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उत्तरी रेशम मार्ग और तुरफ़ान

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उत्तरी रेशम मार्ग और तुरफ़ान के बीच अंतर

उत्तरी रेशम मार्ग vs. तुरफ़ान

टकलामकान रेगिस्तान उत्तरी रेशम मार्ग (Northern Silk Road) वर्तमान जनवादी गणतंत्र चीन के उत्तरी क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक मार्ग है जो चीन की प्राचीन राजधानी शिआन से पश्चिम की ओर जाते हुए टकलामकान रेगिस्तान से उत्तर निकलकर मध्य एशिया के प्राचीन बैक्ट्रिया और पार्थिया राज्य और फिर और भी आगे ईरान और प्राचीन रोम पहुँचता था। यह मशहूर रेशम मार्ग की उत्तरतम शाखा है और इसपर हज़ारों सालों से चीन और मध्य एशिया के बीच व्यापारिक, फ़ौजी और सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती रहीं हैं। पहली सहस्राब्दी (यानि हज़ार साल) ईसापूर्व में चीन के हान राजवंश ने इस मार्ग को चीनी व्यापारियों और सैनिकों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए यहाँ पर सक्रीय जातियों के खिलाफ़ बहुत अभियान चलाए जिस से इस मार्ग का प्रयोग और विस्तृत हुआ। चीनी सम्राटों ने विशेषकर शियोंगनु लोगों के प्रभाव को कम करने के बहुत प्रयास किये।, Frances Wood, University of California Press, 2004, ISBN 978-0-520-24340-8,... १४४ फ़ुट ऊंची एमीन मीनार अंगूर की लताओं से ढकी चलने की एक सड़क तुरफ़ान (अंग्रेज़ी: Turfan) या तुरपान (उईग़ुर:, अंग्रेज़ी: Turpan, चीनी: 吐魯番) चीन द्वारा नियंत्रित शिनजियांग प्रान्त के तुरफ़ान विभाग में स्थित एक ज़िले-स्तर का शहर है जो मध्य एशिया की प्रसिद्ध तुरफ़ान द्रोणी में स्थित एक नख़लिस्तान (ओएसिस) भी है। सन् २००३ में इसकी आबादी २,५४,९०० गिनी गई थी। यह शहर उत्तरी रेशम मार्ग पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव हुआ करता था।, Julie Hill, AuthorHouse, 2006, ISBN 978-1-4259-7280-6,...

उत्तरी रेशम मार्ग और तुरफ़ान के बीच समानता

उत्तरी रेशम मार्ग और तुरफ़ान आम में 6 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चीन, मध्य एशिया, मरूद्यान, शियोंगनु लोग, हान राजवंश, गांसू

चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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मध्य एशिया

मध्य एशिया एशिया के महाद्वीप का मध्य भाग है। यह पूर्व में चीन से पश्चिम में कैस्पियन सागर तक और उत्तर में रूस से दक्षिण में अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तृत है। भूवैज्ञानिकों द्वारा मध्य एशिया की हर परिभाषा में भूतपूर्व सोवियत संघ के पाँच देश हमेशा गिने जाते हैं - काज़ाख़स्तान, किरगिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान। इसके अलावा मंगोलिया, अफ़ग़ानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, भारत के लद्दाख़ प्रदेश, चीन के शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्रों और रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग को भी अक्सर मध्य एशिया का हिस्सा समझा जाता है। इतिहास में मध्य एशिया रेशम मार्ग के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। चीन, भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लोग, माल, सेनाएँ और विचार मध्य एशिया से गुज़रकर ही आते-जाते थे। इस इलाक़े का बड़ा भाग एक स्तेपी वाला घास से ढका मैदान है हालाँकि तियान शान जैसी पर्वत शृंखलाएँ, काराकुम जैसे रेगिस्तान और अरल सागर जैसी बड़ी झीलें भी इस भूभाग में आती हैं। ऐतिहासिक रूप मध्य एशिया में ख़ानाबदोश जातियों का ज़ोर रहा है। पहले इसपर पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोलने वाली स्किथी, बैक्ट्रियाई और सोग़दाई लोगों का बोलबाला था लेकिन समय के साथ-साथ काज़ाख़, उज़बेक, किरगिज़ और उईग़ुर जैसी तुर्की जातियाँ अधिक शक्तिशाली बन गई।Encyclopædia Iranica, "CENTRAL ASIA: The Islamic period up to the Mongols", C. Edmund Bosworth: "In early Islamic times Persians tended to identify all the lands to the northeast of Khorasan and lying beyond the Oxus with the region of Turan, which in the Shahnama of Ferdowsi is regarded as the land allotted to Fereydun's son Tur.

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मरूद्यान

ईनकेल्ट, यहूदिया मरूस्थल, इस्राइल में एक नखलिस्तान भौगोलिक संदर्भों में मरूद्यान, शाद्वल, मरूद्वीप अथवा नख़लिस्तान, किसी मरूस्थल में किसी झरने, चश्मा या जल-स्रोत के आसपास स्थित एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां किसी वनस्पति के उगने के लिए पर्याप्त अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध होती हैं। यदि यह क्षेत्र पर्याप्त रूप से बड़ा हो, तो यह पशुओं और मनुष्यों को भी प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराता है। मरूस्थलीय इलाकों में मरूद्यानों का हमेशा से व्यापार तथा परिवहन मार्गों के लिए विशेष महत्व का रहा है। पानी एवं खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए काफिलों का मरूद्यानों से होकर गुज़रना आवश्यक है इसीलिए अधिकतर मामलों में किसी मरूद्यान पर राजनीतिक अथवा सैन्य नियंत्रण का तात्पर्य उस मार्ग पर होने वाले व्यापार पर नियंत्रण से भी है। उदहारण के तौर पर आधुनिक लीबिया में स्थित औजिला, घडामेस एवं कुफ्रा के मरूद्यान कई अवसरों पर सहारा के उत्तर-दक्षिणी एवं पूर्व-पश्चिमी व्यापार के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं। इका, पेरू में हुआकाचीना नखलिस्तान मरूद्यान किसी जलस्रोत जैसे कि भूमिगत नदी अथवा आर्टीसियन कूप आदि से निर्मित होते हैं, जहां जल दबाव द्वारा प्राकृतिक रूप से अथवा मानव निर्मित कुओं द्वारा सतह तक पहुंच सकता है। समय समय पर होने वाली वृष्टि भी किसी मरूद्यान के भूमिगत स्रोत को प्राकृतिक को जल उपलब्ध कराती है, जैसे कि टुयात.

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शियोंगनु लोग

२५० ईसापूर्व में शियोंगनु क्षेत्र शियोंगनु (चीनी: 匈奴, अंग्रेज़ी: Xiongnu) एक प्राचीन ख़ानाबदोश क़बीलों की जाती थी जो चीन के हान राजवंश के काल में हान साम्राज्य से उत्तर में रहती थी। इतिहास में उनका वर्णन सीमित है, इसलिए यह ठीक से ज्ञात नहीं है कि उनकी नस्ल क्या थी। अलग-अलग इतिहासकार उन्हें तुर्की, मंगोली, ईरानी, तुन्गुसी और तुषारी जातियों का बताते हैं। उनके नामों और रीति-रिवाजों के बारे में जितना पता है वह प्राचीन चीनी सूत्रों से आता है। शियोंगनु भाषा हमेशा के लिए खोई जा चुकी है। यह संभव है कि 'शियोंगनु' शब्द 'हूण' के लिए एक सजातीय शब्द हो लेकिन इसका भी कोई पक्का प्रमाण नहीं है।, Valerie Hansen, Kenneth Curtis, Kenneth R. Curtis, Cengage Learning, 2008, ISBN 978-0-618-07723-6,...

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हान राजवंश

चीन में हान साम्राज्य का नक़्शा एक मकबरे में मिला हानवंश के शासनकाल में निर्मित लैम्प हान काल में जारी किया गया एक वुशु (五銖) नाम का सिक्का हान काल में बना कांसे के गियर (दांतदार पहिये) बनाने का एक साँचा हान राजवंश (चीनी: 漢朝, हान चाओ; अंग्रेज़ी: Han Dynasty) प्राचीन चीन का एक राजवंश था जिसने चीन में २०६ ईसापूर्व से २२० ईसवी तक राज किया। हान राजवंश अपने से पहले आने वाले चिन राजवंश (राजकाल २२१-२०७ ईसापूर्व) को सत्ता से बेदख़ल करके चीन के सिंहासन पर विराजमान हुआ और उसके शासनकाल के बाद तीन राजशाहियों (२२०-२८० ईसवी) का दौर आया। हान राजवंश की नीव लिऊ बांग नाम के विद्रोही नेता ने रखी थी, जिसका मृत्यु के बाद औपचारिक नाम बदलकर सम्राट गाओज़ू रखा गया। हान काल के बीच में, ९ ईसवी से २३ ईसवी तक, शीन राजवंश ने सत्ता हथिया ली थी, लेकिन उसके बाद हान वंश फिर से सत्ता पकड़ने में सफल रहा। शीन राजवंश से पहले के हान काल को पश्चिमी हान राजवंश कहा जाता है और इसके बाद के हान काल को पूर्वी हान राजवंश कहा जाता है। ४०० से अधिक वर्षों का हान काल चीनी सभ्यता का सुनहरा दौर माना जाता है। आज तक भी चीनी नसल अपने आप को 'हान के लोग' या 'हान के बेटे' बुलाती है और हान चीनी के नाम से जानी जाती है। इसी तरह चीनी लिपि के भावचित्रों को 'हानज़ी' (यानि 'हान के भावचित्र') बुलाया जाता है।, Xiaoxiang Li, LiPing Yang, Asiapac Books Pte Ltd, 2005, ISBN 978-981-229-394-7,...

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गांसू

गांसू (चीनी: 甘肃) उत्तर-पश्चिमी चीन में स्थित एक प्रान्त है। इसका नाम उईग़ुर भाषा के "कांग" (अर्थ: विस्तृत) और "सू" (अर्थ: पानी) शब्दों से उत्पन्न हुआ है। गांसू की राजधानी लानझू शहर है जो इस प्रांत के दक्षिणपूर्व में स्थित है। इस प्रांत की आबादी 2009 में 2.6 करोड़ थी (लगभग हरियाणा के बराबर) और इसका क्षेत्रफल लगभग 454,000 वर्ग किमी है (लगभग उत्तर प्रदेश का दुगना)। यहाँ पर हुई समुदाय के बहुत से लोग रहते हैं, जो नस्ल के तो चीनी हैं लेकिन इस्लाम के अनुयायी हैं। गांसू के दक्षिण-पश्चिमी भाग में बहुत से तिब्बती लोग भी रहते हैं। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

उत्तरी रेशम मार्ग और तुरफ़ान के बीच तुलना

उत्तरी रेशम मार्ग 31 संबंध है और तुरफ़ान 28 है। वे आम 6 में है, समानता सूचकांक 10.17% है = 6 / (31 + 28)।

संदर्भ

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