उत्पत्ति पुस्तक और पुनरुज्जीवन
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उत्पत्ति पुस्तक और पुनरुज्जीवन के बीच अंतर
उत्पत्ति पुस्तक vs. पुनरुज्जीवन
| color . ईसाइयों का विश्वास है कि क्रूस पर मरने के बाद ईसा तीसरे दिन अपनी कब्र से उठकर पुनर्जीवित हुए थे। उसी घटना की स्मृति में पिनरुज्जीवन या पुनरुत्थान पर्व मनाया जाता है, जो ईसाई धर्म का प्राचीनतम और सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। जिस समय ईसा का पुनरुत्थान हुआ था उस समय येरुसलेम में 'पास्का' नामक यहूदियों का सबसे बड़ा त्योहार मनाया जाता था। अत: ईसाइयों में ईसा का पुनरुत्थान पर्व भी पास्का कहलाता है। यहूदी लोग वसंत की प्रथम पूर्णिमा को पास्का मनाते थे, ईसाइयों का पुनरुत्थान पर्व भी वसंत के सयन (२१ मार्च) को ही अथवा इसके ठीक बाद पड़नेवाली पूर्णिमा के अनुसार निश्चित किया जाता है। उस पूर्णिमा के बाद के प्रथम इतवार को पुनरुत्थान पर्व मनाया जाता है, क्योंकि ईसा इतवार को पुनर्जीवित हुए थे। यहूदियों का पास्का पर्व बहुत प्राचीन था। वह पहले वसंतकालीन यज्ञ था, जिसमें झुंड के लिए आशीष माँगने के उद्देश्य से एक पशु का वलिदान चढ़ाया जाता था। बाद में जब यहूदी मिस्र देश की गुलामी से मुक्त हो गए थे, वह पर्व उस दासता की मुक्ति का स्मरणोत्सव बन गया। फिलिस्तीन देश में बस जाने के बाद जौ (यब) की फसल का त्योहार भी पास्का पर्व के साथ मिला दिया गया। सातवीं शती ई.पू.
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