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ईसाई धर्म और बहुदेववाद

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ईसाई धर्म और बहुदेववाद के बीच अंतर

ईसाई धर्म vs. बहुदेववाद

'''ईद्भास/क्रॉस''' - यह ईसाई धर्म का निशान है ईसाई धर्म (अन्य प्रचलित नाम:मसीही धर्म व क्रिश्चियन धर्म) एक इब्राहीमीChristianity's status as monotheistic is affirmed in, amongst other sources, the Catholic Encyclopedia (article ""); William F. Albright, From the Stone Age to Christianity; H. Richard Niebuhr; About.com,; Kirsch, God Against the Gods; Woodhead, An Introduction to Christianity; The Columbia Electronic Encyclopedia; The New Dictionary of Cultural Literacy,; New Dictionary of Theology,, pp. एक से अधिक देवताओं की पूजा करना या एक से अधिक देवताओं के अस्तित्व को मानना बहुदेववाद या अनेकदेववाद या बहु-ईश्वरवाद (Polytheism/पॉलीथिज्म) कहलाता है। बहुदेववाद में विश्वास रखने वाले अधिकांश धर्मों में भिन्न-भिन्न देवता, प्रकृति की विभिन्न शक्तियों को निरुपित करते हैं। ये देवता या तो पूर्णतः स्वायत्त हैं या 'स्ऱिष्टिकर्ता ईश्वर' के कोई रूप हैं। .

ईसाई धर्म और बहुदेववाद के बीच समानता

ईसाई धर्म और बहुदेववाद आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): एकेश्वरवाद

एकेश्वरवाद

एकेश्वरवाद अथवा एकदेववाद वह सिद्धान्त है जो 'ईश्वर एक है' अथवा 'एक ईश्वर है' विचार को सर्वप्रमुख रूप में मान्यता देता है। एकेश्वरवादी एक ही ईश्वर में विश्वास करता है और केवल उसी की पूजा-उपासना करता है। इसके साथ ही वह किसी भी ऐसी अन्य अलौकिक शक्ति या देवता को नहीं मानता जो उस ईश्वर का समकक्ष हो सके अथवा उसका स्थान ले सके। इसी दृष्टि से बहुदेववाद, एकदेववाद का विलोम सिद्धान्त कहा जाता है। एकेश्वरवाद के विरोधी दार्शनिक मतवादों में दार्शनिक सर्वेश्वरवाद, दार्शनिक निरीश्वरवाद तथा दार्शनिक संदेहवाद की गणना की जाती है। सर्वेश्वरवाद, ईश्वर और जगत् में अभिन्नता मानता है। उसके सिद्धांतवाक्य हैं- 'सब ईश्वर हैं' तथा 'ईश्वर सब हैं'। एकेश्वरवाद केवल एक ईश्वर की सत्ता मानता है। सर्वेश्वरवाद ईश्वर और जगत् दोनों की सत्ता मानता है। यद्यपि जगत् की सत्ता के स्वरूप में वैमत्य है तथापि ईश्वर और जगत् की एकता अवश्य स्वीकार करता है। 'ईश्वर एक है' वाक्य की सूक्ष्म दार्शनिक मीमांसा करने पर यह कहा जा सकता है कि सर्वसत्ता ईश्वर है। यह निष्कर्ष सर्वेश्वरवाद के निकट है। इसीलिए ये वाक्य एक ही तथ्य को दो ढंग से प्रकट करते हैं। इनका तुलनात्मक अध्ययन करने से यह प्रकट होता है कि 'ईश्वर एक है' वाक्य जहाँ ईश्वर के सर्वातीतत्व की ओर संकेत करता है वहीं 'सब ईश्वर हैं' वाक्य ईश्वर के सर्वव्यापकत्व की ओर। देशकालगत प्रभाव की दृष्टि से विचार करने पर ईश्वर के तीन विषम रूपों के अनुसार तीन प्रकार के एकेश्वरवाद का भी उल्लेख मिलता है-.

ईसाई धर्म और एकेश्वरवाद · एकेश्वरवाद और बहुदेववाद · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

ईसाई धर्म और बहुदेववाद के बीच तुलना

ईसाई धर्म 12 संबंध है और बहुदेववाद 5 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.88% है = 1 / (12 + 5)।

संदर्भ

यह लेख ईसाई धर्म और बहुदेववाद के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: