लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

ऊन और ऊर्णाजिन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ऊन और ऊर्णाजिन के बीच अंतर

ऊन vs. ऊर्णाजिन

ऊन के लम्बे एवं छोटे रेशे ऊन मूलतः रेशेदार (तंतुमय) प्रोटीन है जो विशेष प्रकार की त्वचा की कोशिकाओं से निकलता है। ऊन पालतू भेड़ों से प्राप्त किया जाता है, किन्तु बकरी, याक आदि अन्य जन्तुओं के बालों से भी ऊन बनाया जा सकता है। कपास के बाद ऊन का सर्वाधिक महत्व है। इसके रेशे उष्मा के कुचालक होते हैं। सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इन रेशों की सतह असमान, एक दूसरे पर चढ़ी हुई कोशिकाओं से निर्मित दिखाई देती है। विभिन्न नस्ल की भेड़ों में इन कोशिकाओं का आकार और स्वरूप भिन्न-भिन्न होता है। महीन ऊन में कोशिकाओं के किनारे, मोटे ऊन के रेशों की अपेक्षा, अधिक निकट होते हैं। गर्मी और नमी के प्रभाव से ये रेशे आपस में गुँथ जाते हैं। इनकी चमक कोशिकायुक्त स्केलों के आकार और स्वरूप पर निर्भर रहती है। मोटे रेशे में चमक अधिक होती है। रेशें की भीतरी परत (मेडुल्ला) को महीन किस्मों में तो नहीं, किंतु मोटी किस्मों में देखा जा सकता है। मेडुल्ला में ही ऊन का रंगवाला अंश (पिगमेंट) होता है। मेडुल्ला की अधिक मोटाई रेशे की संकुचन शक्ति को कम करती है। कपास के रेशे से इसकी यह शक्ति एक चौथाई अधिक है। . फर से बना कोट ऊर्णाजिन (फ़र / Fur) जंतुओं के उन चर्मों को कहते हैं जिनमें उनका प्राकृतिक लोम (बाल) लगा ही रहता है। ठंडे देशों में, विशेषकर वहाँ के धनिकों में, ऊर्णाजिन पहनने का प्रचलन आधिक है (आवश्यकता के लिए उतना नहीं जितना दिखावे के लिए)। ऊर्णाजिन के एक एक जनाना ओवरकोट के लिए लोग कई कई हजार रुपए तक दे देते हैं, विशेषकर तब जब ऊर्णाजिन किसी दुर्लभ जंतु के चर्म से बना रहता है या उसका कोई विशेष रंग रहता है। विदेशों मे फ़र में उन्हीं चर्मो की गिनती की जाती है जो पहने जाते हैं। बिछाने के लिए उपयुक्त मृगचर्म, व्याघ्रचर्म या ऋक्षचर्म आदि की गिनती इसमें नहीं होती। जंगली जंतुओं से तो ऊर्णाजिन मिलता ही है, अब पालतू जंतुओं से भी बहुत सा ऊर्णाजिन प्राप्त होता है। जंगली जंतुओं में साधारणत: दो तरह के लोम होते हैं, एक बड़े, जो वर्षा से जंतु की रक्षा करते हैं और संरक्षक लोम कहलाते हैं; दूसरे छोटे और धने, जो शीत से जंतु को बचाते हैं। ये अधोलोम कहलाते हैं। कुछ ऊर्णाजिन संरक्षक लोम को चुनकर (निकालकर) और अधोलोम को कतरनी से बराबर कतरकर तैयार किए जाते हैं। .

ऊन और ऊर्णाजिन के बीच समानता

ऊन और ऊर्णाजिन आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): त्वचा

त्वचा

त्वचा या त्वक् (skin) शरीर का बाह्य आवरण होती है जिसे बाह्यत्वचा (एपिडरमिस) भी कहते हैं। यह वेष्टन प्रणाली का सबसे बड़ा अंग है जो उपकला ऊतकों की कई परतों द्वारा निर्मित होती है और अंतर्निहित मांसपेशियों, अस्थियों, अस्थिबंध (लिगामेंट) और अन्य आंतरिक अंगों की रक्षा करती है। चूंकि यह सीधे वातावरण के संपर्क मे आती है, इसलिए त्वचा रोगजनकों के खिलाफ शरीर की सुरक्षा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अन्य कार्यों मे जैसे तापावरोधन (इन्सुलेशन), तापमान विनियमन, संवेदना, विटामिन डी का संश्लेषण और विटामिन बी फोलेट का संरक्षण करती है। बुरी तरह से क्षतिग्रस्त त्वचा निशान ऊतक बना कर चंगा होने की कोशिश करती है। यह अक्सर रंगहीन और वर्णहीन होता है। मानव मे त्वचा का वर्ण प्रजाति के अनुसार बदलता है और त्वचा का प्रकार शुष्क से लेकर तैलीय हो सकता है। .

ऊन और त्वचा · ऊर्णाजिन और त्वचा · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

ऊन और ऊर्णाजिन के बीच तुलना

ऊन 22 संबंध है और ऊर्णाजिन 3 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.00% है = 1 / (22 + 3)।

संदर्भ

यह लेख ऊन और ऊर्णाजिन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »