लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

इत्सिंग और चीनी ज्योतिष

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

इत्सिंग और चीनी ज्योतिष के बीच अंतर

इत्सिंग vs. चीनी ज्योतिष

इत्सिंग का यात्रा-पथ इत्सिंग एक चीनी यात्री एवं बौद्ध भिक्षु था, जो ६७१-६९५ ई. में भारत आया था। वह ६७५ ई में सुमात्रा के रास्ते समुद्री मार्ग से भारत आया था और 10 वर्षों तक 'नालन्दा विश्वविद्यालय' में रहा था। उसने वहाँ के प्रसिद्ध आचार्यों से संस्कृत तथा बौद्ध धर्म के ग्रन्थों को पढ़ा। 691 ई. में इत्सिंग ने अपना प्रसिद्ध ग्रन्थ 'भारत तथा मलय द्वीपपुंज में प्रचलित बौद्ध धर्म का विवरण' लिखा। उसने 'नालन्दा' एवं 'विक्रमशिला विश्वविद्यालय' तथा उस समय के भारत पर प्रकाश डाला है। इस ग्रन्थ से हमें उस काल के भारत के राजनीतिक इतिहास के बारे में तो अधिक जानकारी नहीं मिलती, परन्तु यह ग्रन्थ बौद्ध धर्म और 'संस्कृत साहित्य' के इतिहास का अमूल्य स्रोत माना जाता है।. चीन में ज्योतिष का इतिहास पाँच हजार वर्ष से अधिक पुराना है। वहाँ के मनीषियों ने अपनी ज्योतिष विद्या को पौर्वात्य देशों में विस्तारित किया है। भारत ही नहीं, विश्व के अलग-अलग भू-भागों में मानव-सभ्यता और संस्कृति समानान्तर रूप से साथ-साथ जन्मीं और विकसित हुई हैं। मानव-विकास की गाथा अनबूझ रहस्यों की परतें खोलने कि दिशा में प्रेरित किया। रहस्य की परत-दर-परत खोलते हुए मानव अतल गहराईयों में उतरता चला गया। फलस्वरूप विकास और विज्ञान निरन्तर बढ़ता गया। तथाकथित ज्ञान बहुरूपों में प्रकट हुआ। विश्व के किसी भी भू-भाग में जन्मने और विकसित होनेवाला चाहे धर्म हो, योग हो, दर्शन-मनोविज्ञान हो, वेद-वेदांग या ज्योतिष या अन्य कोई विधा हो, उसका मूल्य उदेश्य आत्म-ज्ञान प्राप्त करना, उसकी दिशा में बढ़ना और बढ़ते जाना ही रहा है। अध्यात्म का लक्ष्य तो यही है। विधा कोई भी हो, ये सब आत्मज्ञान की प्राप्ति हेतु मानव द्वारा किये गए शताब्दियों नहीं, सहस्राब्दियों के ज्ञान-पिपासु प्रयासों के साक्षात् प्रमाण हैं। चीनी ज्योतिष के अन्तर्गत ‘पशु-नामांकित राशि-चक्र’ भी इसी मूल उद्देश्य की प्रतिपूर्ति करता है। चीन, जापान, कोरिया, वियतनाम आदि देशों में यह बहुप्रचलित है। भारत में इसका प्रचलन तो दूर, इसके बारे में भी बहुत कम लोग थोड़ा-बहुत जानते होंगे। तथा किसी भी भारतीय भाषा के लिए चीन का यह ज्ञान अपरिचित है। चीनी ज्योतिष के अन्तर्गत ‘पशु-नामांकित राशि-चक्र’ में बारह राशियाँ हैं, जिन्हें चीन, जापान, कोरिया और वियतनाम में ‘वर्ष’ या ‘सम्बन्धित पशु-वर्ष’ के नाम से पुकारते हैं। ऐसी धारणा है कि चीन में लगभग 2000 साल पूर्व एक दिन, जिसे वियतनाम में ‘टेट’ कहा जाता है, चीन को संकट से उबारने के लिए भगवान बुद्ध ने सभी जानवरों को आमन्त्रित किया, किन्तु उस दिन वहाँ पर केवल बारह पशु ही पहुँचे-चूहा, बैल, चीता, बिल्ली, ड्रैगन, सर्प, अश्व, बकरी, वानर, मुर्ग, श्वान् यानी कुत्ता और सुअर। भगवान बुद्ध ने, जिस क्रम से ये पशु वहाँ पहुँचे थे, उसी क्रम में उन्हें वर्ष का अधिष्ठाता’ बना दिया; ये पशु-वर्ष हर बारह साल बाद पुनः चाक्रिकक्रम में वापस आ जाते हैं। भारतीय ज्योतिष की तरह इन एशियाई देशों की गणना चन्द्र-आधारित है। अन्तर यह है कि हमारे यहाँ एक राशि में ढाई दिन रहता है। जबकि चीन आदि देशों में यह गणना चान्द्र-वर्ष पर आधृत है- एक चान्द्र-वर्ष में 12 कृष्ण-पक्ष होते हैं 13वाँ बारह वर्ष बाद जुड़ता है- फलतः टेट का दिन कभी एक ही तारीख को नहीं पड़ता है। श्रेणी:ज्योतिष श्रेणी:चीनी ज्योतिष.

इत्सिंग और चीनी ज्योतिष के बीच समानता

इत्सिंग और चीनी ज्योतिष आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

इत्सिंग और चीनी ज्योतिष के बीच तुलना

इत्सिंग 19 संबंध है और चीनी ज्योतिष 0 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (19 + 0)।

संदर्भ

यह लेख इत्सिंग और चीनी ज्योतिष के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »