इटली का इतिहास और चौदहवाँ लुई
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इटली का इतिहास और चौदहवाँ लुई के बीच अंतर
इटली का इतिहास vs. चौदहवाँ लुई
प्राचीन रोम की प्रतीक मादा भेड़िया इटली का इतिहास ईसा पूर्व ९वीं शताब्दी से आरम्भ होता है। इसी समय वर्तमान इटली के केन्द्रीय भाग में इतालवी जनजातियों के अस्तित्व के प्रमाण मिलते हैं। भाषाई रूप से वे मुख्यतः तीन भाषाएँ बोलते थे- ओस्कान (Oscan), अम्ब्रिआन (Umbrian) तथा लातिन (Latin)। कालान्तर में ३५० ईसापूर्व जब रोम शक्तिशाली नगर-राज्य के रूप में उभरा तो लातिन संस्कृति का वर्चस्व स्थापित होता गया। रोमन पूर्व काल में ८वीं शती ईसापूर्व वृहत यूनान (Magna Graecia) नामक सभ्यता भी थी जब यूनानी लोग इटली के दक्षिणी भागों में बसने लगे थे। बाद में रोमन साम्राज्य का पूरे पश्चिमी योरप तथा भूमध्य क्षेत्र पर कई शताब्दियों तक वर्चस्व रहा। ४७६ ई के आसपास जब रोमन साम्राज्य का पतन हुआ तो इटली लगभग एक हजार वर्षों तक छोटे-छोटे नगर-राज्याँ के रूप में बिखरा रहा और अन्ततः विभिन्न विदेशी शक्तियों के अधीन आ गया। इटली के कुछ भागों पर स्पेनियों का अधिकार हो गया, कुछ पर आस्ट्रियाई तथा दूसरे विश्वयुद्ध में इटली ने धुरीराष्ट्रों का साथ दिया। मित्रराष्ट्रों की विजय के पश्चात् इटली से फासिस्त सत्ता का अंत हुआ। . Grand_monarch चौदहवाँ लुई (१६३८-१७१५ / Louis XIV) एक राजा था जिसने १६४३ से आजीवन फ्रांस पर शासन किया। उसका शासन ७२ वर्ष एवं ११० दिनों का था जो यूरोप के इतिहास में किसी भी राजा के शासनकाल से बड़ा है। १५ मई १६४३ को तेरहवें लुई का देहांत हो गया। अब उसका पुत्र लुई चौदहवाँ राजसिंहासन पर बैठा। उस समय उसकी आयु केवल पाँच वर्ष की थी। रिशल्यू के उपरांत राज्य की बागडोर कार्डिनल मेज़रिन के हाथ में आ गई थी। मेज़रिन ने रिशल्यू की ही नीति को पूर्णत: स्थायी रखा। चौदहवें लुई के राज्यारोहण के समय फ्रांस की सेनाएँ तीस वर्षीय युद्ध में जर्मनी में लड़ने में व्यस्त थीं। फिर भी फ्रांस में विद्रोहियों का सफलतापूर्वक दमन किया गया। चतुर्थ हेनरी व रिशल्यू दोनों ने फ्रांस में स्वेच्छाचारी राजसत्ता जमाने का यथेष्ट प्रयत्न किया था १६६१ में मेजरिन की मृत्यु के उपरांत चौदहवें लुई ने इस बात की घोषणा की कि वह स्वयं राज्य करेगा और मंत्रियों की सहायता की उसे कोई आवश्यकता नहीं है। लुई का कहना था, 'मैं ही राष्ट्र हूँ।' लुई के समय में फ्रांस के सर्वसाधारण को इस बात पर विश्वास दिलाया गया कि मनुष्य जाति के लाभ के लिए ही भगवान राजा को अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजता है। चौदहवें लुई के तत्कालीन वित्तमंत्री कोलबेर ने देश की आर्थिक उन्नति की जिसके परिणामस्वरूप युद्ध के साधन उपलब्ध हुए। लुई (१६६१ से १७१३ तक), फ्रांस की सीमाएँ बनाने के लिए यूरोप में युद्ध करता रहा। इनके डेवोल्यूशन (Devolution) का युद्ध (१६६७-१६६८), डचश् युद्ध (१६७२-१६७८), ऑग्सबर्ग की लीग का युद्ध (१६८९-१६९७) और स्पेन के उत्तराधिकार का युद्ध (१७०१-१७१३) प्रसिद्ध हैं। अंत में इन युद्धों से फ्रांस की आर्थिक दशा बहुत बिगड़ गई। ऐसा होते हुए भी चौदहवें लुई के समय में फ्रांस का सांस्कृतिक अभ्युदय कुछ आश्चर्यजनक गति से हुआ। उसके समय के कला कौशल और सांस्कृतिक श्रेष्ठता का सिक्का यूरोप के हृदय पर अब भी जमा हुआ है। पेरिस से बारह मील दूर वर्साय में उसने अपने रहने के लिए एक राजप्रासाद बनवाया था। प्रासाद की लागत उस समय लगभग इक्कीस करोड़ रुपए था। वर्साय भर में बाग, बगीचे, झरने, छोटे तथा बड़े प्रासाद ही दिखाई देते थे। कला क्षेत्र में भी फ्रांस को अपूर्व मर्यादा प्राप्त हुई। कार्ने (Corneille, १६०६-१६८४) और मौल्येअर (१६२२-१६७३) प्रसिद्ध नाटककार थे। मडाम डी सेवीनये (Sevigne) (१६२६-१६९६), ला फॉनटेन (१६२१-१६९५) और रेसीन (१६३९-१६९९) के लेखों और शब्दों के प्रयोग ने फ्रेंच भाषा को समस्त यूरोप में सर्वप्रिय बना दिया था। इंग्लैंड के खाने के सूचीपत्र (menu) आज तक फ्रेंच में छपते हैं। फ्रांस को यह गौरव १४वें लुई के समय से ही प्राप्त हुआ। शिल्प विद्या, मूर्तिकला, चित्रकला तथा संगीत में फ्रांस के कलाकारों ने यूरोप की कलाशैली पर बहुत प्रभाव डाला। फ्रांस की राजनीतिक श्रेष्ठता के कारण फ्रांस की कला को और भी प्रतिष्ठा मिली। इस सांस्कृतिक उन्नति के कारण उसका राज्यकाल फ्रांस का स्वर्णयुग बन गया। उसका राज्यकाल यूरोपीय इतिहास में 'चौदहवें लुई का युग' कहलाता है। लुई जितना प्रतापी राजा था, उतना ही दु:खद उसका अंत हुआ। अपने अंतिम दिनों में बूढ़ा और क्षीण लुई, स्पष्ट देख रहा था, कि उसके युद्धों के परिणामस्वरूप हुई क्षति के कारण उसकी प्रजा दु:खी है, कृषक भूखे हैं और मध्यवर्ग के लोग निर्धन होते चले जा रहे हैं। लुई का केवल एक पुत्र था। सम्राट् ने उसे शिक्षा देने का भरसक प्रयत्न किया परंतु वह अनपढ़ ही रहा। १ सितंबर, १७१५ को चौदहवें लुई का देहांत हुआ। श्रेणी:फ़्रांस का इतिहास.
इटली का इतिहास और चौदहवाँ लुई के बीच समानता
इटली का इतिहास और चौदहवाँ लुई आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): फ़्रान्स।
फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .
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- इटली का इतिहास और चौदहवाँ लुई के बीच समानता
इटली का इतिहास और चौदहवाँ लुई के बीच तुलना
इटली का इतिहास 22 संबंध है और चौदहवाँ लुई 2 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.17% है = 1 / (22 + 2)।
संदर्भ
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