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अखाड़ा और उदासी सम्प्रदाय

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अखाड़ा और उदासी सम्प्रदाय के बीच अंतर

अखाड़ा vs. उदासी सम्प्रदाय

महाभारत में वर्णित राजगीर का जरासंध अखाड़ा इलाहाबाद में कुम्भ मेला के समय गंगा पुल को पार करता साधुओं का अखाड़ा अखाड़ा शब्द दो अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होता है-. उदासी संप्रदाय सिख-साधुओं का एक सम्प्रदाय है जिसकी कुछ शिक्षाएँ सिख पंथ से लीं गयीं हैं। इसके संस्थापक गुरु नानक के पुत्र श्री चन्द (1494–1643) थे। ये लोग सनातन धर्म को मानते हैं तथा पंच-प्रकृति (जल, अग्नि, पृथ्वी, वायु, आकाश) की पूजा करते हैं। उदासी सम्प्रदाय के साधु सांसारिक बातों की ओर से विशेष रूप से तटस्थ रहते आए हैं और इनकी भोली भाली एवं सादी अहिंसात्मक प्रवृत्ति के कारण इन्हें सिख गुरु अमरदास तथा गुरु गोविन्द सिंह ने जैन धर्म द्वारा प्रभावित और अकर्मण्य तक मान लिया था। परंतु गुरु हरगोविंद के पुत्र बाबा गुराँदित्ता ने संप्रदाय के संगठन एवं विकास में सहयोग दिया और तब से इसका अधिक प्रचार भी हुआ। .

अखाड़ा और उदासी सम्प्रदाय के बीच समानता

अखाड़ा और उदासी सम्प्रदाय आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): साधु

साधु

साधु, संस्कृत शब्द है जिसका सामान्य अर्थ 'सज्जन व्यक्ति' से है। लघुसिद्धान्तकौमुदी में कहा है- 'साध्नोति परकार्यमिति साधुः' (जो दूसरे का कार्य कर देता है, वह साधु है।)। वर्तमान समय में साधु उनको कहते हैं जो सन्यास दीक्षा लेकर गेरुए वस्त्र धारण करते है उन्हें भी साधु कहा जाने लगा है। साधु(सन्यासी) का मूल उद्देश्य समाज का पथप्रदर्शन करते हुए धर्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष प्राप्त करना है। साधु सन्यासी गण साधना, तपस्या करते हुए वेदोक्त ज्ञान को जगत को देते है और अपने जीवन को त्याग और वैराग्य से जीते हुए ईश्वर भक्ति में विलीन हो जाते है। .

अखाड़ा और साधु · उदासी सम्प्रदाय और साधु · और देखें »

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अखाड़ा और उदासी सम्प्रदाय के बीच तुलना

अखाड़ा 5 संबंध है और उदासी सम्प्रदाय 18 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.35% है = 1 / (5 + 18)।

संदर्भ

यह लेख अखाड़ा और उदासी सम्प्रदाय के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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