उत्तोलक और घिरनी
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
उत्तोलक और घिरनी के बीच अंतर
उत्तोलक vs. घिरनी
उत्तोलक की सहायता से एक बिन्दु पर कम बल लगाकर किसी दूसरे बिन्दु पर अधिक बल प्राप्त किया जा सकता है। सौ किलोग्राम का भार उत्तोलक की सहायता से एक किग्रा भार (बल) से उठाते हुए। सरौता, उत्तोलक के सिद्धान्त पर कार्य करता है। भौतिकी, यांत्रिकी और यांत्रिक प्रौद्योगिकी में उत्तोलक या लीवर (फ्रेंच में लीव्रे का अर्थ उठाना होता है) को एक सरल यंत्र कहा जाता है। उत्तोलक कई रूपों में विद्यमान होते हैं। अपने सरलतम रूप में यह एक लम्बी छड़ हो सकती है जिसके एक सिरे के पास एक अवलम्ब (fulcrum) लगाकर किसी भारी वस्तु को उठाने के काम में लिया जा सकता है। उत्तोलक, बलाघूर्ण के सिद्धान्त (theory of moments) पर कार्य करता है। आम जीवन में उत्तोलक का बहुत ही महत्व है और हर जगह इसे देखा जा सकता है। सी-सा झूला, एक उत्तोलक है। . समतल घिरनी और उस पर लगा हुआ पट्टा एक सरल संयुक्त घिरनी तंत्र समान भार को उठाने के लिये अलग-अलग बल लगाना पड़ सकता है। यह घिरनियों की योजना पर निर्भर करता है। बल जितना ही कम लगाना पडेगा, उतनी ही अधिक दूरी तक बल को लगाना पड़ेगा। घिरनी (Pulleys) एक गोल रम्भ है, जिससे मशीन की शक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। यदि किसी खराद (lathe) को इंजन से चलाना है, तो इंजन की घिरनी और खराद की घिरनी पर पट्टा चढ़ाकर इंजन की शक्ति से खराद को चलाते हैं। घिरनी के व्यास से ही मशीनों की गति को कम या ज्यादा किया जा सकता है। मशीनों की शक्ति को बिना किसी हानि के तो दाँतोंवाले चक्रों (गीयर) से ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है, परन्तु जहाँ इन स्थानों में दूरी अधिक हो वहाँ इन चक्रों का उपयोग नहीं हो सकता। इन्हीं स्थानों पर घिरनियों का उपयोग होता है। इनपर चमड़े के पट्टों या रस्सों को चढ़ाकर एक घिरनी से दूसरी घिरनी को शक्ति दी जाती है। घिरनी केवल बल की दिशा में परिवर्तन करती है, बल के परिमाण में नहीं। (इसका यांत्रिक लाभ १ या १ से कम होगा)। .
उत्तोलक और घिरनी के बीच समानता
उत्तोलक और घिरनी आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): यांत्रिक लाभ।
उत्तोलक (लीवर) द्वारा प्राप्त यांत्रिक लाभ चित्र से स्पष्ट है। '''A''' पर बहुत कम बल लगाकर भी '''B''' बिन्दु पर लटकी भारी वस्तु को उठाया जा सकता है। भौतिकी और इंजीनियरी में किसी मेकेनिज्म द्वारा उत्पन्न बल तथा उस पर लगाये बल के अनुपात को यांत्रिक लाभ (mechanical advantage MA) कहते हैं। घर्षणरहित आदर्श मेकेनिज्मों के लिये इसे निम्न प्रकार भी व्यक्त कर सकते हैं- क्रेन आदि बहुत सारी युक्तियाँ यांत्रिक लाभ पर आधारित हैं जिनमें कम बल लगाकर भी बहुत अधिक बल या टॉर्क पैदा किया जाता है। ध्यान रहे कि कि इसमें कोई अतिरिक्त शक्ति या ऊर्जा उत्पन्न नहीं की जा रही है। अलग-अलग गीयर में होने से सायकिल में अलग-अलग यांत्रिक लाभ मिलता है घिरनी के प्रयोग द्वारा यांत्रिक लाभ प्राप्ति के कुछ उदाहरण नी-हिंज लीवर द्वारा प्राप्त यांत्रिक लाभ .
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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
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उत्तोलक और घिरनी के बीच तुलना
उत्तोलक 4 संबंध है और घिरनी 5 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 11.11% है = 1 / (4 + 5)।
संदर्भ
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