हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

उद्भ्रांत और कवि

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उद्भ्रांत और कवि के बीच अंतर

उद्भ्रांत vs. कवि

रमाकांत शर्मा 'उद्भ्रांत' हिंदी साहित्य में कवि-गीतकार-नवगीतकार, ग़ज़लगो, कथाकार, समीक्षक, संपादक, अनुवादक एवं बाल साहित्यकार इत्यादि रूपों में जाने जाते हैं। उद्भ्रांत ने नवगीतकार एवं हिंदी गजलगो के रूप में अपना लेखन शुरू किया था। आज वे मिथक काव्‍य के सफल कवि के रूप में जाने जाते हैं। इनका महाकाव्‍य 'त्रेता' अत्‍यधिक चर्चित रहा है। उद्भ्रांत का जन्म 4 सितम्बर 1948 को नवलगढ़, राजस्थान में हुआ। कानपुर के पी.पी.एम. कवि वह है जो भावों को रसाभिषिक्त अभिव्यक्ति देता है और सामान्य अथवा स्पष्ट के परे गहन यथार्थ का वर्णन करता है। इसीलिये वैदिक काल में ऋषय: मन्त्रदृष्टार: कवय: क्रान्तदर्शिन: अर्थात् ऋषि को मन्त्रदृष्टा और कवि को क्रान्तदर्शी कहा गया है। "जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि" इस लोकोक्ति को एक दोहे के माध्यम से अभिव्यक्ति दी गयी है: "जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ, कवि पहुँचे तत्काल। दिन में कवि का काम क्या, निशि में करे कमाल।।" ('क्रान्त' कृत मुक्तकी से साभार) .

उद्भ्रांत और कवि के बीच समानता

उद्भ्रांत और कवि आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

उद्भ्रांत और कवि के बीच तुलना

उद्भ्रांत 4 संबंध है और कवि 19 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (4 + 19)।

संदर्भ

यह लेख उद्भ्रांत और कवि के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: