13 संबंधों: नारंगी, नीला, प्रतिरोधक, पीला, बैंगनी (रंग), भूरा, लाल, श्वेत, सार्थक अंक, संधारित्र, हरा, वर्णान्धता, काला।
नारंगी
नारंगी एक फल, उसके पेङ तथा सम्बंधित रंग को कहते हैं।.
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नीला
नीला रंग वह है, जिसे प्रकाश के प्रत्यक्ष वर्णक्रम की 440–490 nm की तरंगदैर्घ्य द्वारा दृश्य किया जाता है। यह एक संयोजी प्राथमिक रंग है। इसका सम्पूरक रंग पीला है, यदि HSL एवं HSV वर्ण चक्र पर देखें तो। परंपरागत वर्णचक्र पर इसका सम्पूरक रंग है नारंगी। भारत का राष्ट्रीय क्रीडा़ रंग भी नीला ही है। यह धर्म-निर्पेक्षता दिखलाता है। .
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प्रतिरोधक
नियत मान वाले कुछ प्रतिरोधक प्रतिरोधक (resistor) दो सिरों वाला वैद्युत अवयव है जिसके सिरों के बीच विभवान्तर उससे बहने वाली तात्कालिक धारा के समानुपाती (या लगभग समानुपाती) होता है। ये विभिन्न आकार-प्रकार के होते हैं। इनसे होकर धारा बहने पर इनके अन्दर उष्मा उत्पन्न होती है। कुछ प्रतिरोधक ओम के नियम का पालन करते हैं जिसका अर्थ है कि -; V .
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पीला
पीला एक रंग है जो कि मानवीय चक्षु के शंकुओं में लम्बे एवं मध्यम, दोनों तरंग दैर्घ्य वालों को प्रभावित करता है। यह वह वर्ण है, जिसमें लाल एवं हरा वर्ण बाहुल्य में, एवं नीला वर्ण न्यून हो। इस का तरंग दैर्घ्य 570–580 nm है। .
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बैंगनी (रंग)
बैंगनी रंग एक सब्जी़ बैंगन के नाम पर रखा हुआ नाम है। अँग्रेजी़ में इसे वॉय्लेट कहते हैं, जो कि इसी नाम के फूल के नाम पर रखा है। इसकी तरंग दैर्घ्य 380–420 nm होती है, जिसके बाद इंडिगो रंग होता है। यह प्रत्यक्ष वर्णचक्र के ऊपरी छोर पर स्थित होता है। यह प्रत्यक्ष स्पॅक्ट्रम के नीला एवं हरा रंग के बीच में, लगभग 380-450 nm के तरंग दैर्घ्य में मिलता है। Subtractive color में यह प्राथमिक रंग माना जाता है। सब्जी़ जिसके सिर पर ताज है:- बैंगन .
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भूरा
भूरा एक रंग है। यह लाल, नारंगी एवं पीले रंग के गहरे शेड में होता है। .
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लाल
लाल वर्ण को रक्त वर्ण भी कहा जाता है, कारण इसका रक्त के रंग का होना। लाल वर्ण प्रकाश की सर्वाधिक लम्बी तरंग दैर्घ्य वाली रोशनी या प्रकाश किरण को कहते हैं, जो कि मानवीय आँख द्वारा दृश्य हो। इसका तरंग दैर्घ्य लगभग625–740 nm तक होता है। इससे लम्बी तरंग को अधोरक्त कहते हैं, जो कि मानवीय चक्षु द्वारा दृश्य नहीं है। लाल रंग प्रकाश का संयोजी प्राथमिक रंग है, जो कि क्याना रंग का सम्पूरक है। लाल रंग सब्ट्रेक्टिव प्राथमिक रंग भी है RYB वर्ण व्योम में, परंतु CMYK वर्ण व्योम में नहीं। मानवीय रंग मनोविज्ञान में, लाल रंग जुडा़ है ऊष्मा, ऊर्जा एवं रक्त से, साथ ही वे भावनाएं जो कि रक्त से जुडी़ हैं। जैसे कि क्रोध, आवेश, प्रेम। .
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श्वेत
श्वेत रंग प्रत्यक्ष प्रकाश के सभी रंगों को मिलाने पर बनता है।.
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सार्थक अंक
किसी रासी के मापन में प्रयुक्त वे अंक जो मापक यंत्र की याथार्थ के अंतर्गत उस रासी के मान को व्यक्त करते है सार्थक अंक कहलाते है निम्नलिखित अंकों को छोड़कर सभी अंक सार्थक माने जाते हैं-.
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संधारित्र
विभिन्न प्रकार के आधुनिक संधारित्र समान्तर प्लेट संधारित्र का एक सरल रूप संधारित्र या कैपेसिटर (Capacitor), विद्युत परिपथ में प्रयुक्त होने वाला दो सिरों वाला एक प्रमुख अवयव है। यदि दो या दो से अधिक चालकों को एक विद्युत्रोधी माध्यम द्वारा अलग करके समीप रखा जाए, तो यह व्यवस्था संधारित्र कहलाती है। इन चालकों पर बराबर तथा विपरीत आवेश होते हैं। यदि संधारित्र को एक बैटरी से जोड़ा जाए, तो इसमें से धारा का प्रवाह नहीं होगा, परंतु इसकी प्लेटों पर बराबर मात्रा में घनात्मक एवं ऋणात्मक आवेश संचय हो जाएँगे। विद्युत् संधारित्र का उपयोग विद्युत् आवेश, अथवा स्थिर वैद्युत उर्जा, का संचय करने के लिए तथा वैद्युत फिल्टर, स्नबर (शक्ति इलेक्ट्रॉनिकी) आदि में होता है। संधारित्र में धातु की दो प्लेटें होतीं हैं जिनके बीच के स्थान में कोई कुचालक डाइएलेक्ट्रिक पदार्थ (जैसे कागज, पॉलीथीन, माइका आदि) भरा होता है। संधारित्र के प्लेटों के बीच धारा का प्रवाह तभी होता है जब इसके दोनों प्लेटों के बीच का विभवान्तर समय के साथ बदले। इस कारण नियत डीसी विभवान्तर लगाने पर स्थायी अवस्था में संधारित्र में कोई धारा नहीं बहती। किन्तु संधारित्र के दोनो सिरों के बीच प्रत्यावर्ती विभवान्तर लगाने पर उसके प्लेटों पर संचित आवेश कम या अधिक होता रहता है जिसके कारण वाह्य परिपथ में धारा बहती है। संधारित्र से होकर डीसी धारा नही बह सकती। संधारित्र की धारा और उसके प्लेटों के बीच में विभवान्तर का सम्बन्ध निम्नांकित समीकरण से दिया जाता है- जहाँ: .
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हरा
हरा एक रंग है। .
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वर्णान्धता
इन्द्रधनुष के सात रंग। जिस व्यक्ति की दृष्टि में किसी भी प्रकार की वर्णांधता नहीं होगी उसे ये सातों रंग दिखेंगे। नीचे से उपर की तरफ ये सात रंग हैं - बैगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी, लाल इशिहारा वर्ण प्लेटें: जिस व्यक्ति को किसी प्रकार की वर्णांधता नहीं होगी उसे इस प्लेट में '''74''' लिखा देखेगा। द्विवर्णता (डाइक्रोमैसी) या त्रिवर्णता (ट्राईक्रोमेसी) से ग्रसित व्यक्तियों को इसमें '''21''' दिखेगा। एक्रोमैटोप्सिया से ग्रसित व्यक्ति को इसमें कोई संख्या नहीं दिखेगी। वर्णांधता (Colourblindness) आँखों का एक रोग है जिसमें रोगी को किसी एक या एक से अधिक रंगों का बोध नहीं हो पाता है; जिससे उसकी रंगबोध की शक्ति साधारण व्यक्तियों के रंगबोध की शक्ति से कम होती है। यह रोग जन्म से हो सकता है, अथवा कतिपय रोगों के बाद उत्पन्न हो सकता है। साधारण व्यक्ति रंग के हलकेपन या गहरेपन का भली भाँति बोध (perception) कर सकता है। पर इस रोग में व्यक्ति की रंगों के गहरेपन का बोध या रंगों को पहचानने की शक्ति लुप्त हो जाती है। वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम /spectrum) के एक रंग अथवा रंगों के मिश्रण के बोध के लोप होने के आधार पर रोग के पृथक्-पृथक् वर्ग तथा उनके नाम भी हैं। .
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काला
काला एक रंग है। श्रेणी:रंग.
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