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इबोला वायरस रोग और मेड्सें सां फ्रंटियेर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

इबोला वायरस रोग और मेड्सें सां फ्रंटियेर के बीच अंतर

इबोला वायरस रोग vs. मेड्सें सां फ्रंटियेर

इबोला विषाणु रोग (EVD) या इबोला हेमोराहैजिक बुखार (EHF) इबोला विषाणु के कारण लगने वाला अत्यन्त संक्रामक एवं घातक रोग है। --> आम तौर पर इसके लक्षण वायरस के संपर्क में आने के दो दिनों से लेकर तीन सप्ताह के बीच शुरू होता है, जिसमें बुखार, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्दहोता है। --> आम तौर पर मतली, उल्टी और डायरिया होने के साथ-साथ जिगर और गुर्दाका कामकाज धीमा हो जाता है। --> इस स्थिति में, कुछ लोगों को खून बहने की समस्या शुरू हो जाती है। यह वायरस संक्रमित जानवर (सामान्यतया बंदर या फ्रुट बैट (एक प्रकार का चमगाद्ड़)के खून या के संपर्क में आने से होता है। (ref name. २०१५ में इन देशोँमे मेड्सें सां फ्रंटियेर सेवारत था मेड्सें सां फ्रंटियेर (Médecins Sans Frontières, या अनुवादित रूप में बिना सरहदोंके डॉक्टर) एक अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी गैर-सरकारी संगठन है जो युद्ध और स्थानिक रोग से पिडीत देशोँमे सेवा करता है। इस संगठन से ३०,००० से ज्यादा और ७० से अधीक देशोंके लोग जुडे हुए हैं जिनमें ज्यादातर स्थानीय डॉक्टर, नर्स और अन्य चिकित्सा पेशेवर, सैन्य विशेषज्ञ, जल और स्वच्छता इंजीनियर और प्रशासक है। मेड्सें सां फ्रंटियेर की स्थापना १९७१ में फ्रांस में हुई। संगठन को १९९१ में फिलाडेल्फिया लिबर्टी मेडल और १९९९ में कई महाद्वीपों पर अग्रणी मानवतावादी कार्य के लिए नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया। .

इबोला वायरस रोग और मेड्सें सां फ्रंटियेर के बीच समानता

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इबोला वायरस रोग और मेड्सें सां फ्रंटियेर के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख इबोला वायरस रोग और मेड्सें सां फ्रंटियेर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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