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इटली और राजनयिक इतिहास

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

इटली और राजनयिक इतिहास के बीच अंतर

इटली vs. राजनयिक इतिहास

इटली यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसकी मुख्यभूमि एक प्रायद्वीप है। इटली के उत्तर में आल्प्स पर्वतमाला है जिसमें फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया तथा स्लोवेनिया की सीमाएँ आकर लगती हैं। सिसली तथा सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर के दो सबसे बड़े द्वीप हैं, इटली के ही अंग हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया। इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है। इटली की जनसंख्या २००८ में ५ करोड़ ९० लाख थी। देश का क्षेत्रफल ३लाख वर्ग किलोमीटर के आसपास है। १९९१ में यहाँ की सरकार के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद यहाँ की राजनैतिक सत्ता और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं। रोम यहाँ की राजधानी है और अन्य प्रमुख नगरों में वेनिस, मिलान इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। . हारुन अल रशीद, शारलेमेन के एक प्रतिनिधिमंडल से बगदाद में मिलते हुए (जूलिअस कोकर्ट द्वारा १८६४ में चित्रित) राजनयिक इतिहास (Diplomatic history) से आशय राज्यों के बीच अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्धों के इतिहास से है। किन्तु राजनयिक इतिहास अन्तराष्ट्रीय सम्बन्ध से इस अर्थ में भिन्न है कि अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध के अन्तर्गत दो या दो से अधिक राज्यों के परस्पर सम्बन्धों का अध्ययन होता है जबकि राजनयिक इतिहास किसी एक राज्य की विदेश नीति से सम्बन्धित हो सकता है। राजनयिक इतिहास का झुकाव अधिकांशतः राजनय के इतिहास (history of diplomacy) की ओर होता है जबकि अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध समसामयिक घटनाओं पर अधिक ध्यान देता है। राजनय एक कला है जिसे अपना कर दुनिया के राज्य अपने पारस्परिक सम्बन्धों को बढ़ाते हुए अपनी हित साधना करते हैं। राजनय के सुपरिभाषित लक्ष्य तथा उनकी सिद्धि के लिए स्थापित कुशल यंत्र के बाद इसके वांछनीय परिणामों की उपलब्धि उन साधनों एवं तरीकों पर निर्भर करती है जिन्हें एक राज्य द्वारा अपनाने का निर्णय लिया जाता है। दूसरे राज्य इन साधनों के आधार पर ही राजनय के वास्तविक लक्ष्यों का अनुमान लगाते हैं। यदि राजनय के साधन तथा लक्ष्यों के बीच असंगति रहती है तो इससे देश कमजोर होता है, बदनाम होता है तथा उसकी अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा गिर जाती है। इस दृष्टि्र से प्रत्येक राज्य को ऐसे साधन अपनाने चाहिये जो दूसरे राज्यों में उसके प्रति सद्भावना और विश्वास पैदा कर सकें। इसके लिए यह आवश्यक है कि राज्य अपनी नीतियों को स्पष्ट रूप से समझाये, दूसरे राज्यों के न्यायोचित दावों को मान्यता दे तथा ईमानदारीपूर्ण व्यवहार करे। बेईमानी तथा चालबाजी से काम करने वाले राजनयज्ञ अल्पकालीन लक्ष्यों में सफलता पा लेते हैं किन्तु कुल मिलाकर वे नुकसान में ही रहते हैं। दूसरे राज्यों में उनके प्रति अविश्वास पैदा होता है तथा वे सजग हो जाते हैं। अतः राजनय के तरीकों का महत्व है। राजनय के साधनों का निर्णय लेते समय यह ध्यान रखना चाहिये कि इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के प्रमुख हितों की रक्षा करना है। ठीक यही उद्देश्य अन्य राज्यों के राजनय का भी है। अतः प्रत्येक राजनय को पारस्परिक आदान-प्रदान की नीति अपनानी चाहिये। प्रत्येक राज्य के राजनयज्ञों की कम से कम त्याग द्वारा अधिक से अधिक प्राप्त करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिये विरोधी हितों के बीच समझौता करना जरूरी है। समझौते तथा सौदेबाजी का यह नियम है कि कुछ भी प्राप्त करने के लिए कुछ न कुछ देना पड़ता है। यह आदान-प्रदान राजनय का एक व्यावहारिक सत्य है। इतिहास में ऐसे भी उदाहरण मिलते हैं जबकि एक शक्तिशाली बड़े राज्य ने दूसरे कमजोर राज्य को अपनी मनमानी शर्तें मानने के लिए बाध्य किया तथा समझौतापूर्ण आदान-प्रदान की प्रक्रिया न अपना कर एक पक्षीय बाध्यता का मार्ग अपनाया। इस प्रकार लादी गई शर्तों का पालन सम्बन्धित राज्य केवल तभी तक करता है जब तक कि वह ऐसा करने के लिए मजबूर हो और अवसर पाते ही वह उनके भार से मुक्त हो जाता है। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद मित्र राष्ट्रोंं ने जर्मनी को सैनिक, आर्थिक, व्यापारिक एवं प्रादेशिक दृष्टि्र से बुरी तरह दबाया। क्षतिपूर्ति की राशि अदा करने के लिए उनसे खाली चैक पर हस्ताक्षर करा लिये गये तब जर्मनी एक पराजित और दबा हुआ राज्य था। अतः उसने यह शोषण मजबूरी में स्वीकार कर लिया किन्तु कुछ समय बाद हिटलर के नेतृत्व में जब वह समर्थ बना तो उसने इन सभी शर्तों को अमान्य घोषित कर दिया। स्पष्ट है कि पारस्परिक आदान-प्रदान ही स्थायी राजनय का आधार बन सकता है। बाध्यता, बेईमानी, धूर्तता, छल-कपट एवं केवल ताकत पर आधारित सम्बन्ध अल्पकालीन होते हैं तथा दूसरे पक्ष पर विरोधी प्रभाव डालते हैं।फलतः उनके भावी सम्बन्धों में कटुता आ जाती है। राजनय के साधन और तरीकों का विकास राज्यों के आपसी सम्बन्धों के लम्बे इतिहास से जुड़ा हुआ है। इन पर देश-काल की परिस्थितियों ने भी प्रभाव डाला है। तदनुसार राजनीतिक व्यवहार भी बदलता रहा है। विश्व के विभिन्न देशों के इतिहास का अवलोकन करने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि राजनयिक आचार का तरीका प्रत्येक देश का अपना विशिष्ट रहा है। यहाँ हम यूनान, रोम, इटली, फ्रांस तथा भारत में अपनाए राजनयिक आचार के तरीकों का अध्ययन करेंगे। .

इटली और राजनयिक इतिहास के बीच समानता

इटली और राजनयिक इतिहास आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): फ़्रान्स, मिलान, रोम, रोमन साम्राज्य, वेनिस

फ़्रान्स

फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

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मिलान

मिलान (इट:Milano) इटली का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। श्रेणी:इटली के नगर श्रेणी:यूरोप के आबाद स्थान.

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रोम

यह लेख इटली की राजधानी एवं प्राचीन नगर 'रोम' के बारे में है। इसी नाम के अन्य नगर संयुक्त राज्य अमरीका में भी है। स्तनधारियों की त्वचा पर पाए जाने वाले कोमल बाल (en:hair) के लिये बाल देखें। इसका पर्यायवाची शब्द रोयाँ या रोआँ (बहुवचन - रोएँ) है। ---- '''रोम''' नगर की स्थिति रोम (Rome) इटली देश की राजधानी है। .

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रोमन साम्राज्य

अपने महत्तम विस्तार पर 117 इस्वी में '''रोमन साम्राज्य''' रोमन साम्राज्य का उत्थान एवं पतन रोमन साम्राज्य (27 ई.पू. –- 476 (पश्चिम); 1453 (पूर्व)) यूरोप के रोम नगर में केन्द्रित एक साम्राज्य था। इस साम्राज्य का विस्तार पूरे दक्षिणी यूरोप के अलावे उत्तरी अफ्रीका और अनातोलिया के क्षेत्र थे। फारसी साम्राज्य इसका प्रतिद्वंदी था जो फ़ुरात नदी के पूर्व में स्थित था। रोमन साम्राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लातिनी और यूनानी भाषाएँ बोली जाती थी और सन् १३० में इसने ईसाई धर्म को राजधर्म घोषित कर दिया था। यह विश्व के सबसे विशाल साम्राज्यों में से एक था। यूँ तो पाँचवी सदी के अन्त तक इस साम्राज्य का पतन हो गया था और इस्तांबुल (कॉन्स्टेन्टिनोपल) इसके पूर्वी शाखा की राजधानी बन गई थी पर सन् १४५३ में उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) ने इसपर भी अधिकार कर लिया था। यह यूरोप के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। .

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वेनिस

यह इटली का एक प्रमुख नगर है। सुदूर देशों में स्थित इटली में एक छोटा सा शहर हैं वैनिस, मान्यता है कि इसकी प्राकृतिक खूबसूरती एक कलाचित्र के समान दिखाई देती है, यह शहर सांस्कृतिक एवं व्यापारिक केंद्र है। नहर पर गॉनडोला नाव में सवार होकर सैलानी घूमते हैं। हर साल वैनिस में 120 रैगाटा आयोजित किए जाते हैं। रोमांचित कर देने वाला रैगाटा खेल वैनिस में पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। हजारों लोग इस खेल में भाग लेते हैं। इस दौरान दर्शकों में उत्साह एवं तालियों की गूँज दूर तक सुनाई देती है। वैनिस के इतिहास एवं संस्कृति से परिपूर्ण कार्निवाल के भिन्न-भिन्न प्रकार के रंग इस पर्व में उभर कर आते हैं जहाँ पर सैलानियों एवं दर्शकों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता हैं एवं यह त्योहार सेंट मार्क स्क्वेयर में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। देश-विदेश से पर्यटक इस स्थान पर आते हैं और इस त्योहार का आनंद लेते हैं। कार्निवाल का प्रारम्भ 5 अक्टूबर से होता है और क्रिसमस तक चलता है। इस त्योहार को विशेष रूप से मनाया जाता है। यहाँ पर रंग बिरंगे मास्क पहनते हैं। रंगमंच पर नाटक में कलाकार मास्क पहने रहते हैं। सेनसा का पर्व रेनडेनटोर के पर्व यहाँ पर मनाए जाते हैं। इन पर्वों में यहाँ की संस्कृति, धर्म, मान्यता बुनी हुई है। अप्रैल से लेकर सितम्बर तक यहाँ पर नौकाओं आदि का भी आनंद उठा सकते हैं। यदि पयर्टक यहाँ के अन्य प्रसिद्ध स्थलों का भ्रमण करना चाहते हैं तो वे अकादमिया गैलरी में सजाए गए छायाचित्रों को देख सकते हैं। यह गैलरी वैनिस के प्रसिद्ध संग्रहालयों में से एक है। वैनिस के अठारहवीं शताब्दी के कलाचित्र यहाँ पर प्रदर्शित किए गए हैं। सैलानी भ्रमण के दौरान रीयाल्टो पुल पर शहर नजर आता है। यह पुल ग्रैंड कनाल पर बनाया गया है जिससे यात्रियों को सफर करने में आसानी हो। स्थानीय लोग ईसाई धर्म को मानते हैं एवं गिरजाघरों में भगवान की आराधना करते हैं। धार्मिक पर्वों के दौरान गिरजाघरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। मार्बल गिरजाघर या सेंटा मारिया वैनिस में स्थित है। शिल्पकारों ने इसे बहुत सुंदर प्रकार से इसे सुसज्जित किया है। क्रिसमस त्योहार के समय इस भव्य गिरजाघर को सजाया जाता है एवं एकत्रित व्यक्ति शांति की कामना करते हैं। वैनिस लोगों की शादियाँ यहाँ पर धूमधाम से मनाई जाती हैं। रंगमंच पर नाट्य कार्यक्रम हर साल रंगमंच प्रेमियों के लिए आयोजित किए जाते हैं। पर्यटक स्काला कॉट्रावीनी बोवोलो महल के विशेषता को देखने के लिए आते हैं जहाँ पर अनगिनत वृत्तखण्ड एवं सीढ़ियों को देखने के लिए यहाँ पर दर्शक आते हैं। वैनिस के प्रसिद्ध बंदरगाहों में से एक हैं वेनीशियन आर्सनल। प्राचीनकाल से यह जलसेना का केंद्र था। मनपसंद व्यंजनों में से मुख्य पिज्ज़ा एवं पास्ता यहाँ मिलते हैं। मांसाहारी व्यंजन के विभिन्न प्रकार के भोजन एवं सूप मिलते हैं। यदि यहाँ के स्थानीय व्यंजन को ढूँढ रहे हैं तब शहर के प्रसिद्ध मार्गों पर स्थित दुकानों पर सजाए गए लुभावने व्यंजनों का आनंद उठा सकते हैं। बोली जाने वाली प्रमुख भाषा हैं वेनीशीयन एवं स्पेनिश। नवंबर से लेकर जनवरी तक यहाँ का मौसम सामान्य रहता है एवं भ्रमण करने के सिए उपयुक्त हैं। श्रेणी:इटली के नगर श्रेणी:इटली में विश्व धरोहर स्थल.

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इटली और राजनयिक इतिहास के बीच तुलना

इटली 43 संबंध है और राजनयिक इतिहास 34 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 6.49% है = 5 / (43 + 34)।

संदर्भ

यह लेख इटली और राजनयिक इतिहास के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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