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उद्देश्य संकल्प और पाकिस्तान की सेनेट के अध्यक्ष

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उद्देश्य संकल्प और पाकिस्तान की सेनेट के अध्यक्ष के बीच अंतर

उद्देश्य संकल्प vs. पाकिस्तान की सेनेट के अध्यक्ष

उद्देश्य संकल्प(Objectives Resolution, ऑब्जेक्टिव्स् रेज़ोल्यूशन्; قرارداد مقاصد, क़रारदाद मक़ासद) एक संकल्प था जिसे पाकिस्तान की संविधान सभा ने 12 मार्च सन 1949 को पारित कर दिया। इस संकल्प 7 मार्च सन 1949 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान ने क़ौमी असेम्ब्ली(पाकिस्तान की विधायिका) में पेश की। इसे पाकिस्तानी रियासत व हुकूमत के नीती निर्देशक के रूप में पारित किया गया था। इसके अनुसार भविष्य में पाकिस्तान संविधान संरचना यूरोपीय शैली का कतई नहीं होगा, लेकिन इसके आधार इस्लामी लोकतंत्र और सिद्धांतों पर होगी। कहा जाता है कि इस बारे में पाकिस्तानियों ने भारतीयों की पैरवी की थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत की संविधान सभा में 13 दिसंबर 1946 में संकल्प लक्ष्य रखा था, जिसे सर्वसम्मति के साथ 22 जनवरी 1947 में स्वीकार कर लिया गया। इसमें दिये गए संकल्प पाकिस्तान को "कुरान और सुन्नत में दिये गए लोकतांत्रिक के आदर्शों" पर विकसित व खड़ा करने का संकल्प लेते हैं। साथ ही इसमें पाकिस्तान में मुसलमानों को कुरान और सुन्नत में दिये गए नियमों के अनुसार जीवन व्यतीत करने का अवसर देने की एवं अल्पसंख्यकों के धार्मिक, सामाजिक व अन्य वैध अधिकारों की रक्षा की भी बात की गई है। इसे कई माएनों में पाकिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ में मनाआ जाता है। साथ ही इसकी इस्लाम-प्रोत्साहक चरित्र के लिये, यह हमेशा से ही विवादास्पक भी रहा है और कई बार, गैर-मुसलमालों व कई बुद्धिजीवियों द्वारा इस्का विरोध होता रहा है। . पाकिस्तान की सिनेट के अध्यक्ष (उर्दू: ؛چیئرمین سينیٹ Chairman senate) या आमीर मजलिस आइवान बाला(امیر مجلس ایوان بالا پاکستان, आइवान बाला (सेनेट) के अध्यक्ष (आमिर मजलिस) पाकिस्तान की सिनेट का सभापति पद है। of the Chapter 2: Majlis-e-Shoora (Parliament) in Part III of the Constitution of Pakistan. पाकिस्तान की संविधान के अनुसार सेनेट अध्यक्ष, पाकिस्तान की सिनेट के अधिष्ठाता एवं पाकिस्तान की राष्ट्रपतित्व के उत्तराधिकार पंक्ति में दूसरे स्थान पर हैं। संविधान के अनुसार अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव सिनेट द्वारा ही तीन वर्षीय अवधी हेतु किया जाता है। संविधान के अनुच्छेद 49 के अनुसार, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति के दौरान, सेनेट अध्यक्ष को राष्ट्रपति पद के कर्तव्यों से सशक्त किया गया है, एवं अत्यंत दुर्लभ स्थितियों में, अध्यक्ष की भी अनुपस्थिति में यह अधिकार क़ौमी असेम्बली के अध्यक्ष के अधिकार में दिया गया है। पाकिस्तान की से नेट के प्रथम अध्यक्ष खान हबीब उल्लाह खान मरवाट थे जबकि वसीम सज्जाद, अब तक, इस पद पर दीर्घतम् समय तक रहने वाले पदाधिकारी हैं। .

उद्देश्य संकल्प और पाकिस्तान की सेनेट के अध्यक्ष के बीच समानता

उद्देश्य संकल्प और पाकिस्तान की सेनेट के अध्यक्ष आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पाकिस्तान, पाकिस्तान आंदोलन, पाकिस्तान का संविधान, भारत सरकार अधिनियम, १९३५

पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पाकिस्तान आंदोलन

पाकिस्तान आन्दोलन या तहरीकए पाकिस्तान (تحریک پاکستان) २०वीं सदी के भारतीय उपमहाद्वीप में हुए एक राजनीतिक आंदोलन का नाम था, जिसने अंत्यतः भारतवर्ष को धार्मिक आधार पर विभाजित कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप उपमहाद्वीप के भारतीय ब्रिटिश साम्रराज्य के उत्तर पश्चिमी के चार प्रांतों व पूर्व में पूर्वी बंगाल की स्वतंत्रता संयोजन से स्थापना हुई पाकिस्तान नामक एक स्वतंत्र इस्लामिक गणरज्य की। यह आन्दोलन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समानांतर ही चला था। हालांकि, दोनो आंदोलनो का उद्देश्य एक ही था, परन्तु, पाकिस्तान आंदोलन का मुख्य उद्देश्य "भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमानों की धार्मिक पहचान और राजनीतिक हितों का संरक्षित व सुरक्षा था।" इस प्रसंग का पहला संगठित आंदोलन सैय्यद अहमद खान द्वारा अलीगढ़ में हुआ था, जिसे अलीगढ़ आंदोलन के रूप में जाना जाने लगा था। यह आन्दोलन पाकिस्तान आंदोलन का आधार था। १९०६ में, एक शैक्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया जो धीरे धीरे मुस्लिम सुधारकों के आंदोलन से राजनीतिक चरण में तब्दील हो गया। इस बीच में, ऑल इंडिया मुस्लिम लीग का गठन किया गया था। गुरुत्वपूर्ण मुसलिम नेताओं द्वारा इसके गठन के पीछे का मूल उद्देश्य ब्रिटिश भारत में मुसलमानों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना था। आंदोलन के प्रारंभिक दौर में मुस्लिम लीग के वार्षिक सत्रों ने अल्लामा इकबाल की दार्शनिक दृष्टिकोण व नेतृत्व में आंदोलन को आगे बढ़ाया। जिस्के पश्चात मुहम्मद अली जिन्ना के संवैधानिक प्रयासों ने आंदोलन के लिए जनसमर्थन बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उर्दू शायर इकबाल और फैज के साहित्य, कविता एवं भाषणों ने भी राजनीतिक चेतना के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इनके अलावा बेगम राणा लियाकत अली खान और फातिमा जिन्नाह जैसी महिलाओं ने भी अपनी भूमिका निभाई थी। नौकरीपेशे वाले लोगों ने भी पाकिस्तान आंदोलन में भाग लिया था। बाद में, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, १९४७ पारित किया गया, जिसके अंतर्गत भारत अधिराज्य और पाकिस्तान अधिराज्य नामक दो स्वतंत्र स्वायत्य-उपनिवेश(डोमीनियन) की स्थापना की गई। पाकिस्तान आंदोलन कई माएनों में, सामाजिक, राजनैतिक एवं बौद्धिक प्रक्रिया का परिणाम था। इसके बाद पाकिस्तान के संस्थापकों ने एक मजबूत सरकार बनाने की प्रयास की जो की नवस्थापित देश के दोनों खंडों पर सफल नियंत्रण बनाए रख सके। १९५८ में बाद में, पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट हुआ और राजनीतिक एवं आर्थिक भेदभाव, एवं अन्य कई मसलों के परिणामस्वरूप बांग्लादेश १९७१ में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा जो की उस समय तक पूर्वी पाकिस्तान था। .

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पाकिस्तान का संविधान

पाकिस्तान का संविधान (آئین پاکستان;आईन(ए) पाकिस्तान) या दस्तूरे पाकिस्तान دستور پاکستان) को १९७३ का क़ानून भी कहते हैं। यह पाकिस्तान का सर्वोच्च दस्तूर है। पाकिस्तान का संविधान संविधान सभा द्वारा १० अप्रैल १९७३ को पारित हुआ तथा 14 अगस्त 1973 से प्रभावी हुआ। इस का प्रारूप ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो की सरकार और विपक्ष ने मिल कर तैयार किया। ये पाकिस्तान का तीसरा दस्तूर है और इस में कई बार रद्दोबदल की जा चुकी है। .

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भारत सरकार अधिनियम, १९३५

इस अधिनियम को मूलतः अगस्त 1935 में पारित किया गया था (25 और 26 जियो. 5 C. 42) और इसे उस समय के अधिनियमित संसद का सबसे लंबा (ब्रिटिश) अधिनियम कहा जाता था। इसकी लंबाई की वजह से, प्रतिक्रिया स्वरूप भारत सरकार (पुनःमुद्रित) द्वारा अधिनियम 1935 को (26 जियो. 5 & 1 EDW. 8 C. 1) को दो अलग-अलग अधिनियमों में विभाजित किया गया.

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उद्देश्य संकल्प और पाकिस्तान की सेनेट के अध्यक्ष के बीच तुलना

उद्देश्य संकल्प 21 संबंध है और पाकिस्तान की सेनेट के अध्यक्ष 35 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 7.14% है = 4 / (21 + 35)।

संदर्भ

यह लेख उद्देश्य संकल्प और पाकिस्तान की सेनेट के अध्यक्ष के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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