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ईरान का इतिहास और पेलोपोनेशियन युद्ध

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ईरान का इतिहास और पेलोपोनेशियन युद्ध के बीच अंतर

ईरान का इतिहास vs. पेलोपोनेशियन युद्ध

सुसा में दारुश (दारा) के महल के बाहर बने "अमर सेनानी"। यह उपाधि कुछ चुनिन्दा सैनिकों को दी जाती थी जो महल रक्षा तथा साम्राज्य विस्तार में प्रमुख माने जाते थे। ईरान का पुराना नाम फ़ारस है और इसका इतिहास बहुत ही नाटकीय रहा है जिसमें इसके पड़ोस के क्षेत्र भी शामिल रहे हैं। इरानी इतिहास में साम्राज्यों की कहानी ईसा के ६०० साल पहले के हख़ामनी शासकों से शुरु होती है। इनके द्वारा पश्चिम एशिया तथा मिस्र पर ईसापूर्व 530 के दशक में हुई विजय से लेकर अठारहवीं सदी में नादिरशाह के भारत पर आक्रमण करने के बीच में कई साम्राज्यों ने फ़ारस पर शासन किया। इनमें से कुछ फ़ारसी सांस्कृतिक क्षेत्र के थे तो कुछ बाहरी। फारसी सास्कृतिक प्रभाव वाले क्षेत्रों में आधुनिक ईरान के अलावा इराक का दक्षिणी भाग, अज़रबैजान, पश्चिमी अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान का दक्षिणी भाग और पूर्वी तुर्की भी शामिल हैं। ये सब वो क्षेत्र हैं जहाँ कभी फारसी सासकों ने राज किया था और जिसके कारण उनपर फारसी संस्कृति का प्रभाव पड़ा था। सातवीं सदी में ईरान में इस्लाम आया। इससे पहले ईरान में जरदोश्त के धर्म के अनुयायी रहते थे। ईरान शिया इस्लाम का केन्द्र माना जाता है। कुछ लोगों ने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया तो उन्हें यातनाएं दी गई। इनमें से कुछ लोग भाग कर भारत के गुजरात तट पर आ गए। ये आज भी भारत में रहते हैं और इन्हें पारसी कहा जाता है। सूफ़ीवाद का जन्म और विकास ईरान और संबंधित क्षेत्रों में ११वीं सदी के आसपास हुआ। ईरान की शिया जनता पर दमिश्क और बग़दाद के सुन्नी ख़लीफ़ाओं का शासन कोई ९०० साल तक रहा जिसका असर आज के अरब-ईरान रिश्तों पर भी देखा जा सकता है। सोलहवीं सदी के आरंभ में सफ़वी वंश के तुर्क मूल लोगों के सत्ता में आने के बाद ही शिया लोग सत्ता में आ सके। इसके बाद भी देश पर सुन्नियों का शासन हुआ और उन शासकों में नादिर शाह तथा कुछ अफ़ग़ान शासक शामिल हैं। औपनिवेशक दौर में ईरान पर किसी यूरोपीय शक्ति ने सीधा शासन तो नहीं किया पर अंग्रेज़ों तथा रूसियों के बीच ईरान के व्यापार में दखल पड़ा। १९७९ की इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान की राजनैतिक स्थिति में बहुत उतार-चढ़ाव आता रहा है। ईराक के साथ युद्ध ने भी देश को इस्लामिक जगत में एक अलग जगह पर ला खड़ा किया है। २३ जनवरी २००८ . प्राचीन यूनान का एक प्रसिद्ध युद्ध जिसमे स्पार्टा तथा एथेंस के मध्य प्रभुत्व हेतु युद्ध हुआ था श्रेणी:विश्व के युद्ध.

ईरान का इतिहास और पेलोपोनेशियन युद्ध के बीच समानता

ईरान का इतिहास और पेलोपोनेशियन युद्ध आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): एथेंस, स्पार्टा

एथेंस

300px एथेंस जिसे एथीना भी कहा जाता है यूरोपीय देश यूनान की राजधानी एवं वहां का सबसे बड़ा शहर है। यह विश्व के प्राचीनतम शहरों में शुमार होता है। इसका इतिहास तीन हजार वर्ष से भी पुराना है। एथेंस की आबादी २००१ में लगभग ७,४५,५१४ थी। .

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स्पार्टा

स्पार्टा (डोरिक Σπάρτα; Attic Σπάρτη Spartē) अथवा लासदेमों, दक्षिण-पूर्वी पेलोपोन्नेस के लैकोनिया में यूरोटस नदी (River Eurotas) के तट पर बसा प्राचीन यूनान का प्रमुख नगर-राज्य था। 10वीं सदी ईसा पूर्व के आसपास यह एक राजनीतिक इकाई के रूप में उस वक़्त उभर कर सामने आया, जब हमलावर डोरियंस ने स्थानीय गैर-डोरियन आबादी को अपने कब्जे में कर लिया। सी.

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ईरान का इतिहास और पेलोपोनेशियन युद्ध के बीच तुलना

ईरान का इतिहास 63 संबंध है और पेलोपोनेशियन युद्ध 3 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 3.03% है = 2 / (63 + 3)।

संदर्भ

यह लेख ईरान का इतिहास और पेलोपोनेशियन युद्ध के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: