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ईश्वर और सहज वृत्ति (इंस्टिंक्ट)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ईश्वर और सहज वृत्ति (इंस्टिंक्ट) के बीच अंतर

ईश्वर vs. सहज वृत्ति (इंस्टिंक्ट)

यह लेख पारलौकिक शक्ति ईश्वर के विषय में है। ईश्वर फ़िल्म के लिए ईश्वर (1989 फ़िल्म) देखें। यह लेख देवताओं के बारे में नहीं है। ---- परमेश्वर वह सर्वोच्च परालौकिक शक्ति है जिसे इस संसार का स्रष्टा और शासक माना जाता है। हिन्दी में परमेश्वर को भगवान, परमात्मा या परमेश्वर भी कहते हैं। अधिकतर धर्मों में परमेश्वर की परिकल्पना ब्रह्माण्ड की संरचना से जुडी हुई है। संस्कृत की ईश् धातु का अर्थ है- नियंत्रित करना और इस पर वरच् प्रत्यय लगाकर यह शब्द बना है। इस प्रकार मूल रूप में यह शब्द नियंता के रूप में प्रयुक्त हुआ है। इसी धातु से समानार्थी शब्द ईश व ईशिता बने हैं। . सहज वृत्ति, किसी व्यवहार विशेष की तरफ जीवों के स्वाभाविक झुकाव को कहते हैं। गतिविधियों के स्थायी पैटर्न भुलाये जाते हैं और वंशानुगत होते हैं। किसी संवेदनशील समय में पड़ी छाप के कारण इसके उत्प्रेरक काफी विविध प्रकार के हो सकते हैं, या आनुवंशिक रूप से निर्धारित भी हो सकते हैं। सहज वृत्ति वाली गतिविधियों के स्थायी पैटर्न को पशुओं के व्यवहार में देखा जा सकता है, जो ऐसी कई गतिविधियों (अक्सर काफी जटिल) में संलग्न रहते हैं जो पूर्व अनुभवों पर आधारित नहीं होती हैं, जैसे कि कीड़ों के बीच प्रजनन तथा भोजन संबंधी गतिविधियां.

ईश्वर और सहज वृत्ति (इंस्टिंक्ट) के बीच समानता

ईश्वर और सहज वृत्ति (इंस्टिंक्ट) आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

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ईश्वर और सहज वृत्ति (इंस्टिंक्ट) के बीच तुलना

ईश्वर 34 संबंध है और सहज वृत्ति (इंस्टिंक्ट) 17 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (34 + 17)।

संदर्भ

यह लेख ईश्वर और सहज वृत्ति (इंस्टिंक्ट) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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