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इरा त्रिवेदी

सूची इरा त्रिवेदी

ईरा त्रिवेदी एक भारतीय जन्म का लेखक, स्तंभकार और योग आचार्य है। उनके कार्यों में 'भारत में प्यार: 21 वीं सदी में विवाह और कामुकता' ', आप क्या बचाएंगे द वर्ल्ड? (पेंगुइन बुक्स), द ग्रेट इंडियन प्यार को लिया गया 'क्या आप दुनिया को बचाने के लिए क्या करना होगा?' स्टोरी (पेंगुइन बुक्स) और वॉल स्ट्रीट पर नो लव (पेंगुइन बुक्स)। पेंगुइन इंडिया ' पेंगुइन मैं 'वॉल स्ट्रीट पर कोई प्यार नहीं है' भारत ', 7 फरवरी 2011। वह उपन्यास और गैर कल्पना दोनों लिखते हैं। भारत में महिलाओं और लिंग के मुद्दों पर उनकी गैर कथा और पत्रकारिता का फ़ोकस। ओम द योग कुत्ता के चरित्र को पेश करने वाले बच्चों के लिए उनकी पुस्तक मेरी किताब की योग, एक किताब, 21 जून 2016 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बाहर आ गई। .

6 संबंधों: डेक्कन हेराल्ड, द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, मानव कामुकता, योग, योग का इतिहास, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

डेक्कन हेराल्ड

डेक्कन हेराल्ड भारत में प्रकाशित होने वाला एक अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र है।.

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द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया

द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया (The Times of India, TOI के रूप में संक्षेपाक्षरित) भारत में प्रकाशित एक अंग्रेज़ी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है। इसका प्रबन्धन और स्वामित्व बेनेट कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा किया जाता है। दुनिया में सभी अंग्रेजी भाषा के व्यापक पत्रों में इस अखबार की प्रसार संख्या सर्वाधिक है। 2005 में, अखबार ने रिपोर्ट दी कि (24 लाख से अधिक प्रसार के साथ) इसे ऑडिट बुरो ऑफ़ सर्क्युलेशन के द्वारा दुनिया के सबसे ज्यादा बिकने वाले अंग्रेजी भाषा के सामान्य समाचार पत्र के रूप में प्रमाणित किया गया है। इसके वावजूद भारत के भाषायी समाचार पत्रों (विशेषत: हिन्दी के अखबारों) की तुलना में इसका प्रसार बहुत कम है। टाइम्स ऑफ इंडिया को मीडिया समूह बेनेट, कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा प्रकाशित किया जाता है, इसे टाइम्स समूह के रूप में जाना जाता है, यह समूह इकॉनॉमिक टाइम्स, मुंबई मिरर, नवभारत टाइम्स (एक हिंदी भाषा का दैनिक), दी महाराष्ट्र टाइम्स (एक मराठी भाषा का दैनिक) का भी प्रकाशन करता है। .

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मानव कामुकता

मानव कामुकता वह तरीका है जिससे लोग कामुक रूप से अपने आप को अनुभव और अभिव्यक्त करते हैं। इसमें जैविक, कामुक, शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक या आध्यात्मिक भावनाएँ और व्यवहार शामिल हैं। चूंकि यह व्यापक शब्द है, जो समय के साथ बदला हुआ है, इसकी कोई एक सटीक परिभाषा नहीं है। कामुकता के जैविक और शारीरिक पहलू मानव प्रजनन कार्यों से मुख्य रूप से सम्बन्धित हैं, जिसमें मानव कामुक अनुक्रिया चक्र शामिल है। किसी का यौन अभिविन्यास (सेक्सुअल ओरिएंटेशन) उस व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के लिए यौन रुचि और आकर्षण को प्रभावित कर सकता हैं। कामुकता के शारीरिक और भावनात्मक पहलुओं में व्यक्तियों के बीच बन्धन (बॉण्ड) होता हैं जो गहरी भावनाओं या प्रेम, विश्वास और देखभाल की शारीरिक अभिव्यक्तियों के माध्यम से व्यक्त किया जाता है। सामाजिक पहलुओं को किसी के कामुकता पर मानव समाज के प्रभाव से निपटना पड़ता है, जबकि अध्यात्म का संदर्भ एक व्यक्ति के दूसरे के साथ आध्यात्मिक संबंध से है। कामुकता जीवन के सांस्कृतिक, राजनीतिक, कानूनी, दार्शनिक, नैतिक, नीतिशास्त्रीय और धार्मिक पहलुओं को प्रभावित करती है और उनसे प्रभावित भी होती हैं। यौन गतिविधि में रुचि आमतौर पर बढ़ जाती है जब कोई व्यक्ति यौवनारम्भ (प्यूबर्टी) तक पहुंचता है। किसी व्यक्ति के यौन अभिविन्यास और यौन व्यवहार की उत्पत्ति पर राय भिन्न हैं। कुछ लोग तर्क देते हैं कि कामुकता आनुवांशिकी द्वारा निर्धारित होती है, जबकि दूसरों का मानना है कि यह पर्यावरण द्वारा ढाली जाती है, या ये दोनों कारक व्यक्तिगत यौन अभिविन्यास बनाने के लिए परस्पर क्रिया करते हैं। यह प्रकृति बनाम पोषण विवाद से संबंधित हैं। .

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योग

पद्मासन मुद्रा में यौगिक ध्यानस्थ शिव-मूर्ति योग भारत और नेपाल में एक आध्यात्मिक प्रकिया को कहते हैं जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है। यह शब्द, प्रक्रिया और धारणा बौद्ध धर्म,जैन धर्म और हिंदू धर्म में ध्यान प्रक्रिया से सम्बंधित है। योग शब्द भारत से बौद्ध धर्म के साथ चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण पूर्व एशिया और श्री लंका में भी फैल गया है और इस समय सारे सभ्य जगत्‌ में लोग इससे परिचित हैं। इतनी प्रसिद्धि के बाद पहली बार ११ दिसंबर २०१४ को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष २१ जून को विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता दी है। भगवद्गीता प्रतिष्ठित ग्रंथ माना जाता है। उसमें योग शब्द का कई बार प्रयोग हुआ है, कभी अकेले और कभी सविशेषण, जैसे बुद्धियोग, संन्यासयोग, कर्मयोग। वेदोत्तर काल में भक्तियोग और हठयोग नाम भी प्रचलित हो गए हैं पतंजलि योगदर्शन में क्रियायोग शब्द देखने में आता है। पाशुपत योग और माहेश्वर योग जैसे शब्दों के भी प्रसंग मिलते है। इन सब स्थलों में योग शब्द के जो अर्थ हैं वह एक दूसरे के विरोधी हैं परंतु इस प्रकार के विभिन्न प्रयोगों को देखने से यह तो स्पष्ट हो जाता है, कि योग की परिभाषा करना कठिन कार्य है। परिभाषा ऐसी होनी चाहिए जो अव्याप्ति और अतिव्याप्ति दोषों से मुक्त हो, योग शब्द के वाच्यार्थ का ऐसा लक्षण बतला सके जो प्रत्येक प्रसंग के लिये उपयुक्त हो और योग के सिवाय किसी अन्य वस्तु के लिये उपयुक्त न हो। .

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योग का इतिहास

yoga योग_का_इतिहास योग परम्परा और शास्त्रों का विस्तृत इतिहास रहा है, यद्यपि इसका बहुत सारा इतिहास नष्टहो गया है। किन्तु जिस तरह राम के निशान इस भारतीय उपमहाद्वीप में जगह-जगह बिखरे पड़े है उसी तरह योगियों और तपस्वियों के निशान जंगलों, पहाड़ों और गुफाओं में आज भी देखे जा सकते है। .

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी जिसमें उन्होंने कहा: जिसके बाद 21 जून को " अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" घोषित किया गया। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को " अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। .

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