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उपदेश और समावर्तन संस्कार

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उपदेश और समावर्तन संस्कार के बीच अंतर

उपदेश vs. समावर्तन संस्कार

उपदेश का अर्थ है- शिक्षा, सीख, नसीहत, हित की बात का कहना, दीक्षा या गुरुमन्त्र। . समावर्तन संस्कार हिन्दुओं का १२वाँ संस्कार है। प्राचीन काल में गुरुकुल में शिक्षा पूर्ण होने के पश्चात जब जातक की गुरुकुल से विदाई की जाती है तो आगामी जीवन के लिये उसे गुरु द्वारा उपदेश देकर विदाई दी जाती है। इसी को समावर्तन संस्कार कहते हैं। इससे पहले जातक का ग्यारहवां संस्कार केशान्त किया जाता है। वर्तमान समय में दीक्षान्त समारोह, समावर्तन संस्कार जैसा ही है। अतः समावर्तन संस्कार वह संस्कार है जिसमें आचार्य जातकों को उपदेश देकर आगे के जीवन (गृहस्थाश्रम) के दायित्वों के बारे में बताया जाता है और उसे सफलतापूर्वक जीने के लिये क्या-क्या करना चाहिए, यह बताया जाता है। 'समावर्तन' का शाब्दिक अर्थ है, 'वापस लौटना'। .

उपदेश और समावर्तन संस्कार के बीच समानता

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उपदेश और समावर्तन संस्कार के बीच तुलना

उपदेश 7 संबंध है और समावर्तन संस्कार 15 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (7 + 15)।

संदर्भ

यह लेख उपदेश और समावर्तन संस्कार के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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