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उपभोक्तावाद और निगम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उपभोक्तावाद और निगम के बीच अंतर

उपभोक्तावाद vs. निगम

उपभोक्तावाद या उपभोगवाद (consumerism) एक प्रवृत्ति है जो इस विश्वास पर आधारित है कि अधिक उपभोग और अधिक वस्तुओं का स्वामी होने से अधिक सुख और खुशी मिलेगी। इस शब्द का प्रयोग प्राय: भोगवाद की आलोचना करने के लिये किया जाता है। . निगम एक विशेषाधिकार प्राप्त स्वतन्त्र कानूनी इकाई के रूप में पहचानी जाने वाली अलग संस्था है जिसके पास अपने सदस्यों से पृथक अपने अधिकार और दायित्व हैं। निगमों के कई प्रकार हैं, जिनमे से अधिकतर का उपयोग व्यापार करने के लिए किया जाता है। निगम कॉर्पोरेट कानून का एक उत्पाद हैं और इनके नियम उन प्रबंधकों के हितों को संतुलित करते हैं जो निगम, लेनदारों, शेयरधारकों तथा श्रम का योगदान करने वाले कर्मचारियों का संचालन करते हैं। आधुनिक समय में, निगम तेजी से आर्थिक जीवन का एक प्रमुख हिस्सा बन गए हैं। निगम की एक महत्वपूर्ण सुविधा सीमित देयता है। अगर एक निगम विफल होता है, तो शेयरधारक सामान्य रूप से केवल अपने निवेश को खोते हैं और कर्मचारी केवल अपनी नौकरी खो देंगे, किन्तु उन में से कोई भी निगम के लेनदारों के ऋणों के प्रति उत्तरदायी नहीं होगा.

उपभोक्तावाद और निगम के बीच समानता

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

उपभोक्तावाद और निगम के बीच तुलना

उपभोक्तावाद 2 संबंध है और निगम 31 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (2 + 31)।

संदर्भ

यह लेख उपभोक्तावाद और निगम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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