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इंजन और पवन चक्की

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

इंजन और पवन चक्की के बीच अंतर

इंजन vs. पवन चक्की

चार-स्ट्रोक वाला आन्तरिक दहन इंजन आजकल अधिकांश कामों में इस्तेमाल होता है इंजन या मोटर उस यंत्र या मशीन (या उसके भाग) को कहते हैं जिसकी सहायता से किसी भी प्रकार की ऊर्जा का यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरण होता है। इंजन की इस यांत्रिक ऊर्जा का उपयोग, कार्य करने के लिए किया जाता है। अर्थात् इंजन रासायनिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा, गतिज ऊर्जा या ऊष्मीय ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलने का कार्य करता है। वर्तमान युग में अंतर्दहन इंजन तथा विद्युत मोटरों का अत्यन्त महत्व है। . पवन चक्कियों का इस्तेमाल सदियों से होता आया है, लेकिन बिजली पैदा करने के लिए इसका विकास पिछली सदी में ही हुआ। पवन चक्की कई तरह की होती हैं, लेकिन जो सबसे अधिक प्रचलित हैं उनमें एक विशाल खंभे के ऊपरी भाग पर एक सिलेंडर लगा होता है जिसके मुंह पर 20 से 30 फ़ुट लम्बे और 3 से 4 फ़ुट चौड़े पंखे लगे रहते हैं। जब हवा चलती है तो ये पंखे घूमने लगते हैं। इससे पैदा हुई ऊर्जा को जेनेरेटर द्वारा बिजली में परिवर्तित किया जाता है। हमारे वायुमंडल में इतनी पवन ऊर्जा है जो दुनिया की वर्तमान बिजली खपत से पांच गुना अधिक बिजली पैदा कर सकती है। वर्ष 2008 में दुनिया की कुल बिजली खपत का 1.5 प्रतिशत हिस्सा पवन ऊर्जा से पैदा किया गया। लेकिन इस दिशा में तेज़ी से प्रगति हो रही है और बड़े स्तर पर विंड फ़ार्म बनाए जा रहे हैं। ऐसे काम करती है पवन चक्की डेनमार्क में 19 प्रतिशत बिजली इसी तरह पैदा की जाती है। भारत में इस समय पवन ऊर्जा से 9587.14 मेगावॉट बिजली पैदा करने की क्षमता है और 2012 तक इसमें 6000 मेगावॉट की बढ़ोतरी की जाएगी.

इंजन और पवन चक्की के बीच समानता

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संदर्भ

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