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उन्नीसवीं शताब्दी और चिरसम्मत भौतिकी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उन्नीसवीं शताब्दी और चिरसम्मत भौतिकी के बीच अंतर

उन्नीसवीं शताब्दी vs. चिरसम्मत भौतिकी

उन्नीसवीं शताब्दी एक ईसवीं शताब्दी है। श्रेणी:शताब्दी. आधुनिक भौतिकी के चार प्रमुख क्षेत्र चिरसम्मत भौतिकी (क्लासिकल फिजिक्स) भौतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य और ऊर्जा दो अलग अवधारणाएं हैं। प्रारम्भिक रूप से यह न्यूटन के गति के नियम व मैक्सवेल के विद्युतचुम्बकीय विकिरण सिद्धान्त पर आधारित है। चिरसम्मत भौतिकी को सामान्यतः विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है। इनमें यांत्रिकी (इसमें पदार्थ की गति तथा उस पर आरोपित बलों का अध्ययन किया जाता है।), गतिकी, स्थैतिकी, प्रकाशिकी, उष्मागतिकी (ऊर्जा और उष्मा का अध्ययन) और ध्वनिकी शामिल हैं तथा इसी प्रकार विद्युत व चुम्बकत्व के परिसर में दृष्टिगोचर अध्ययन। द्रव्यमान संरक्षण का नियम, ऊर्जा संरक्षण का नियम और संवेग संरक्षण का नियम भी चिरसम्मत भौतिकी में महत्वपूर्ण हैं। इसके अनुसार द्रव्यमान और ऊर्जा को ना ही तो बनाया जा सकता है और ना ही नष्ट किया जा सकता और केवल बाह्य असन्तुलित बल आरोपित करके ही संवेग को परिवर्तित किया जा सकता है। .

उन्नीसवीं शताब्दी और चिरसम्मत भौतिकी के बीच समानता

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उन्नीसवीं शताब्दी और चिरसम्मत भौतिकी के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख उन्नीसवीं शताब्दी और चिरसम्मत भौतिकी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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