत्रिक ऊर्जा में। ऊष्मा इंजन और ऊर्जा का संतुलन . एक ठेठ, चार स्ट्रोक साइकिल, DOHC पिस्टन इंजन के घटक. (E) निकास कैमशाफ़्ट, (I) इंटेक कैमशाफ्ट, (S) स्पार्क प्लग, (V) वाल्व, (P) पिस्टन, (R) कनेक्टिंग रॉड, (C) क्रेंकशाफ्ट, (W) शीतलक प्रवाह के लिए पानी की जैकेट. पिस्टन, प्रत्यागामी इंजन, प्रत्यागामी पंप, गैस कम्प्रेसर और वायवीय सिलेंडर का एक घटक है। यह गतिशील घटक है जो एक सिलेंडर द्वारा अन्तर्विष्ट होता है और इसे पिस्टन रिंग द्वारा गैस-टाईट बनाया जाता है। एक इंजन में, इसका उद्देश्य होता है सिलेंडर में विस्तारित होती गैस के बल को एक पिस्टन रॉड और/या कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से क्रैंकशाफ्ट में स्थानांतरित करना.

ऊष्मा इंजन और पिस्टन के बीच समानता

ऊष्मा इंजन और पिस्टन आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): प्रत्यागामी इंजन, भाप का इंजन, अन्तर्दहन इंजन

प्रत्यागामी इंजन

'''अन्तर्दहन पिस्टन इंजन''' किसी चार स्ट्रोक वाले सामान्य अन्तर्दहन पिस्टन इंजन के मुख्य अवयव - '''E''' - वहिर्द्वार कैमशाफ्ट (Exhaust camshaft) '''I''' - प्रवेशद्वार कैमशाफ्ट (Intake camshaft) '''S''' - स्पार्क प्लग '''V''' - वाल्व '''P''' - पिस्टन '''R''' - योजक छड़ (Connecting rod) '''C''' - क्रैंकशाफ्ट (Crankshaft) '''W''' - शीतलक (जल) के प्रवाह के लिये जैकेट प्रत्यागामी इंजन (reciprocating engine) को पिस्टन इंजन भी कहा जाता है। प्रत्यागामी इंजन में एक या अधिक पिस्टन होते हैं जो प्रत्यागामी गति (reciprocating motion) करते हैं और इस प्रकार दाब का समुचित ढ़ंग से गति में परिवर्तन करते हैं। पिस्टन की यह प्रत्यागामी गति अन्तत: क्रैंक एवं क्रैंक-शाफ्ट की सहायता से घूर्णन गति में बदल दी जाती है। प्रत्यागामी इंजन, वाह्य दहन इंजन तथा अन्तर्दहन इंजन दोनो में प्रयुक्त होता है। .

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भाप का इंजन

एक स्वयं-प्रगामी (self-propelled) वाष्पयान एक संरक्षित अपूर्ण पोर्टेबल वाष्पयान (टेन्टरफिल्ड एन एस डब्ल्यू) वाष्पयान या भाप का इंजन एक प्रकार का उष्मीय इंजन है जो कार्य करने के लिये जल-वाष्प का प्रयोग करता है। भाप के इंजन अधिकांशतः वाह्य दहन इंजन होते हैं जिसमें रैंकाइन चक्र (Rankine cycle) नामक उष्मा-चक्र (heat cycle) काम में लाया जाता है। कुछ वाष्पयान सौर उर्जा, नाभिकीय उर्जा या जिओथर्मल उर्जा से भी चलते हैंइसकी खोज १७६३ में हुई .

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अन्तर्दहन इंजन

42-सिलिण्डर वाला JSC Zvezda M503 डीजल इंजन, 2940 kW अन्तर्दहन इंजन (अन्तः दहन इंजन या आन्तरिक दहन इंजन या internal combustion engine) ऐसा इंजन है जिसमें ईंधन एवं आक्सीकारक सभी तरफ से बन्द एक बेलानाकार दहन कक्ष में जलते हैं। दहन की इस क्रिया में प्रायः हवा ही आक्सीकारक का काम करती है। जिस बन्द कक्ष में दहन होता है उसे दहन कक्ष (कम्बशन चैम्बर) कहते हैं। दहन की यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी (exothermic reaction) होती है जो उच्च ताप एवं दाब वाली गैसें उत्पन्न करती है। ये गैसें दहन कक्ष में लगे हुए एक पिस्टन को धकेलती हुए फैलतीं है। पिस्टन एक कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से एक क्रेंक शाफ्ट(घुमने वाली छड़) से जुड़ा होता है, इस प्रकार जब पिस्टन नीचे की तरफ जाता है तो कनेक्टिंग रॉड से जुड़ी क्रेंक शाफ्ट घुमने लगती है, इस प्रकार ईंधन की रासायनिक ऊर्जा पहले ऊष्मीय ऊर्जा में बदलती है और फिर ऊष्मीय ऊर्जा यांत्रिक उर्जा में बदल जाती है। अन्तर्दहन इंजन के विपरीत बहिर्दहन इंजन, (जैसे, वाष्प इंजन) में कार्य करने वाला तरल (जैसे वाष्प) किसी अन्य कक्ष में किसी तरल को गरम करके प्राप्त किया जाता है। प्रायः पिस्टनयुक्त प्रत्यागामी इंजन, जिसमें कुछ-कुछ समयान्तराल के बाद दहन होता है (लगातार नहीं), को ही अन्तर्दहन इंजन कहा जाता है किन्तु जेट इंजन, अधिकांश रॉकेट एवं अनेक गैस टर्बाइनें भी अन्तर्दहन इंजन की श्रेणी में आती हैं जिनमें दहन की क्रिया अनवरत रूप से चलती रहती है। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

ऊष्मा इंजन और पिस्टन के बीच तुलना

ऊष्मा इंजन 16 संबंध है और पिस्टन 8 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 12.50% है = 3 / (16 + 8)।

संदर्भ

यह लेख ऊष्मा इंजन और पिस्टन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: