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उच्च न्यायालय (पाकिस्तान) और पाकिस्तान की न्यायपालिका

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

उच्च न्यायालय (पाकिस्तान) और पाकिस्तान की न्यायपालिका के बीच अंतर

उच्च न्यायालय (पाकिस्तान) vs. पाकिस्तान की न्यायपालिका

इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान में पांच उच्च न्यायालय हैं, जिनमें से चार प्रत्येक प्रांत के मुख्यालय में स्थित हैं। पाकिस्तान ने पांचवें न्यायालय संघीय राजधानी क्षेत्र के लिए पारित किया है जो इस्लामाबाद में स्थित है। पांचवें न्यायालय की योजना लाहौर प्रांतीय न्यायालय ने रोक लगा दी थी, और इस फैसले को पाकिस्तान की न्यायालय ने 24 दिसंबर 2007 पर रोक लगा दी। . पाकिस्तान की न्यायपालिका, एक श्रेणीबद्ध प्रणाली है जिसमें अदालतों के दो वर्गों है: श्रेष्ठतर (या उच्च) न्यायपालिका और अधीनस्थ (या निम्न) न्यायपालिका। श्रेष्ठतर न्यायपालिका, "सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान के", "संघीय शरीयत कोर्ट" और "पाँच उच्च न्यायालयों" से बना है, जिसके शीर्ष पर "सुप्रीम कोर्ट" विराजमान है। इसके अलावा, प्रत्येक चार प्रांतों एवं इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र के लिये एक उच्च न्यायालय है। पाकिस्तान का संविधान, न्यायपालिका पर संविधान की रक्षा, संरक्षण व बचाव का दायित्व सौंपता है। ना उच्चतम न्यायालय, ना हीं, उच्च न्यायालय, जनजातीय क्षेत्रों(फाटा) के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग कर सकते हैं, सिवाय अन्यथा यदी प्रदान की जाय तो। आजाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के विवादित क्षेत्रों के लिये अलग न्यायिक प्रणाली है। अधीनस्थ न्यायपालिका में, सिविल और आपराधिक जनपदीय न्यायालय व अन्य अनेक विशेष अदालतें शामिल हैं, जो, बैंकिंग, बीमा, सीमा शुल्क व उत्पाद शुल्क, तस्करी, ड्रग्स, आतंकवाद, कराधान, पर्यावरण, उपभोक्ता संरक्षण, और भ्रष्टाचार संबंधित मामलों में अधिकारिता का प्रयोग करती हैं। आपराधिक अदालतों को दंड प्रक्रिया संहिता, 1898 के तहत बनाया गया था और सिविल अदालतें, पश्चिमी पाकिस्तान सिविल न्यायालय अध्यादेश, 1964 द्वारा स्थापित किए गए थे। साथ ही, राजस्व अदालतें भी हैं, जो कि पश्चिमी पाकिस्तान भू-राजस्व अधिनियम, 1967 के तहत काम कर रहे हैं। इसके अलावा, सरकार, विशिष्ट मामलों में विशिष्ट अधिकार कार्यान्वित करने हेतु प्रशासनिक अदालतों और अधिकरणों की स्थापना कर सकती है। .

उच्च न्यायालय (पाकिस्तान) और पाकिस्तान की न्यायपालिका के बीच समानता

उच्च न्यायालय (पाकिस्तान) और पाकिस्तान की न्यायपालिका आम में 28 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): न्यायालय, पाकिस्तान, पाकिस्तान सरकार, पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान का संविधान, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश, पाकिस्तान की न्यायपालिका, पाकिस्तान की राजनीति, पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायिक परिषद, पंजाब (पाकिस्तान), पेशावर, पेशावर उच्च न्यायालय, बलूचिस्तान (पाकिस्तान), बलूचिस्तान उच्च न्यायालय, मजलिस-ए-शूरा, लाहौर, लाहौर उच्च न्यायालय, सिंध, सिंध उच्च न्यायालय, संघीय शरियाई न्यायालय, ज़िला न्यायालय (पाकिस्तान), ख़ैबर पख़्तूनख़्वा, इस्लामाबाद, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय, कराची, क्वेटा, उच्च न्यायालय (पाकिस्तान), २००७

न्यायालय

लंदन के पुरानी बेली स्थित एक कोर्ट का दृष्य न्यायालय (अदालत या कोर्ट) का तात्पर्य सामान्यतः उस स्थान से है जहाँ पर न्याय प्रशासन कार्य होता है, परंतु बहुधा इसका प्रयोग न्यायाधीश के अर्थ में भी होता है। बोलचाल की भाषा में अदालत को कचहरी भी कहते हैं। .

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पाकिस्तान सरकार

पाकिस्तान सरकार (حکومتِ پاکستان.;हुक़ूमत-ए पाकिस्तान) वफ़ाक़ी संसदीय प्रणाली के तहत काम करति है जिस में राष्ट्रपति राज्य और प्रधानमंत्री सरकर के नेता होते हैं। पाकिस्तान सरकार संघीय संसदीय प्रणाली है। जिसमें राष्ट्रपति का चयन जनता की बजाय संसद अथवा निर्वाचन समिति करता है। इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान के प्रमुख राष्ट्रपति होते हैं जो पाकिस्तान की सेना के सर्वोच्च आदेशकर्ता भी होता है। प्रधानमंत्री, प्रशासनिक मामलों का प्रमुख होता है, वह संसदीय बहुमत से चुना जाता है। पाकिस्तान में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चयन और पदग्रहण बिल्कुल भिन्न पहलू हैं और उनके शासनकाल का संवैधानिक रूप से आपस में कोई संबंध नहीं होता है। 6 सितंबर 2008 को पाकिस्तान की निर्वाचन समिति कि सेनेट(उच्चसदन), क़ौमी असेम्ब्ली (निम्नसदन) और चारों प्रांतीय विधानसभाओं से मिल कर बनता है। आम तौर पर प्रधानमंत्री निचले सदन के बहुमत दल के अंतर्गत आते हैं और देश की व्यवस्था संघीय मंत्रीमंडल की मदद से चलती है जो मजलिस-ए शूरा के दोनों सदनों, उच्च और निम्न से चुने जाते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय विधानसभा सदस्यों और प्रांतीय विधायिका के सदस्य, जनता के मतदान के माध्यम से चुने जाते हैं। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति उस पार्टी के चुने जाते हैं जिनका क़ौमी असेम्ब्ली में बहूमत हो। सभापति भी बहुल पार्टी का ही होता है, हालांकि विपक्षी दलों को भी बड़े उदय दी जा सकते हैं। संसदीय प्रणाली में दो पार्टियां महत्व होता है एक वह पार्टी जो सभी पार्टियों से ज़्यादा सीटें हासिल कर इसे बहुल या सरकार बनाने वाली पार्टी और दूसरी वह पार्टी जो दूसरे नंबर पे सबसे निशतें प्राप्त करे उसे विपक्षी पार्टी कहा जाता हेमतला पाकिस्तान 2013 के चुनाव में मुस्लिम लीग की सबसे ज्यादा सीटें थीं तो वह सरकार बना लिया और दूसरे नंबर पे पपल्स पार्टी थी जो विपक्ष में खड़ी होई.ागर सरकारी पार्टी कोई फैसला लिया और विपक्ष इस फैसले का विरोध किया तो सरकारी पार्टी का वह फैसला खारिज किया जाएगा। .

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पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय

पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय (عدالت عظمیٰ پاکستان; अदालत-ए उज़्मा पाकिस्तान), इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत है और पाकिस्तान की न्यायिक व्यवस्था का शीर्ष हिस्सा है और पाकिस्तानी न्यायिक क्रम का शिखर बिन्दु है। पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान कानूनी और संवैधानिक मामलों में फैसला करने वाली अंतिम मध्यस्थ भी है। सर्वोच्च न्यायालय का स्थायी कार्यालय पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित है, जबकि इस अदालत की कई उप-शाखाएं, पाकिस्तान के महत्वपूर्ण शहरों में कार्यशील हैं जहां मामलों की सुनवाई की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान को कई संवैधानिक व न्यायिक विकल्प प्राप्त होते हैं, जिनकी व्याख्या पाकिस्तान के संविधान में की गई है। देश में कई सैन्य सरकारों और असंवैधानिक तानाशाही सरकारों के कार्यकाल में भी सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं को स्थापित कर रखा है। साथ ही, इस अदालत ने सैन्य शक्ति पर एक वास्तविक निरीक्षक के रूप में स्वयं को स्थापित किया है और कई अवसरों में सरकारों की निगरानी की है। इस अदालत के पास, सभी उच्च न्यायालयों(प्रांतीय उच्च न्यायालयों, जिला अदालतों, और विशेष अदालतों सहित) और संघीय अदालत के ऊपर अपीलीय अधिकार है। इसके अलावा यह कुछ प्रकार के मामलों पर मूल अधिकार भी रखता है। सुप्रीम कोर्ट एक मुख्य न्यायाधीश और एक निर्धारित संख्या के वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा निर्मित होता है, जो प्रधानमंत्री से परामर्श के बाद राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है। एक बार नियुक्त न्यायाधीश को, एक निर्दिष्ट अवधि को पूरा करने और उसके बाद ही रिटायर होने की उम्मीद की जाती है, जब तक कि वे दुराचार के कारण सर्वोच्च न्यायिक परिषद द्वारा निलंबित नहीं किये जाते हैं। .

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पाकिस्तान का संविधान

पाकिस्तान का संविधान (آئین پاکستان;आईन(ए) पाकिस्तान) या दस्तूरे पाकिस्तान دستور پاکستان) को १९७३ का क़ानून भी कहते हैं। यह पाकिस्तान का सर्वोच्च दस्तूर है। पाकिस्तान का संविधान संविधान सभा द्वारा १० अप्रैल १९७३ को पारित हुआ तथा 14 अगस्त 1973 से प्रभावी हुआ। इस का प्रारूप ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो की सरकार और विपक्ष ने मिल कर तैयार किया। ये पाकिस्तान का तीसरा दस्तूर है और इस में कई बार रद्दोबदल की जा चुकी है। .

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पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश(उर्दू:,;मुन्शिफ़-ए आज़म पाकिस्तान),, पाकिस्तान की न्यायपालिका के प्रमुख एवं पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश होते हैं। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट 1947 से 1960 तक संघीय अदालत के नाम से जानी जाती थी। मुख्य न्यायाधीश पाकिस्तान की उच्चतम न्यायालय के 16 न्यायाधीशों में वरिष्ठतम होते हैं। मुख्य न्यायाधीश पाकिस्तान की न्यायिक प्रणाली के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी है एवं यह पाकिस्तान का उच्चतम न्यायालय पद है जो संघीय न्यायपालिका की नीति निर्धारण वह उच्चतम न्यायालय में न्यायिक कार्यों का कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है। इस पद पर नियुक्ति के लिए नामांकन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा एवं नियुक्ति अंततः पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। अदालत की सुनवाई पर अध्यक्षता करते हुए मुख्य न्यायाधीश के पास न्यायालय की नीति निर्धारण के लिए अत्यंत ताकत है। साथ ही आधुनिक परंपरा अनुसार मुख्य न्यायाधीश के कार्य क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रपति को शपथ दिलाने का भी महत्वपूर्ण संवैधानिक कार्य है पाकिस्तान के सर्वप्रथम मुख्य न्यायाधीश सर अब्दुल राशिद थे। .

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पाकिस्तान की न्यायपालिका

पाकिस्तान की न्यायपालिका, एक श्रेणीबद्ध प्रणाली है जिसमें अदालतों के दो वर्गों है: श्रेष्ठतर (या उच्च) न्यायपालिका और अधीनस्थ (या निम्न) न्यायपालिका। श्रेष्ठतर न्यायपालिका, "सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान के", "संघीय शरीयत कोर्ट" और "पाँच उच्च न्यायालयों" से बना है, जिसके शीर्ष पर "सुप्रीम कोर्ट" विराजमान है। इसके अलावा, प्रत्येक चार प्रांतों एवं इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र के लिये एक उच्च न्यायालय है। पाकिस्तान का संविधान, न्यायपालिका पर संविधान की रक्षा, संरक्षण व बचाव का दायित्व सौंपता है। ना उच्चतम न्यायालय, ना हीं, उच्च न्यायालय, जनजातीय क्षेत्रों(फाटा) के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग कर सकते हैं, सिवाय अन्यथा यदी प्रदान की जाय तो। आजाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के विवादित क्षेत्रों के लिये अलग न्यायिक प्रणाली है। अधीनस्थ न्यायपालिका में, सिविल और आपराधिक जनपदीय न्यायालय व अन्य अनेक विशेष अदालतें शामिल हैं, जो, बैंकिंग, बीमा, सीमा शुल्क व उत्पाद शुल्क, तस्करी, ड्रग्स, आतंकवाद, कराधान, पर्यावरण, उपभोक्ता संरक्षण, और भ्रष्टाचार संबंधित मामलों में अधिकारिता का प्रयोग करती हैं। आपराधिक अदालतों को दंड प्रक्रिया संहिता, 1898 के तहत बनाया गया था और सिविल अदालतें, पश्चिमी पाकिस्तान सिविल न्यायालय अध्यादेश, 1964 द्वारा स्थापित किए गए थे। साथ ही, राजस्व अदालतें भी हैं, जो कि पश्चिमी पाकिस्तान भू-राजस्व अधिनियम, 1967 के तहत काम कर रहे हैं। इसके अलावा, सरकार, विशिष्ट मामलों में विशिष्ट अधिकार कार्यान्वित करने हेतु प्रशासनिक अदालतों और अधिकरणों की स्थापना कर सकती है। .

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पाकिस्तान की राजनीति

पाकिस्तान की राजनीति (پاکستان کی سیاست) ने सालों के दौरान कई तब्दीलियाँ देखी हैं। समय-समय पर फ़ौज मुल्क का शासन को संभाल लेता है। परन्तु वर्तमान स्थिति में मुल्क में लोकतांत्रिक व्यवस्था वापस आ गई है। पाकिस्तान एक संघीय गणराज्य है, पाकिस्तान के राष्ट्रपति राज्य के प्रमुख हैं और प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख पाकिस्तान में राजनीति को बहुत महत्व प्राप्त किया है। श्रेणी:पाकिस्तान की राजनीति.

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पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायिक परिषद

पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायिक परिषद,पाकिस्तान की न्यायपालिका की एक महत्वपूर्ण निकाय है, जो न्यायपालिका के खिलाफ दायर किए गए आवेदनों की सुनवाई करती है। पाकिस्तान के संविधान में यह के तहत काम करती है। .

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पंजाब (पाकिस्तान)

पंजाब पंजाब पाकिस्तान का एक प्रान्त है। इसमें ३६ जिले हैं। पंजाब आबादी के अनुपात से पाकिस्तान का सब से बड़ा राज्य है। पंजाब में रहने वाले लोग पंजाबी कहलाते हैं। पंजाब की दक्षिण की तरफ़ सिंध, पश्चिम की तरफ़ ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा और बलोचिस्तान,‎‎‎ उत्तर की तरफ़ कश्मीर और इस्लामाबाद और पूर्व में हिन्दुस्तानी पंजाब और राजस्थान से मिलता है। पंजाब में बोली जाने वाली भाषा भी पंजाबी कहलाती है। पंजाबी के अलावा वहां उर्दु और सराइकी भी बोली जाती है। पंजाब की (राजधानी) लाहौर है। पंजाब फ़ारसी भाषा के दो शब्दों - 'पंज' यानि 'पांच' (५) और 'आब' यानि 'पानी' से मिल कर बना है। इन पांच दरियाओं के नाम हैं.

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पेशावर

पेशावर पाकिस्तान का एक शहर है। यह ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रान्त की राजधानी है। पेशावर उल्लेख पुराने पुस्तकों में "पुरुषपुर" के नाम से मिलता है। इस उपमहाद्वीप के प्राचीन शहरों में से एक है। पेशावर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और कबायली इलाकों के वाणिज्यिक केंद्र है। पेशावर में पश्तो भाषा बोली जाती है लेकिन जब उर्दू पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा है इसलिए उर्दू भी माना जाता है। .

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पेशावर उच्च न्यायालय

पेशावर उच्च न्यायालय,(پشاور عدالت عالیہ; अदालत-ए आला, पेशावर) ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के सर्वोच्च न्यायिक संस्था है। यह प्रांतीय राजधानी पेशावर में स्थित है। यह सिविल और आपराधिक मामलों में प्रांत की सर्वोच्च अपीलय अदालत है, एवं ख़ैबर पख़तूनख़्वा के सारे जिला न्यायालय और सत्र न्यायालय इसके अधिकारक्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। .

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बलूचिस्तान (पाकिस्तान)

बलूचिस्तान (उर्दू: بلوچستان) पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत है। बलूचिस्तान नाम का क्षेत्र बड़ा है और यह ईरान (सिस्तान व बलूचिस्तान प्रांत) तथा अफ़ग़ानिस्तान के सटे हुए क्षेत्रों में बँटा हुआ है। यहां की राजधानी क्वेटा है। यहाँ के लोगों की प्रमुख भाषा बलूच या बलूची के नाम से जानी जाती है। १९४४ में बलूचिस्तान के स्वतंत्रता का विचार जनरल मनी के विचार में आया था पर १९४७ में ब्रिटिश इशारे पर इसे पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। १९७० के दशक में एक बलूच राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसमें बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र करने की मांग उठी। यह प्रदेश पाकिस्तान के सबसे कम आबाद इलाकों में से एक है। .

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बलूचिस्तान उच्च न्यायालय

बलोचिस्तान उच्च न्यायालय,(بلوچستان عدالت عالیہ; अदालत-ए आला, बलोचिस्तान) बलोचिस्तान प्रांत के सर्वोच्च न्यायिक संस्था है। 1906 में स्थापित, यह प्रांतीय राजधानी क्वेटा में स्थित है। इसके अलावा सिविल और आपराधिक मामलों में सिंध के लिए अपील की सर्वोच्च अदालत जा रहा है, न्यायालय जिला न्यायालय और कराची में सत्र न्यायालय था। .

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मजलिस-ए-शूरा

मजलिस-ए-शूरा (उर्दू) यानी पाकिस्तान की संसद पाकिस्तान में संघीय स्तर पर सर्वोच्च विधायी संस्था है। इस संस्थान में दो सदन हैं, निचले सदन या कौमी एसेंबली और ऊपरी सदन या सीनेट। पाकिस्तान का संविधान की धारा 50 के मुताबिक़ राष्ट्रपति भी मजलिस-ए-शूरा का हिस्सा हैं। इसकी दोनों सदनों में से निम्नसदन नैशनल असेम्बली एक अस्थाई इकाई है, और प्रती पाँचवे वर्ष, आम निर्वाचन द्वारा यह परिवर्तित होती रहती है, वहीं उच्चसदन सेनेट एक स्थाई इकाई है, जो कभी भंग नहीं होती है, परंतु भाग-दर-भाग इसके सदस्यों को बदल दिया जाता है। संसद की दोनों सदनों हेतु सभागृह इस्लामाबाद को पार्लिआमेंट हाउस में है। 1960 में संसद के आसन को कराँची से इस्लामाबाद लाया गया था। .

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लाहौर

लाहौर (لہور / ਲਹੌਰ, لاہور) पाकिस्तान के प्रांत पंजाब की राजधानी है एवं कराची के बाद पाकिस्तान में दूसरा सबसे बडा आबादी वाला शहर है। इसे पाकिस्तान का दिल नाम से भी संबोधित किया जाता है क्योंकि इस शहर का पाकिस्तानी इतिहास, संस्कृति एवं शिक्षा में अत्यंत विशिष्ट योगदान रहा है। इसे अक्सर पाकिस्तान बागों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। लाहौर शहर रावी एवं वाघा नदी के तट पर भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित है। लाहौर का ज्यादातर स्थापत्य मुगल कालीन एवं औपनिवेशिक ब्रिटिश काल का है जिसका अधिकांश आज भी सुरक्षित है। आज भी बादशाही मस्जिद, अली हुजविरी शालीमार बाग एवं नूरजहां तथा जहांगीर के मकबरे मुगलकालीन स्थापत्य की उपस्थिती एवं उसकी अहमियत का आभास करवाता है। महत्वपूर्ण ब्रिटिश कालीन भवनों में लाहौर उच्च न्यायलय जनरल पोस्ट ऑफिस, इत्यादि मुगल एवं ब्रिटिश स्थापत्य का मिलाजुला नमूना बनकर लाहौर में शान से उपस्थित है एवं ये सभी महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में लोकप्रिय हैं। मुख्य तौर पर लाहौर में पंजाबी को मातृ भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है हलाकि उर्दू एवं अंग्रेजी भाषा भी यहां काफी प्रचलन में है एवं नौजवानों में काफी लोकप्रिय है। लाहौर की पंजाबी शैली को लाहौरी पंजाबी के नाम से भी जाना जाता है जिसमे पंजाबी एवं उर्दू का काफी सुंदर मिश्रण होता है। १९९८ की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग ७ लाख आंकी गयी थी जिसके जून २००६ में १० लाख होने की उम्मीद जतायी गयी थी। इस अनुमान के मुताबिक लाहौर दक्षिण एशिया में पांचवी सबसे बडी आबादी वाला एवं दुनिया में २३वीं सबसे बडी आबादी वाला शहर है।.

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लाहौर उच्च न्यायालय

लाहौर उच्च न्यायालय,(عدالت عالیہ لاہور, अदालत-ए आला, लाहौर) लाहौर में स्थित, पंजाब, पाकिस्तान का उच्च न्यायालय है। इसे, बतौर उच्च न्यायालय, 21 मार्च 1919 में स्थापित किया गया था। इसके पार पाकिस्तान के पंजाब सूबे पर न्यायिक अधिकार है। हालाँकि, इस न्यायालय का मुख्य आसन लाहौर है, परंतु साथ ही इसके तीन न्यायचौकियाँ रावलपिंडी, मुल्तान और बहावलपुर में भी स्थित हैं, एवं साथ ही फ़ैसलाबाद, सियालकोट, गुर्जनवाला व डी जी ख़ान में भी नई चौकियाँ खुलने की बात है। .

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सिंध

सिंध सिंध पाकिस्तान के चार प्रान्तों में से एक है। यह देश के दक्षिण-पूर्व में बसा हुआ है जिसके दक्षिण में अरब की खाड़ी है। सिन्ध का सबसे बड़ा शहर कराँची है और यहाँ देश की 15 प्रतिशत जनता वास करती है। यह सिन्धियों का मूल स्थान है साथ ही यहाँ विभाजन के दौरान आकर बसे मोहाज़िरों की भी बहुतायात है। .

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सिंध उच्च न्यायालय

सिंध उच्च न्यायालय,(سندھ عدالت عالیہ; अदालत-ए आला, सिंध) सिंध प्रांत के सर्वोच्च न्यायिक संस्था है। 1906 में स्थापित, यह प्रांतीय राजधानी कराची में स्थित है। इसके अलावा सिविल और आपराधिक मामलों में सिंध के लिए अपील की सर्वोच्च अदालत जा रहा है, न्यायालय जिला न्यायालय और कराची में सत्र न्यायालय था। .

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संघीय शरियाई न्यायालय

संघीय शरियाई न्यायालय या वफ़ाक़ी शरई अदालत, पाकिस्तान की एक न्यायिक संस्थान है, जिस्का कार्य यह जाँच व निर्धारित करना है की देश के कानून, शरिया का पालन करते हैं या नहीं। इस निकाय में कुल आठ मुसलमान न्यायाधीश होती हैं जिसमें मुख्य न्यायाधीश भी शामिल होते हैं। यह सभी न्यायाधीश, पाकिस्तान के राष्ट्रपति की मंजूरी से नियुक्त किए जाते हैं जिनका पाकिस्तान की उच्चतम न्यायालय या किसी भी प्रांतीय न्यायालय के सेवानिवृत्त या सेवारत न्यायाधीश में से चुना जाना आवश्यक है। संघीय शरीयत अदालत के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रियाज अहमद खान हैं। .

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ज़िला न्यायालय (पाकिस्तान)

पाकिस्तान की जिला अदालतें, पाकिस्तान में जिला स्तर पर गतिशील हैं और अदालतें प्रांतीय न्यायालयों के अधीन संवैधानिक स्थिति में कार्य निष्पादित करते हैं। जिला अदालतें, पाकिस्तान के सभी प्रांतों के हर जिले में स्थापित की गई हैं और यह दीवानी और आपराधिक मामलों की सुनवाई के अधिकार क्षेत्र शामिल होती हैं। प्रत्येक जिले के मुख्य कार्यालयों में, जिला अदालतों के तहत कई सारे अतिरिक्त जिला और सत्र मनसनिन की तैनाती भी होती है कि जिला अदालतों में मामलों की सुनवाई करते हैं। जिला और सत्र मनसनिन को जिले भर में संबल कार और न्यायिक अधिकार होते हैं। जिला अदालतों में सत्र अदालत आमतौर पर अपराध जैसे हत्या, व्यभिचार, चोरी, चोरी आदि के मामलों की सुनवाई करती है। इसके अलावा मामूली प्रकृति के दीवानी मामलों की सुनवाई का अधिकार क्षेत्र भी अदालत को प्राप्त होता है। प्रशासनिक सेवाओं की बेहतर आपूर्ति के लिए अब हर कस्बे और शहर में जिला अदालतों के अधीन एक अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश तैनात किया गया है, जो कि हर तरह से आवंटित गए क्षेत्र में दीवानी और आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए जिम्मेदार होता है। इस अदालतें जब आपराधिक मामलों की सुनवाई करती हैं तो यह सत्र अदालत जबकि दीवानी मामलों की सुनवाई के दौरान जिला अदालत कहलाती है। मुकदमेबाजी के दौरान महत्वपूर्ण मामलों को सिर्फ जिला और सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया जाता है। जिला और सत्र न्यायाधीश, हर जिले में एक मामले में जिला न्यायाधीश उच्च माना जाता है। मुकदमेबाजी के दौरान अगर अभियोगी के किसी भी पक्ष को जिला अदालतों के फैसले पर आपत्ति हो, वे प्रांतीय न्यायालय (कोर्ट) में स्थापित एक एप्लेट बोर्ड में याचिका दायर कर सकता है, जिसका उद्देश्य जनता को पारदर्शी सबसे न्याय की आपूर्ति है। .

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ख़ैबर पख़्तूनख़्वा

मकरा चोटी ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा (पहले:उत्तर पश्चिम सीमांत प्रान्त) पाकिस्तान का एक प्रान्त या सूबा है। इसे सूबा-ए-सरहद के नाम से भी जाना जाता है जो अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर स्थित है। यहाँ पर पश्तूनों की आबादी अधिक है जिन्हें स्थानीय रूप से पख़्तून भी कहते हैं। इनकी मातृभाषा पश्तो है। इस प्रांत की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है जिसमें अफ़ग़ानिस्तान से आए शरणार्थियों की 15 लाख की आबादी सम्मिलित नहीं है। .

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इस्लामाबाद

इस्लामाबाद की फैज़ल मस्जिद इस्लामाबाद पाकिस्तान की राजधानी है। भारत विभाजन के पश्चात पाकिस्तान को एक राजधानी नगर की आवश्यकता थी। ना तो लाहौर और न ही कराची जैसे नगर इस हेतु सही पाए गए अंतः एक नए नगर की स्थापना का निर्णय लिया गया जो पूरी तरह से नियोजित हो। इस कार्य हेतु फ़्रांसीसी नगर नियोजक तथा वास्तुकार ली कार्बूजियर की सेवा ली गई। इन्हीं महोदय ने भारत में चंडीगढ़ की स्थापना की योजना बनाई थी। इस कारण ये दोनों नगर देखने में एक जैसे लगते हैं। २००९ के अनुमान अनुसार इस नगर की जनसंख्या ६,७३,७६६ है। .

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इस्लामाबाद उच्च न्यायालय

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय इस्लामाबाद, पाकिस्तान में स्थित पाकिस्तान का एक उच्च न्यायालय है। इस अदालत को पहली बार 14 दिसंबर 2007 में राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के एक राष्ट्रपतीय आदेश के तहत स्थापित किया गया था। इस राष्ट्रपति आदेश जारी होने के बाद इस पर अमल होने में देरी हुई क्योंकि लाहौर हाईकोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी थी, लेकिन बाद में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने न्यायालय को निर्णय को निलंबित करते हुए उच्च न्यायालय स्थापित करने का आदेश जारी किया। अदालत का फैसला आने के बाद अदालत ने औपचारिक रूप से फरवरी 2008 में काम शुरू किया। तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने 7 फरवरी 2008 को इस न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रदार मोहम्मद असलम से शपथ ली। http://www.app.com.pk/en/index.php?option.

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कराची

कराची पाकिस्तान का सबसे बड़ा नगर है और सिन्ध प्रान्त की राजधानी है। यह अरब सागर के तट पर बसा है और पाकिस्तान का सबसे बड़ा बन्दरगाह भी है। इसके उपनगरों को मिलाकर यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह 3527 वर्ग किलोमीटर में फैला है और करीब 1.45 करोड़ लोगों का घर है। यहाँ के निवासी इस शहर की ज़िन्दादिली की वजह से इसे रौशनियों का शहर और क़ैद-ए-आज़म जिन्ना का निवास स्थान होने की वजह से इसे शहर-ए-क़ैद कह कर बुलाते हैं। जिन्‍नाह की जन्‍मस्‍थली के लिए प्रसिद्ध कराची पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत की राजधानी है। यह पाकिस्‍तान का सबसे बड़ा शहर है। अरब सागर के तट पर बसा कराची पाकिस्‍तान की सांस्‍कृतिक, आर्थिक और शैक्षणिक राजधानी मानी जाती है। यह पाकिस्‍तान का सबसे बड़ा बंदरगाह शहर भी है। यह शहर पाकिस्‍तान आने वाले पर्यटकों के बीच भी खासा लोकप्रिय है। पर्यटक यहां बीच, म्‍यूजियम और मस्जिद आदि देख सकते हैं। आज के पाकिस्तानी भूभाग का मानवीय इतिहास कम से कम 5000 साल पुराना है, यद्यपि इतिहास पाकिस्तान शब्द का जन्म सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली के द्वारा हुआ। आज का पाकिस्तानी भूभाग कई संस्कृतियों का गवाह रहा है। ईसापूर्व 3300-1800 के बीच यहाँ सिन्धुघाटी सभ्यता का विकास हुआ। यह विश्व की चार प्राचीन ताम्र-कांस्यकालीन सभ्यताओं में से एक थी। इसका क्षेत्र सिन्धु नदी के किनारे अवस्थित था पर गुजरात (भारत) और राजस्थान में भी इस सभ्यता के अवशेष पाए गए हैं। मोहेन्जो-दारो, हड़प्पा इत्यादि स्थल पाकिस्तान में इस सभ्यता के प्रमुख अवशेष-स्थल हैं। इस सभ्यता के लोग कौन थे इसके बारे में विद्वानों में मतैक्य नहीं है। कुछ इसे आर्यों की पूर्ववर्ती शाखा कहते हैं तो कुछ इसे द्रविड़। कुछ इसे बलोची भी ठहराते हैं। इस मतभेद का एक कारण सिन्धु-घाटी सभ्यता की लिपि का नहीं पढ़ा जाना भी है। ऐसा माना जाता है कि 1500 ईसापूर्व के आसपास आर्यों का आगमन पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों के मार्फ़त भारत में हुआ। आर्यों का निवास स्थान कैस्पियन सागर के पूर्वी तथा उत्तरी हिस्सों में माना जाता है जहाँ से वे इसी समय के करीब ईरान, यूरोप और भारत की ओर चले गए थे। सन् 543 ईसापूर्व में पाकिस्तान का अधिकांश इलाका ईरान (फारस) के हख़ामनी साम्राज्य के अधीन आ गया। लेकिन उस समय इस्लाम का उदय नहीं हुआ था; ईरान के लोग ज़रदोश्त के अनुयायी थे और देवताओं की पूजा करते थे। सन् 330 ईसापूर्व में मकदूनिया (यूनान) के विजेता सिकन्दर ने दारा तृतीय को तीन बार हराकर हखामनी वंश का अन्त कर दिया। इसके कारण मिस्र से पाकिस्तान तक फैले हखामनी साम्राज्य का पतन हो गया और सिकन्दर पंजाब तक आ गया। ग्रीक स्रोतों के मुताबिक उसने सिन्धु नदी के तट पर भारतीय राजा पुरु (ग्रीक - पोरस) को हरा दिया। पर उसकी सेना ने आगे बढ़ने से इनकार कर दिया और वह भारत में प्रवेश किये बिना वापस लौट गया। इसके बाद उत्तरी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में यूनानी-बैक्ट्रियन सभ्यता का विकास हुआ। सिकन्दर के साम्राज्य को उसके सेनापतियों ने आपस में बाँट लिया। सेल्युकस नेक्टर सिकन्दर के सबसे शक्तिशाली उत्तराधिकारियों में से एक था। मौर्यों ने 300 ईसापूर्व के आसपास पाकिस्तान को अपने साम्राज्य के अधीन कर लिया। इसके बाद पुनः यह ग्रीको-बैक्ट्रियन शासन में चला गया। इन शासकों में सबसे प्रमुख मिनांदर ने बौद्ध धर्म को प्रोत्साहित किया। पार्थियनों के पतन के बाद यह फारसी प्रभाव से मुक्त हुआ। सिन्ध के राय राजवंश (सन् 489-632) ने इसपर शासन किया। इसके बाद यह उत्तर भारत के गुप्त और फारस के सासानी साम्राज्य के बीच बँटा रहा। सन् 712 में फारस के सेनापति मुहम्मद बिन क़ासिम ने सिन्ध के राजा को हरा दिया। यह फारसी विजय न होकर इस्लाम की विजय थी। बिन कासिम एक अरब था और पूर्वी ईरान में अरबों की आबादी और नियंत्रण बढ़ता जा रहा था। हालांकि इसी समय केन्द्रीय ईरान में अरबों के प्रति घृणा और द्वेष बढ़ता जा रहा था पर इस क्षेत्र में अरबों की प्रभुसत्ता स्थापित हो गई थी। इसके बाद पाकिस्तान का क्षेत्र इस्लाम से प्रभावित होता चला गया। पाकिस्तानी सरकार के अनुसार इसी समय 'पाकिस्तान की नींव' डाली गई थी। इसके 1192 में दिल्ली के सुल्तान पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद ही दिल्ली की सत्ता पर फारस से आए तुर्कों, अरबों और फारसियों का नियंत्रण हो गया। पाकिस्तान दिल्ली सल्तनत का अंग बन गया। सोलहवीं सदी में मध्य-एशिया से भाग कर आए हुए बाबर ने दिल्ली की सत्ता पर अधिकार किया और पाकिस्तान मुगल साम्राज्य का अंग बन गया। मुगलों ने काबुल तक के क्षेत्र को अपने साम्राज्य में मिला लिया था। अठारहवीं सदी के अन्त तक विदेशियों (खासकर अंग्रेजों) का प्रभुत्व भारतीय उपमहाद्वीप पर बढ़ता गया.

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क्वेटा

क्वेटा (उर्दू: کوئٹہ, पश्तो: کوټه, बलोची: کویته), पाकिस्तान के प्रांत बलूचिस्तान की राजधानी है साथ ही यह पाकिस्तान का नौवां सबसे बड़ा शहर है। इस शहर को पाकिस्तान का 'फलों का बगीचा' भी कहा जाता है क्योंकि यह शहर चारों ओर से फलों के बगीचों से घिरा है और यहां फलों और सूखे मेवों का उत्पादन, बड़े पैमाने पर किया जाता है। अपनी सुंदरता और भौगोलिक स्थिति के कारण अतीत में इस शहर को 'छोटा पेरिस' के रूप से भी जाना जाता था। समुद्रतल से क्वेटा की औसत ऊंचाई 1,680 मीटर (5,510 फुट) है जिस कारण यह पाकिस्तान का उच्च ऊंचाई पर स्थित एकमात्र प्रमुख शहर है। अनुमानत: शहर की आबादी लगभग 1140000 है। पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के निकट उत्तर पश्चिमी बलूचिस्तान में स्थित, क्वेटा दोनों देशों के बीच व्यापार और संचार का केन्द्र है। शहर बोलन दर्रे के मार्ग पर स्थित है जो अतीत में दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के बीच एकमात्र प्रवेशद्वार था। समय समय पर होने वाले अफगानी संघर्ष में क्वेटा ने पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के लिए सैन्य रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। .

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उच्च न्यायालय (पाकिस्तान)

इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान में पांच उच्च न्यायालय हैं, जिनमें से चार प्रत्येक प्रांत के मुख्यालय में स्थित हैं। पाकिस्तान ने पांचवें न्यायालय संघीय राजधानी क्षेत्र के लिए पारित किया है जो इस्लामाबाद में स्थित है। पांचवें न्यायालय की योजना लाहौर प्रांतीय न्यायालय ने रोक लगा दी थी, और इस फैसले को पाकिस्तान की न्यायालय ने 24 दिसंबर 2007 पर रोक लगा दी। .

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२००७

वर्ष २००७ सोमवार से प्रारम्भ होने वाला ग्रेगोरी कैलंडर का सामान्य वर्ष है। .

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उच्च न्यायालय (पाकिस्तान) और पाकिस्तान की न्यायपालिका के बीच तुलना

उच्च न्यायालय (पाकिस्तान) 28 संबंध है और पाकिस्तान की न्यायपालिका 39 है। वे आम 28 में है, समानता सूचकांक 41.79% है = 28 / (28 + 39)।

संदर्भ

यह लेख उच्च न्यायालय (पाकिस्तान) और पाकिस्तान की न्यायपालिका के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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