लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

इस्माईल प्रथम और शिया इस्लाम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

इस्माईल प्रथम और शिया इस्लाम के बीच अंतर

इस्माईल प्रथम vs. शिया इस्लाम

शाह ईस्माईल (1487-1524) ईरान के सफ़वी वंश का प्रथम शासक था जिसने ईरान पर शासन किया। उसके शाह बनने के समय वो सिर्फ़ 14 साल का था और उसे उसके विरोधियों के साथ किए क्रूर कृत्यों के लिए भी जाना जाता है। इसके पहले सफ़वी वंश उत्तर-पश्चिमी ईरान में एक सीमित संगठन था। १५०१ में इस्माईल ने तबरेज़ पर अधिकार कर लिया और ख़ुद को शाह घोषित कर दिया। उसके पिता शिया बने थे, हाँलांकि उसके पूर्वज सुन्नी और सूफ़ी थे। उसने शिया इस्लाम को पहली बार सैनिक और कठोर रूप दिया। उसके बाद से ईरान संपूर्ण रूप से शिया बन गया और आज तक है। उसने अपनी प्रजा पर प्रथम शिया इमाम अली, जिनको सुन्नी चौथे ख़लीफ़ा के रूप में मानते हैं, के पहले के तीन ख़लीफ़ाओं को गाली देने की प्रथा चलाई। हाँलांकि ईरान में शिया सहानूभूति सदियों से थी पर उसको ही ईरान को मुख्य रूप से शिया बनाने के श्रेय दिया जाता है क्योंकि उसी के शासन काल में शिया मुस्लिम सदियों के बाद पहली बार सामरिक रूप से सबल और स्थापित हो सके थे। वो एक कवि भी था और उसको आज़री (अज़ेरी) भाषा के साहित्य में सम्माननीय स्थान मिला हुआ है। वो ख़ताई (पाप करने वाला) के नाम से लिखता था। . अरबी लिपि में लिखा शब्द-युग्म "मुहम्मद अली" इस शिया विश्वास को दिखाता है कि मुहम्मद और अली में निष्ठा दिखाना एक समान ही है। इसको उलटा घुमा देने पर यह "अली मुहम्मद" बन जाता है। शिया एक मुसलमान सम्प्रदाय है। सुन्नी सम्प्रदाय के बाद यह इस्लाम का दूसरा सबसे बड़ा सम्प्रदाय है जो पूरी मुस्लिम आबादी का केवल १५% है। सन् ६३२ में हजरत मुहम्मद की मृत्यु के पश्चात जिन लोगों ने अपनी भावना से हज़रत अली को अपना इमाम (धर्मगुरु) और ख़लीफा (नेता) चुना वो लोग शियाने अली (अली की टोली वाले) कहलाए जो आज शिया कहलाते हैं। लेकिन बहोत से सुन्नी इन्हें "शिया" या "शियाने अली" नहीं बल्कि "राफज़ी" (अस्वीकृत लोग) नाम से बुलाते हैं ! इस धार्मिक विचारधारा के अनुसार हज़रत अली, जो मुहम्मद साहब के चचेरे भाई और दामाद दोनों थे, ही हजरत मुहम्मद साहब के असली उत्तराधिकारी थे और उन्हें ही पहला ख़लीफ़ा (राजनैतिक प्रमुख) बनना चाहिए था। यद्यपि ऐसा हुआ नहीं और उनको तीन और लोगों के बाद ख़लीफ़ा, यानि प्रधान नेता, बनाया गया। अली और उनके बाद उनके वंशजों को इस्लाम का प्रमुख बनना चाहिए था, ऐसा विशवास रखने वाले शिया हैं। सुन्नी मुसलमान मानते हैं कि हज़रत अली सहित पहले चार खलीफ़ा (अबु बक़र, उमर, उस्मान तथा हज़रत अली) सतपथी (राशिदुन) थे जबकि शिया मुसलमानों का मानना है कि पहले तीन खलीफ़ा इस्लाम के गैर-वाजिब प्रधान थे और वे हज़रत अली से ही इमामों की गिनती आरंभ करते हैं और इस गिनती में ख़लीफ़ा शब्द का प्रयोग नहीं करते। सुन्नी मुस्लिम अली को (चौथा) ख़लीफ़ा भी मानते है और उनके पुत्र हुसैन को मरवाने वाले ख़लीफ़ा याजिद को कई जगहों पर पथभ्रष्ट मुस्लिम कहते हैं। इस सम्प्रदाय के अनुयायियों का बहुमत मुख्य रूप से इरान,इराक़,बहरीन और अज़रबैजान में रहते हैं। इसके अलावा सीरिया, कुवैत, तुर्की, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, ओमान, यमन तथा भारत में भी शिया आबादी एक प्रमुख अल्पसंख्यक के रूप में है। शिया इस्लाम के विश्वास के तीन उपखंड हैं - बारहवारी, इस्माइली और ज़ैदी। एक मशहूर हदीस मन्कुनतो मौला फ़ हा जा अली उन मौला, जो मुहम्मद साहब ने गदीर नामक जगह पर अपने आखरी हज पर खुत्बा दिया था, में स्पष्ट कह दिया था कि मुसलमान समुदाय को समुदाय अली के कहे का अनुसरण करना है। .

इस्माईल प्रथम और शिया इस्लाम के बीच समानता

इस्माईल प्रथम और शिया इस्लाम आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): ईरान, अली इब्न अबी तालिब

ईरान

ईरान (جمهوری اسلامی ايران, जम्हूरीए इस्लामीए ईरान) जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। इसे सन १९३५ तक फारस नाम से भी जाना जाता है। इसकी राजधानी तेहरान है और यह देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है। यहां का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है। प्राचीन काल में यह बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। ईरान को १९७९ में इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। यहाँ के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। राजधानी तेहरान में देश की १५ प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान में फारसी, अजरबैजान, कुर्द और लूर सबसे महत्वपूर्ण जातीय समूह हैं .

इस्माईल प्रथम और ईरान · ईरान और शिया इस्लाम · और देखें »

अली इब्न अबी तालिब

अली इब्ने अबी तालिब (अरबी: علی ابن ابی طالب) का जन्‍म 17 मार्च 600 (13 रजब 24 हिजरी पूर्व) मुसलमानों के तीर्थ स्थल काबा के अन्दर हुआ था। वे पैगम्बर मुहम्मद (स.) के चचाजाद भाई और दामाद थे और उनका चर्चित नाम हज़रत अली है। वे मुसलमानों के खलीफा के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने 656 से 661 तक राशिदून ख़िलाफ़त के चौथे ख़लीफ़ा के रूप में शासन किया, और शिया इस्लाम के अनुसार वे632 to 661 तक पहले इमाम थे। इसके अतिरिक्‍त उन्‍हें पहला मुस्लिम वैज्ञानिक भी माना जाता है। उन्‍होंने वैज्ञानिक जानकारियों को बहुत ही रोचक ढंग से आम आदमी तक पहुँचाया था। .

अली इब्न अबी तालिब और इस्माईल प्रथम · अली इब्न अबी तालिब और शिया इस्लाम · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

इस्माईल प्रथम और शिया इस्लाम के बीच तुलना

इस्माईल प्रथम 8 संबंध है और शिया इस्लाम 38 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 4.35% है = 2 / (8 + 38)।

संदर्भ

यह लेख इस्माईल प्रथम और शिया इस्लाम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »