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ईंधन सेल और विद्युत्-रसायन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ईंधन सेल और विद्युत्-रसायन के बीच अंतर

ईंधन सेल vs. विद्युत्-रसायन

मिथेनॉल से सीधे विद्युत उत्पादन करने वाले ईंधन से का मॉडल ईंधन सेल (fuel cell) एक विद्युतरासायनिक युक्ति है जो ईंधन से प्राप्त रासायनिक ऊर्जा को सीधे विद्युत में परिवर्तित करती है। यह परिवर्तन एक रासायनिक अभिक्रिया के द्वारा होता है जिसमें धनावेशित हाइड्रोजन ऑयन, आक्सीजन या किसी अन्य आक्सीकारक से क्रिया करते हैं। ईंधन सेल, परम्परागत बैटरियों से इस दृष्टि से भिन्न हैं कि इनकी रासायनिक अभिक्रिया को चलते हुए बनाये रखने के लिये ईंधन और आक्सीजन के अविराम स्रोत आवश्यक होता है। ईंधन सेल तब तक ही विद्युत उत्पादन कर सकते हैं जब तक ईंधन और आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित बनी रहे। फ्यूल सेल दिष्ट धारा के रूप मे विहात उत्पादन करते है।. जॉन डेनियल और माइकल फैराडे (दायें तरफ), जिन्हे विद्युतरसायन का जनक माना जाता है विद्युतरसायन (eletro-chemistry), भौतिक रसायन की वह शाखा है जिसमें उन रासायनिक अभिक्रियों का अध्ययन किया जाता है जो किसी विलयन (सलूशन्) के अन्दर एक एलेक्ट्रान चालक और एक ऑयनिक चालक (विद्युत अपघट्य) के मिलन-तल (इन्टरफेस) पर होती है। इसमें इलेक्ट्रान चालक कोई धातु या अर्धचालक हो सकता है। यदि रासायनिक अभिक्रिया किसी बाहर से आरोपित विभवान्तर (वोल्टेज्) के कारण घटित होती है (जैसे विद्युत अपघटन में); या रासायनिकभिक्रिया के परिणामस्वरूप विभवान्तर पैदा होता है (जैसे बैटरी में) तो ऐसी रासायनिक अभिक्रियों को विद्युत्त्-रासायनिक अभिक्रिया (electrochemical reaction) कहते हैं। सामान्य रूप से देखें तो पाते हैं कि विद्युत रासायनिक अभिक्रियाओं में ऑक्सीकरण एवं अपचयन क्रियाएं निहित होती हैं जो समय या स्थान (स्पेस और टाइम) में अलग होती हैं और किसी बाहरी परिपथ से जुड़ी होती हैं। .

ईंधन सेल और विद्युत्-रसायन के बीच समानता

ईंधन सेल और विद्युत्-रसायन आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): रासायनिक अभिक्रिया

रासायनिक अभिक्रिया

लकड़ी का जलना एक रासायनिक अभिक्रिया है। एक बीकर में हाइड्रोजन क्लोराइड की वाष्प में परखनली से अमोनिया की वाष्प मिलाने से एक नया पदार्थ अमोनियम क्लोराइड बनते हुए रासायनिक अभिक्रिया में एक या अधिक पदार्थ आपस में अन्तर्क्रिया (इन्टरैक्शन) करके परिवर्तित होते हैं और एक या अधिक भिन्न रासायनिक गुण वाले पदार्थ बनते हैं। किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों को अभिकारक (रिएक्टैन्ट्स) कहते हैं। अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न पदार्थों को उत्पाद (प्रोडक्ट्स) कहते हैं। लैवासिये के समय से ही ज्ञात है कि रासायनिक अभिक्रिया बिना किसी मापने योग्य द्रव्यमान परिवर्तन के होती है। (द्रव्यमान परिवर्तन अत्यन्त कम होता है जिसे मापना कठिन है)। इसी को द्रव्यमान संरक्षण का नियम कहते हैं। अर्थात किसी रासायनिक अभिक्रिया में न तो द्रव्यमान नष्ट होता है न ही बनता है; केवल पदार्थों का परिवर्तन होता है। परम्परागत रूप से उन अभिक्रियाओं को ही रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं जिनमें रासायनिक बन्धों को तोडने या बनाने में एलेक्ट्रानों की गति जिम्मेदार होती है। .

ईंधन सेल और रासायनिक अभिक्रिया · रासायनिक अभिक्रिया और विद्युत्-रसायन · और देखें »

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ईंधन सेल और विद्युत्-रसायन के बीच तुलना

ईंधन सेल 3 संबंध है और विद्युत्-रसायन 34 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.70% है = 1 / (3 + 34)।

संदर्भ

यह लेख ईंधन सेल और विद्युत्-रसायन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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